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सहारा इंडिया के खिलाफ सपाक्स ने छेड़ा मोर्चा, निवेशकों की राशि लौटाने के लिए सरकार दबाव डाले

सहारा इंडिया द्वारा निवेशकों की जमा राशि का भुगतान नहीं करने पर कार्रवाई को लेकर पार्टी सपाक्स ने मोर्चा खोल दिया है. सपाक्स के अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी ने उज्जैन में कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि निवेशकों की पूरी राशि मिल जाए. सरकार को सहारा इंडिया पर दबाव डालना चाहिए.

MP SAPAX against Sahara
सहारा इंडिया के खिलाफ सपाक्स ने छेड़ा मोर्चा
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Published : Jan 17, 2023, 5:14 PM IST

सहारा इंडिया के खिलाफ सपाक्स ने छेड़ा मोर्चा

उज्जैन। सहारा इंडिया वित्तीय कंपनी पूरे देश में कार्यरत है. कई ऐसे मामले हैं, जिसमें करोड़ों की राशि निवेशकों की सहारा को लौटानी है. कई प्रकरण भी मालिक व अन्य जिम्मेदारों के विरुद्ध दर्ज हो चुके हैं. लेकिन अब इसको लेकर चुनावी दौर से पहले सपाक्स ने मोर्चा खोल दिया है. पार्टी अध्यक्ष हीरा लाल त्रिवेदी ने उज्जैन में मीडिया से बातचीत में बताया कि हमने गृह मंत्रालय के नाम लिखित में आमजन के संदेश को पहुंचाया है. इसमें कहा है कि सहारा ने कुछ पैसा एंबीवैली में या सहारा रियल एस्टेट में इन्वेस्ट किया हो परंतु अभी भी कोऑपरेटिव सोसाइटी के खाते में काफी राशि बची हुई है और यह राशि ब्याज सहित इतनी हो गई है कि निवेशकों का मूलधन तत्काल लौटाया जा सकता है.

सहारा के पास अरबों की जमीन : इसके साथ ही सहारा ने सहारा क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी का जो पैसा रियल स्टेट में इन्वेस्ट किया था, उसमें सहारा के पास वर्तमान में जो भूमि उपलब्ध है, उसकी कीमत ही 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक होगी. ऐसी स्थिति में उसकी नीलामी कर भी निवेशकों को उक्त राशि लौटाई जा सकती है. निवेशकों को गुमराह ना किया जाए, पैसा लौटाया जाए. सरकारें इसको गंभीरता से लें. सभी जानते हैं कि कंपनी द्वारा बीते 7 वर्षों से निवेशकों की जमा राशि लौटाई नहीं जा रही है. सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण होने का हवाला देकर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार को गुमराह किया जा रहा है.

सभी जानते हैं सहारा ग्रुप की दो कंपनियां : सहारा रियल स्टेट और सहारा हाउसिंग कंपनी दोनों के प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में चल रहै हैं. जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 24000 करोड़ रुपए सहारा द्वारा जमा किए जाने हैं. अभी तक केवल 15000 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं. दूसरा प्रमुख विषय यह है कि सहारा ग्रुप द्वारा पूरे देश में नागरिकों से सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से लगभग 112 लाख करोड़ रुपया जमा कराया है. इसमें से अकेले मध्यप्रदेश में लगभग 20 हजार करोड़ की राशि निवेशकों ने जमा की है. देश में करीब 13 करोड़ नागरिकों ने निवेश किया है. मध्य प्रदेश में ही ऐसे निवेशकों की संख्या लगभग एक करोड़ होगी जो मध्यम वर्ग एवं निम्न मध्यम वर्ग के हैं. निवेशकों की गाढ़ी कमाई की राशि लोटाने हेतु राज्य सरकारों से एवं विभिन्न जिलों में कलेक्टरों को कई बार निवेशकों ने ज्ञापन दिए परंतु अभी तक किसी भी राज्य सरकार या कलेक्टर द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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यूपी में भी नहीं हुई कार्रवाई : सहारा इंडिया कंपनी का मुख्यालय लखनऊ उत्तर प्रदेश में है. वहां भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है. इसके अतिरिक्त भी सहारा ने सहारा क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी का जो पैसा रियल स्टेट में इन्वेस्ट किया था, उसमें सहारा के पास वर्तमान में जो भूमि उपलब्ध है, उसकी कीमत ही 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक होगी. ऐसी स्थिति में उसकी नीलामी कर भी निवेशकों को उक्त राशि लौटाई जा सकती है, परंतु इसके लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय को कठोर निर्णय लेना होंगे.

