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विधायक निधि खर्च करने में आगे निकले कांग्रेस विधायक, बीजेपी रही पीछे

विधायक निधि खर्च करने के मामल में तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार 1.करोड़ 83 लाख खर्च कर पहले नंबर पर है. वहीं बीजेपी विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव 51 फीसदी काम के लिए ही राशि दे पाए.

Congress MLA Mahesh Parmar
महेश परमार
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Published : Feb 5, 2021, 11:29 AM IST

उज्जैन। वित्तीय वर्ष 2020-21 खत्म होने में दो महीने शेष हैं. इन बीते दस महीनों में विधायक निधि के खर्चों पर नजर दौड़ाएं तो कांग्रेसी विधायक आगे और भाजपाई पीछे दिखाई दे रहे हैं. जिले के कांग्रेसी विधायक अपनी 83 फीसदी निधि विकास कार्यों के लिए स्वीकृत कर चुके हैं, जबकि बीजेपी विधायक अब तक 51 फीसदी निधि की अनुशंसा ही कर पाए हैं. यदि इन जनप्रतिनिधियों ने अपनी शेष निधि का उपयोग जल्द नहीं किया तो 31 मार्च के बाद उक्त राशि लैप्स हो जाएगी. वहीं तराना विधायक महेश परमार 1.करोड़ 83 लाख खर्च कर पहले नंबर पर है. वहीं दक्षिण विधायक 36 लाख रुपए ही खर्च कर पाए है.

कांग्रेसी विधायक 83फीसदी निधि स्वीकृत कर चुके
शासन प्रत्येक विधायक को हर वित्तीय वर्ष में अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास और अन्य कार्य करवाने के लिए एक करोड़ 85 लाख रुपए की निधि आवंटित करता है. जिले में सात विधायक हैं. इनमें से चार कांग्रेस के और तीन भाजपा के हैं. प्रत्येक जनप्रतिनिधि का प्रयास रहता है कि वह अपने क्षेत्र में जरूरी और सर्वाधिक विकास कार्य करवाए. चूंकि चालू वित्तीय वर्ष का ज्यादातर वक्त कोरोना काल में बंद और लॉकडाउन का बीता है. लिहाजा विधानसभाओं में विकास कार्य करवाने की गतिविधियों ने अनलॉक के बाद हालही कुछ महीनों में जोर पकड़ना शुरू किया है. लेकिन दूसरी तरफ अब इन जनप्रतिनिधियों के पास विकास कार्यों के लिए ज्यादा वक्त नहीं बचा है. इसकी दो वजह है.

भाजपाई 51 फीसदी काम के लिए ही राशि दे पाए

पहली वित्तीय वर्ष समाप्त होने में दो महीने शेष हैं और दूसरी यह कि नगरीय निकाय या पंचायत चुनाव की आचार संहिता भी कभी भी लागू हो सकती है. ऐसे में जनप्रतिनिधियों को निधि का वक्त रहते उपयोग करना बहुत जरूरी है. जिला सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार 1 करोड़ 85 लाख में से 1 करोड़ 83 लाख रुपए के विकास और अन्य कार्य स्वीकृत कर निधि खर्च करने में जिले में सबसे आगे हैं. जबकि भाजपा के उज्जैन दक्षिण से विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव 1 करोड़ 85 लाख की निधि में से केवल 36 लाख रुपए के विकास कार्य ही स्वीकृत कर पाए हैं. इस तरह वे निधि खर्च करने में अभी सबसे पीछे हैं. हालांकि उनका दावा है कि वे समय रहते पूरी निधि का उपयोग विकास कार्यों के लिए कर देंगे.

किस विधानसभा में कितनी राशि के कार्य स्वीकृत
एक नजर इसपर यह भी
कांग्रेस के विधायक: चार (तराना, घटि्टया, नागदा और बड़नगर)
कुल मद : 7.40 करोड़

अब तक खर्च : 6.12 करोड़
यानी खर्च का प्रतिशत : 83
शेष राशि : 1.28 करोड़
भाजपा के विधायक तीन (उज्जैन उत्तर, दक्षिण व महिदपुर)
कुल मद : 5.55 करोड़
अब तक खर्च : 2.83 करोड़
यानी खर्च का प्रतिशत : 51
शेष राशि : 2.72 करोड़

तराना विधायक महेश परमार ने ईटीवी को विशेष चर्चा में बताया कि जनता की मूल रूप से समस्याओं के लिए यह पैसा खर्चा किया गया है. जिसमें पानी की समस्या नगर में अधिक रहती है इसके लिए टैंकर और अन्य संसाधन और सभा मंडप के लिए खर्च किया गया.

