उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में जल्द ही वीवीआईपी श्रद्धालु और प्रोटोकॉल के पात्र (VVIP Devotees and Protocol Eligible) महाकाल के भक्तों के लिए नई व्यवस्था लागू होगी. ये भक्त 100 रुपए जमा करके पास के माध्यम से मंदिर में प्रवेश पा सकेंगे. इस राशि को मंदिर प्रशासन दान के रुप में लेगा. ये सुविधा 11 सितंबर से हरी फाटक ब्रिज के निचे ग्रामीण हाट बजार में बनने वाले नए प्रोटोकॉल कार्यालय में शुरू की जाएगी. इस पास को भक्त ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकेंगे.
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में हुआ निर्णय
शुक्रवार को बृहस्पति भवन में महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक (Mahakal Mandir Management Committee Meeting) हुई. इसमें कलेक्टर आशीष सिंह सहित महाकाल मंदिर के प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी और पण्डे पुजारियों की सहमति से फैसला लिया गया कि आगामी 11 सितंबर से प्रोटोकॉल से दर्शन करने वाले वीवीआईपी दर्शनार्थियों को 100 रुपए प्रति व्यक्ति भेंट राशि देनी होगी. प्रोटोकॉल दर्शन को और सुगम बनाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह जल्द ही हरी फाटक ब्रिज के निचे ग्रामीण हाट बाजार वाली जगह पर प्रोटोकॉल ऑफिस खोलने के बात कह रहे है.
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ऑफलाइन और ऑनलाइन भी मिलेंगे पास
कलेक्टर सिंह ने कहा कि वीवीआईपी और प्रोटोकॉल के पात्र लोगों को नए कार्यलय से पास मिलेंगे. प्रोटोकॉल वाले लोग कार्यालय में जाकर 100 रुपए जमा कराकर पास ले सकेंगे. इस पास में नाम मोबाइल नंबर और टोकन नंबर भी अंकित होगा. जो लोग कार्यालय में जाना नहीं चाहते या किसी कारण जा नहीं सकते उनके लिए ई-पास की सुविधा होगी. जिसमें श्रद्धालु घर बैठे एप के माध्यम से अपना प्रोटोकॉल का ई-पास निकाल सकते है.
ई -पास का प्रिंट लेकर भी श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे. कलेक्टर आशीष सिंह का मानना है कि इस तरह की सुविधा से प्रोटोकॉल के पात्र भक्तों को सुविधा मिलेगी. प्रोटोकॉल के नाम पर चल रही अनियमितता पर लगाम लगेगी.
क्या है प्रोटोकॉल भक्तों के लिए व्यवस्था
महाकाल के दरबार में कई वीवीआईपी लोग हाजरी लगाने आते है. जिनको प्रोटोकॉल से दर्शन की व्यवस्था मंदिर समिति ने की है. जिसमें प्रशासनिक अधिकारी, न्यायिक अधिकारी, राजनेता, मीडिया, साधु-संत, मंदिर के पुजारी परिवार सहित खास लोगों को प्रोटोकॉल के तहत दर्शन करवाया जाता है. इन सभी केटेगरी के लोगों को अब ई-पास से ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा.
कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि पास जारी करने का उद्देश्य मंदिर में दर्शन के नाम पर हो रही कालाबाजारी रोकना है. कई बार शिकायतें मिलती है कि लोग दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं से पैसे लेकर वीवीआईपी गेट से अंदर प्रवेश करवा देते हैं. इसी पर रोक लगाने के लिए ई-पास जारी किया जा रहा है.