उज्जैन। नागदा में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. थावरचंद गेहलोत की दिव्यांगों के प्रति सहनशीलता एक बार फिर देखने को मिली है. आलोट तहसील के ग्राम कराडिया निवासी शंभू पाटीदार उम्र 32 साल और गोवर्धन खारोल उम्र 25 साल दोनों चलने-फिरने में असमर्थ थे. एक महीने पहले उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पुत्र पूर्व विधायक जितेंद्र गेहलोत और पौत्र मनीष गेहलोत को अपनी समस्या से रूबरू कराया था. जिसके संबंध में उन्होंने केंद्रीय मंत्री से बात की थी. रविवार को केंद्रीय मंत्री गेहलोत ने इन दोनों के लिए अपनी सांसद निधि से 12 हजार रुपए की राशि दी है. साथ ही इन्हें फ्री मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल उपलब्ध कराई है.
केंद्रीय मंत्री ने स्नेह संस्थपक एवं केंद्रीय दिव्यांगजन सलाहकार बोर्ड के सदस्य पंकज मारू से इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए थे. जिसके बाद मारू ने बताया कि उपरोक्त मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल की कीमत 37 हजार रुपए होती है, जिसमें से 25 हजार रुपए का अनुदान मंत्रालय देता और बाकी 12 हजार रुपए की राशि व्यक्ति को स्वयं या किसी दानदाता के जरिए जमा करानी होती है. केंद्रीय मंत्री गेहलोत ने इन दोनों के लिए अपनी सांसद निधि से 12 हजार रुपए की राशि की भी अनुशंसा कर यह मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल उन्हें फ्री में उपलब्ध करवाई है.
रविवार को केंद्रीय मंत्री गहलोत ने अपने निवास पर इन दोनों को यह ट्राईसाईकिल भेंट की है. उल्लेखनीय बात यह रही कि एलिम्को ने निर्मित इन ट्राईसाइकिल में पहली बार रिवर्स गियर के साथ डिस्क ब्रेक भी लगाए हैं. इन सुधारों का परीक्षण केंद्रीय मंत्री ने स्वयं मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल को चलाकर किया. मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल मिलने के बाद दोनों दिव्यांगों के चेहरे की खुशी देखने लायक थी.
उन्होंने बताया कि अब वह भी सामान्यजन की तरह सब तरफ आने-जाने में सक्षम होंगे. साथ ही इसके जरिए स्वरोजगार भी प्राप्त कर सकेंगे.