उज्जैन। उज्जैन संभाग स्तर के सबसे बड़ी विक्रम यूनिवर्सिटी का 24वां दीक्षांत समारोह 20 फरवरी को किया जाना है. जो राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, यूजीसी के चेयरमैन डीपी सिंह व डॉ मोहन यादव के मुख्य अतिथि की मौजूदगी में संपन्न होगा. वहीं समारोह के लिए छपवाए गए आमंत्रण पत्रों में बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिसमें प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के उपनाम की लिखाई ही गलत है. यूनिवर्सिटी की ओर से यह लापरवाही कोई नई नहीं है. यहां तक की विश्वविद्यालय में कई बार संभाग स्तर के बच्चों के रिजल्ट में गड़बड़ी आ चुकी है. विगत दिनों दो प्रोफेसर के बीच विवाद के बाद अब यह नया विवाद सुर्खियों में हैं.
आमंत्रण पत्र में क्या है गड़बड़ी ?
दरअसल आमंत्रण पत्रों में डॉ मोहन यादव का उपनाम yadev है. जबकि सही उपनाम yadav है. बात उच्च शिक्षा मंत्री की और विक्रम विश्वविद्यालय से जुड़ी है, इसलिए बड़ी है और जिसके हाथ में पूरे विश्व विद्यालय की बाग डोर है. उसी के नाम का अपमान होना ये विक्रम विश्वविद्यालय विभाग के लिए शर्म की बात होनी चाहिए. विक्रम विश्वविद्यालय ने इसे सोशल मीडिया पर अपलोड भी करवा दिया है. वहीं कई आमंत्रण पत्र लोगों को बांटना शुरू कर दिए हैं. सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि इतने बड़े दीक्षांत समारोह के लिए छपाई और कार्ड वितरण व्यवस्था के लिए अलग से 13 सदस्यों की टीम समिति गठित है. उसके बाद भी लापरवाही और गलती को सुधार करने का कोई कदम नहीं उठाया गया है.
विक्रम यूनिवर्सिटी के कुलपति ने लिया संज्ञान
मामला विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति के अखिलेश कुमार पांडे के संज्ञान आते ही उन्होंने तत्काल कार्ड को बांटने का कार्य रुकवा दिया है. वहीं उन्होंने स्पष्ट किया है कि गलती को सुधारने के लिए नए कार्ड प्रिंट करवाए जाएंगे और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. समारोह में कुल 240 बच्चों को गोल्ड मेडल से नवाजा जाना है. जो 2018- 2019 के स्नातक व स्नातकोत्तर पीएचडी व डिग्री उपाधि धारक हैं.