उज्जैन। वित्तीय वर्ष 2020-21 खत्म होने में दो महीने शेष हैं. इन बीते दस महीनों में विधायक निधि के खर्चों पर नजर दौड़ाएं तो कांग्रेसी विधायक आगे और भाजपाई पीछे दिखाई दे रहे हैं. जिले के कांग्रेसी विधायक अपनी 83 फीसदी निधि विकास कार्यों के लिए स्वीकृत कर चुके हैं, जबकि बीजेपी विधायक अब तक 51 फीसदी निधि की अनुशंसा ही कर पाए हैं. यदि इन जनप्रतिनिधियों ने अपनी शेष निधि का उपयोग जल्द नहीं किया तो 31 मार्च के बाद उक्त राशि लैप्स हो जाएगी. वहीं तराना विधायक महेश परमार 1.करोड़ 83 लाख खर्च कर पहले नंबर पर है. वहीं दक्षिण विधायक 36 लाख रुपए ही खर्च कर पाए है.

कांग्रेसी विधायक 83फीसदी निधि स्वीकृत कर चुके
शासन प्रत्येक विधायक को हर वित्तीय वर्ष में अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास और अन्य कार्य करवाने के लिए एक करोड़ 85 लाख रुपए की निधि आवंटित करता है. जिले में सात विधायक हैं. इनमें से चार कांग्रेस के और तीन भाजपा के हैं. प्रत्येक जनप्रतिनिधि का प्रयास रहता है कि वह अपने क्षेत्र में जरूरी और सर्वाधिक विकास कार्य करवाए. चूंकि चालू वित्तीय वर्ष का ज्यादातर वक्त कोरोना काल में बंद और लॉकडाउन का बीता है. लिहाजा विधानसभाओं में विकास कार्य करवाने की गतिविधियों ने अनलॉक के बाद हालही कुछ महीनों में जोर पकड़ना शुरू किया है. लेकिन दूसरी तरफ अब इन जनप्रतिनिधियों के पास विकास कार्यों के लिए ज्यादा वक्त नहीं बचा है. इसकी दो वजह है.

भाजपाई 51 फीसदी काम के लिए ही राशि दे पाए

पहली वित्तीय वर्ष समाप्त होने में दो महीने शेष हैं और दूसरी यह कि नगरीय निकाय या पंचायत चुनाव की आचार संहिता भी कभी भी लागू हो सकती है. ऐसे में जनप्रतिनिधियों को निधि का वक्त रहते उपयोग करना बहुत जरूरी है. जिला सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार 1 करोड़ 85 लाख में से 1 करोड़ 83 लाख रुपए के विकास और अन्य कार्य स्वीकृत कर निधि खर्च करने में जिले में सबसे आगे हैं. जबकि भाजपा के उज्जैन दक्षिण से विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव 1 करोड़ 85 लाख की निधि में से केवल 36 लाख रुपए के विकास कार्य ही स्वीकृत कर पाए हैं. इस तरह वे निधि खर्च करने में अभी सबसे पीछे हैं. हालांकि उनका दावा है कि वे समय रहते पूरी निधि का उपयोग विकास कार्यों के लिए कर देंगे.

किस विधानसभा में कितनी राशि के कार्य स्वीकृत
एक नजर इसपर यह भी
कांग्रेस के विधायक: चार (तराना, घटि्टया, नागदा और बड़नगर)
कुल मद : 7.40 करोड़

अब तक खर्च : 6.12 करोड़
यानी खर्च का प्रतिशत : 83
शेष राशि : 1.28 करोड़
भाजपा के विधायक तीन (उज्जैन उत्तर, दक्षिण व महिदपुर)
कुल मद : 5.55 करोड़
अब तक खर्च : 2.83 करोड़
यानी खर्च का प्रतिशत : 51
शेष राशि : 2.72 करोड़

तराना विधायक महेश परमार ने ईटीवी को विशेष चर्चा में बताया कि जनता की मूल रूप से समस्याओं के लिए यह पैसा खर्चा किया गया है. जिसमें पानी की समस्या नगर में अधिक रहती है इसके लिए टैंकर और अन्य संसाधन और सभा मंडप के लिए खर्च किया गया.

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