उज्जैन। देवास के जंगल में पदस्थ उज्जैन निवासी मदनलाल वर्मा की शिकारियों ने जंगल मे गोली मारकर हत्या कर दी. घटना मोबाइल के कैमरे में रेकॉर्ड होने से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया. दूसरे दिन मदनलाल वर्मा को उज्जैन निवास से शिप्रा के चकर्तीथ घाट से राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. डीएफओ ने कहा कि 15 दिन में 10 लाख का अनुदान और परिवार के सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति देंगे.
- गस्त के दौरान हुई मुठभेड़
डीएफओ ने वर्मा की मृत्यु पर शोक जताते हुए कहा कि देवास के जंगल में 4 फरवरी को गस्त के दौरान वन कर्मी मदनलाल की हुई हत्या के बाद माहौल गमगीन है. मोबाइल से बने वीडियो से स्पष्ठ होता है कि उन्होंने अपराधियों को पकड़ने की कोशिश की. लेकिन 12 फिट दूरी से अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी. मृतक वर्मा को उनके गृह जिले उज्जैन में राम घाट के शमसान पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. डीएफओ पिएन वर्मा ने कहा कि हम शासन से 15 दिन में शहिद वर्मा के परिवार के लिए 10 लाख का अनुदान और परिवार के एक सदस्य के लिए अनुकंपा नियुक्ति मांग करेंगे.
- ये है पूरी घटना
देवास के जंगल मे पदस्थ 57 वर्षीय मदनलाल वर्मा अपनी बाइक से इलाके में गस्थ कर रहे थे. जहां उन्होंने कुछ बदमशों को शिकार की नीयत से देखा. वर्मा ने उनका पीछा किया. शिकारियों ने मदनलाल वर्मा पर गोली चला दी. शाम तक वर्मा वापस नहीं लौटे तो उनके परिजनों ने इस बारे में वन विभाग को जानकारी दी. रात करीब साढ़े नौ बजे बीट क्रमांक 532 में कुछ निशान मिले.
खोजबीन के बाद वर्मा का शव सीता समाधि स्थल के पास भूरिया तालाब के किनारे मिला. शव खून से लथपथ था. शव को उदयनगर ले जाया गया जहां सरकारी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम हुआ. जांच में उनके मोबाइल में एक वीडियो भी मिला है. यह वीडियो मदनलाल ने बाइक पर बैठे हुए बनाया था. इसमें नजर आ रहा है कि कुछ लोग उनसे भाग रहे थे. इसी दौरान गोली चलने की आवाज़ आती है और मदनलाल नीचे गिर जाते हैं.