उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन में खाद्य विभाग ने बाबा को अर्पित होने वाले दूध का नमूना महाकाल मंदिर के सामने लगने वाली दुकानों से लिया गया है. भाग को शिकायत मिली थी की वो दूध में पानी मिलाकर श्रद्धालुओं को बेच रहे हैं.
विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को अर्पित होने वाले दूध की गुणवत्ता जांच करने के लिए कलेक्टर के निर्देश ने खाद्य विभाग की टीम दूध की जांच करने के निर्देश दिये थे. जिसके बाद खाद्य विभाग टीम ने औचक निरीक्षण कर दुकानों पर विक्रय होने वाले दूध का नमूना लिया है. दूध जांच के लिए सैंपल को भोपाल स्थित लैब भेजा जाएगा, वहां से 15 दिन में जांच रिपोर्ट मिलेगी.
औचक जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि मंदिर समिति की दुकानदारों के पास प्रसाद विक्रय के लिए खाद्य विभाग से मिलने वाला लाइसेंस भी उपलब्ध नहीं था और जो दूध भगवान को चढ़ाने श्रद्धालु ले जाते है उसमें आधा दूध था और आधा पानी मिला होता है. बता दें कि भगवान महाकाल के शिवलिंग सरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने भी शुद्ध सामग्री भगवान को अर्पित हो इस संबंध में दिशा निर्देश दिए हैं.
मंदिर परिसर के बाहर करीब 100 से अधिक पूजन सामग्री विक्रय करने वाली दुकानें है, लेकिन इन दुकानों पर खाद विभाग से जारी होने वाला खाद्य सामग्री विक्रय का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. वहीं दुकानदारों ने बताया कि वे डेयरी से दूध लाकर लोटे में जल और दूध मिलाकर आने वाले दर्शनार्थियों को उपलब्ध कराते हैं. खाद्य निरीक्षक देवलिया ने बताया कि जांच में लिया दूध भोपाल स्थित लेब में टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट करीब 15 दिन में मिलेगी.