उज्जैन। मोरारी बापू बीते दिनों एक दिवसीय रामकथा यात्रा के लिए महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन पहुंचे थे. वहीं मोरारी बापू के साथ विशेष ट्रेनों से 1008 श्रद्धालु भी उज्जैन पहुंचे थे. महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर मोरारी बापू ने सबसे पहले राम कथा का आयोजन किया थी. इससे पहले मोरारी बापू ने महाकालेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में जाकर भगवान महाकाल का पूजन अभिषेक किया, लेकिन इस बीच मोरारी बापू को लेकर मंदिर के पुजारी ने आपत्ति जताई है.
माथे पर सफेद कपड़ा और लुंगी पहनकर पूजा: दरअसल, मोरारी बापू एक दिवसीय रामकथा का आयोजन करने अपने शिष्यों के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे. जहां मोरारी बापू ने माथे पर सफेद कपड़ा बांधकर और लुंगी पहन कर गर्भ गृह में पूजन-अभिषेक किया. इसके बाद महाकालेश्वर प्रबंधक समिति की ओर से मोरारी बापू का महाकाल की तस्वीर और शॉल श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया. मोरारी बापू द्वारा माथे पर सफेद कपड़ा और लुंगी पहनकर पूजन करने पर महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है.
मंदिर पुजारी ने जताया विरोध: महेश पुजारी ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि " मोरारी बापू के सिर पर बंधा कपड़ा और लुंगी पहनकर गर्भगृह में जाने से मंदिर की मर्यादा भंग हुई है. हम उनका विरोध नहीं कर रहे हैं. सिर्फ यह बात संज्ञान में ला रहे हैं. जिस तरह मस्जिदों में टोपी का नियम है, गुरुद्वारे में सिर पर पगड़ी का नियम है, उसी तरह महाकाल उज्जैन शहर के राजा हैं. गर्भगृह में उनके सामने कभी भी सिर पर कपड़ा या अन्य पगड़ी बांधकर नहीं जाता है. महाकाल मंदिर गर्भगृह की अपनी व्यवस्था और नियम है. जिसमें लांग, धोती और सोला पहनकर ही गर्भगृह में प्रवेश किया जा सकता है.