सहारा इंडिया के खिलाफ सपाक्स ने छेड़ा मोर्चा

उज्जैन। सहारा इंडिया वित्तीय कंपनी पूरे देश में कार्यरत है. कई ऐसे मामले हैं, जिसमें करोड़ों की राशि निवेशकों की सहारा को लौटानी है. कई प्रकरण भी मालिक व अन्य जिम्मेदारों के विरुद्ध दर्ज हो चुके हैं. लेकिन अब इसको लेकर चुनावी दौर से पहले सपाक्स ने मोर्चा खोल दिया है. पार्टी अध्यक्ष हीरा लाल त्रिवेदी ने उज्जैन में मीडिया से बातचीत में बताया कि हमने गृह मंत्रालय के नाम लिखित में आमजन के संदेश को पहुंचाया है. इसमें कहा है कि सहारा ने कुछ पैसा एंबीवैली में या सहारा रियल एस्टेट में इन्वेस्ट किया हो परंतु अभी भी कोऑपरेटिव सोसाइटी के खाते में काफी राशि बची हुई है और यह राशि ब्याज सहित इतनी हो गई है कि निवेशकों का मूलधन तत्काल लौटाया जा सकता है.

सहारा के पास अरबों की जमीन : इसके साथ ही सहारा ने सहारा क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी का जो पैसा रियल स्टेट में इन्वेस्ट किया था, उसमें सहारा के पास वर्तमान में जो भूमि उपलब्ध है, उसकी कीमत ही 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक होगी. ऐसी स्थिति में उसकी नीलामी कर भी निवेशकों को उक्त राशि लौटाई जा सकती है. निवेशकों को गुमराह ना किया जाए, पैसा लौटाया जाए. सरकारें इसको गंभीरता से लें. सभी जानते हैं कि कंपनी द्वारा बीते 7 वर्षों से निवेशकों की जमा राशि लौटाई नहीं जा रही है. सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण होने का हवाला देकर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार को गुमराह किया जा रहा है.

सभी जानते हैं सहारा ग्रुप की दो कंपनियां : सहारा रियल स्टेट और सहारा हाउसिंग कंपनी दोनों के प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में चल रहै हैं. जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 24000 करोड़ रुपए सहारा द्वारा जमा किए जाने हैं. अभी तक केवल 15000 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं. दूसरा प्रमुख विषय यह है कि सहारा ग्रुप द्वारा पूरे देश में नागरिकों से सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से लगभग 112 लाख करोड़ रुपया जमा कराया है. इसमें से अकेले मध्यप्रदेश में लगभग 20 हजार करोड़ की राशि निवेशकों ने जमा की है. देश में करीब 13 करोड़ नागरिकों ने निवेश किया है. मध्य प्रदेश में ही ऐसे निवेशकों की संख्या लगभग एक करोड़ होगी जो मध्यम वर्ग एवं निम्न मध्यम वर्ग के हैं. निवेशकों की गाढ़ी कमाई की राशि लोटाने हेतु राज्य सरकारों से एवं विभिन्न जिलों में कलेक्टरों को कई बार निवेशकों ने ज्ञापन दिए परंतु अभी तक किसी भी राज्य सरकार या कलेक्टर द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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यूपी में भी नहीं हुई कार्रवाई : सहारा इंडिया कंपनी का मुख्यालय लखनऊ उत्तर प्रदेश में है. वहां भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है. इसके अतिरिक्त भी सहारा ने सहारा क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी का जो पैसा रियल स्टेट में इन्वेस्ट किया था, उसमें सहारा के पास वर्तमान में जो भूमि उपलब्ध है, उसकी कीमत ही 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक होगी. ऐसी स्थिति में उसकी नीलामी कर भी निवेशकों को उक्त राशि लौटाई जा सकती है, परंतु इसके लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय को कठोर निर्णय लेना होंगे.

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