उज्जैन। भगवान महाकाल की भस्म आरती में सबसे पहले बाबा को पण्डे पुजारियों ने जल चढ़ाया, इसके बाद पंचमृत अभिषेक पूजन में दूध, दही, घी, शक्कर, फलों के रस से अभिषेक किया गया. इस दौरान महाकाल का भांग से अदभुत श्रृंगार किया, भगवान महाकाल पर भस्म चढ़ायी गयी (Baba Mahakal Bhasm Aarti). वहीं महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष कार्यक्रम के दौरान आए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी तो इसके बाद श्रद्धालुओं ने उज्जैन का रुख करना चालू कर दिया. महाशिवरात्रि पर यह आंकड़ा 10 लाख से अधिक हो सकता है.
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भस्मारती की परंपरा: उज्जैन का महाकाल मंदिर बारह ज्योतर्लिंगो में से एक है. यह स्वयंभू शिवलिंग है, जो बहुत जाग्रत है. इसी कारण केवल यहां तड़के 3 बजे भस्म आरती करने का विधान है. गाय के गोबर से बने गए कंडो की भस्म से भस्मारती की जाती है. महाकाल मंदिर दक्षिण मुखी होने के साथ-साथ पूरे विश्व में भस्मआरती की परम्परा महाकाल मंदिर में होने के चलते इसका महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है. इसके साथ साथ मान्यता है की महाकाल को कालों का काल कहा जाता है. महा शिवरात्रि का पर्व उज्जैन में अलग महत्व रखता है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ है दूर दूर से आए श्रद्धालु बाबा महाकाल की एक झलक पाने को आतुर दिखाई दिए. आज अल सुबह भस्म आरती में बाबा का पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया. बाबा महाकाल का आज भांग से अलौकिक श्रृंगार भी किया गया जिसे देखकर श्रद्धालु अभिभूत दिखाई दिए. आज दिनभर बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देंगे और अगले 44 घंटे तक मंदिर दर्शनार्थियों के लिए दरबार का दरबार खुला रहेगा.
महाशिवरात्रि पर वाहन पार्किंग की व्यवस्था: पहली पार्किंग प्रशांति धाम, दूसरी पार्किंग शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज तिराहे पर, इंजीनियरिंग कॉलेज का मैदान, तीसरी पार्किंग मन्नत गार्डन, वाकणकर मोड के समीप, चौथी पार्किंग हरिफाटक ब्रिज के नीचे, पांचवी पार्किंग कर्कराज पार्किंग, कर्कराज के आगे कलोता समाज धर्मशाला, कार्तिक मेला पार्किंग, कृषि उपार्जन मैदान मुल्लापुरा पार्किंग से श्रद्धालु मंदिर के प्रवेश द्वार तक के लिए 100 बसें नि:शुल्क चलाई जायेंगी. सभी वाहन पार्किंग में पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की गई है.
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श्रद्धालुओं के लिए जूता स्टैण्ड की व्यवस्था: इंदौर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये भील समाज धर्मशाला में जूता स्टैण्ड बनाया गया है. बड़नगर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये नृसिंह घाट तिराहे झालरिया मठ पर और शहर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये हरसिद्धि की पाल पर जूता स्टैण्ड बनाया गया है. जूता स्टैण्ड पर श्रद्धालुओं के जूते रखने के लिये कपड़े की थैलियां और टोकन बनवाये गए हैं. श्रद्धालुओं को लड्डू प्रसाद के लिए 10-10 काउंटर बनाए गए हैं. वही आगजनी से बचने के लिए फायर स्टेशन बनाये गये हैं. सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और कंट्रोल रूम बनाए गए हैं.