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क्षिप्रा के शुद्धिकरण के लिए अनशन पर महामंडलेश्वर, प्रशासन पर नहीं हो रहा असर

मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी लगातार दूषित हो रही है. गंदे नालों का पानी इसे दूषित कर रहा है. नदी के शुद्धिकरण करने को लेकर कई प्रोजेक्ट तैयार किए गए लेकिन गंदगी जस की तस बनी हुई है. क्षिप्रा शुद्धिकरण को लेकर उज्जैन के महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज अब अनशन पर बैठ गए हैं.

Mahamandaleshwar Gyandas Maharaj
अनशन पर ज्ञानदास महाराज
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Published : Apr 18, 2023, 7:29 PM IST

अनशन पर ज्ञानदास महाराज

उज्जैन। हर कोई चाहता है कि मां क्षिप्रा में एक डुबकी लगाकर मोक्ष की प्राप्ति हो लेकिन क्षिप्रा नदी गंदे नालों से मिलने के कारण दूषित हो चुकी है और अब क्षिप्रा खुद मोक्ष इंतजार कर रही है कि आखिर कब इन गंदे नालों से निजात मिलेगी. क्षिप्रा शुद्धिकरण की मांग वैसे तो काफी लंबे समय से चली आ रही है लेकिन सिंहस्थ या चुनाव के समय में नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं. उज्जैन निर्मोही अखाड़े के महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज क्षिप्रा शुद्धिकरण की मांग को लेकर अनशन कर रहे हैं. इसमें राजनीतिक उद्देश्य भले न हो लेकिन क्षिप्रा को साफ सुथरा देखने का उद्देश्य जरूर है इसीलिए पिछले 5 माह से ज्ञानदास महाराज अन्न और चरण पादुका त्यागकर अनशन कर रहे हैं.

अनशन पर महामंडलेश्वर: महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज ने क्षिप्रा शुद्धिकरण के लिए आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. इसी के चलते वे पिछले 5 माह से अन्न और चरण पादुका त्याग कर अनशन कर रहे हैं लेकिन शासन प्रशासन है कि इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है. महाराज की मांग है कि क्षिप्रा के लिए सरकार कोई ठोस योजना बनाकर इसमें मिल रहे गंदे नाले और कान्हा नदी के पानी को अलग कर क्षिप्रा को शुद्ध करे. वर्तमान समय मे उनकी कोई सुनवाई नही हो रही है लेकिन वे अनशन जारी रखेंगे और आने वाले समय मे क्षिप्रा नदी के तट पर आमरण अनशन भी करेंगे. 5 माह से शुरू किए इस अनशन से पहले भी राम घाट के किनारे सभी संतो के साथ वे धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन कर चुके हैं.

उज्जैन से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें

सरकार ने दिया था आश्वसन: 5 माह पहले मुख्यमंत्री के आदेश पर महाराज से चर्चा कर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव एवं जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने जल्द से जल्द ठोस योजना बनाकर क्रियान्वित करने की बात कही थी और उन्हें विश्वास भी दिलाया था. जिसके बाद अनशन समाप्त किया था लेकिन कोई योजना धरातल पर नहीं आने से ज्ञानदास महाराज फिर अनशन करने के लिए तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि प्राण जाने तक वे अनशन करेंगे और क्षिप्रा को शुद्ध कराकर रहेंगे.

अनशन पर ज्ञानदास महाराज

उज्जैन। हर कोई चाहता है कि मां क्षिप्रा में एक डुबकी लगाकर मोक्ष की प्राप्ति हो लेकिन क्षिप्रा नदी गंदे नालों से मिलने के कारण दूषित हो चुकी है और अब क्षिप्रा खुद मोक्ष इंतजार कर रही है कि आखिर कब इन गंदे नालों से निजात मिलेगी. क्षिप्रा शुद्धिकरण की मांग वैसे तो काफी लंबे समय से चली आ रही है लेकिन सिंहस्थ या चुनाव के समय में नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं. उज्जैन निर्मोही अखाड़े के महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज क्षिप्रा शुद्धिकरण की मांग को लेकर अनशन कर रहे हैं. इसमें राजनीतिक उद्देश्य भले न हो लेकिन क्षिप्रा को साफ सुथरा देखने का उद्देश्य जरूर है इसीलिए पिछले 5 माह से ज्ञानदास महाराज अन्न और चरण पादुका त्यागकर अनशन कर रहे हैं.

अनशन पर महामंडलेश्वर: महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज ने क्षिप्रा शुद्धिकरण के लिए आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. इसी के चलते वे पिछले 5 माह से अन्न और चरण पादुका त्याग कर अनशन कर रहे हैं लेकिन शासन प्रशासन है कि इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है. महाराज की मांग है कि क्षिप्रा के लिए सरकार कोई ठोस योजना बनाकर इसमें मिल रहे गंदे नाले और कान्हा नदी के पानी को अलग कर क्षिप्रा को शुद्ध करे. वर्तमान समय मे उनकी कोई सुनवाई नही हो रही है लेकिन वे अनशन जारी रखेंगे और आने वाले समय मे क्षिप्रा नदी के तट पर आमरण अनशन भी करेंगे. 5 माह से शुरू किए इस अनशन से पहले भी राम घाट के किनारे सभी संतो के साथ वे धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन कर चुके हैं.

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