उज्जैन। उज्जैन में मंगलवार को होने वाले 29 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिया रेलवेमेन के लगभग आठ हजार से अधिक रेलवे कर्मचारी जुटने वाले हैं. जिसमें यह कर्मचारी रेलवे के निजीकरण का विरोध और अपनी अन्य मांगों को लेकर सरकार के सामने हुंकार भरेंगे.
उन्होंने बताया कि इस सभा में अपनी 22 प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी. जिसमें नई पेंशन नीति रेलवे से हटाना, मिनिमम वेज में सुधार करना, सात लाख कर्मचारियों को रिस्क एंड हार्डशिप देना होगा रेलवे मे 12 घंटे की ड्यूटी रद्द करना और रेलवे में खाली पदों को भरना आदि शामिल है. इन सारे मुद्दों पर दो दिनों में चर्चा की जाएगी, इसके बाद एक एक्शन प्लान बनाकर सरकार के सामने रखा जाएगा.
रेलवे के निजीकरण के सवाल पर एनएफआईआर के जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि बड़े-बड़े उद्योग को फायदा पहुचाने के लिए और रेलवे के खत्म करने के लिए सरकार ने यह प्लान बनाया है. हम 13 लाख कर्मचारियों को एक करके इसका विरोध करेंगे.
एनएफआईआर के जनरल सेक्रेटरी ने कहा सरकार जनता को लूटने के लिए रेलवे का निजीकरण कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है, सरकार यदि जनता के हित में यह कर रही है, तो प्राइवेट को देने की कोई जरूरत नही है, निजी कंपनियां लोगों को लूटने का काम करेंगी, जबकि रेलवे जनता की सेवा के लिए होना चाहिए.