उज्जैन। विवादों के बीच उज्जैन के कालिदास अकादमी परिसर में संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित श्री राम कथा दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रही. डॉ. कुमार विश्वास ने 'शंकर के राम' पर आधारित प्रसंग सुनाया. उन्हें सुनने के लिए लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे. कड़ी सुरक्षा में आयोजन स्थल पर पहुंचे कुमार विश्वास ने मंच से ही एक बार फिर माफी मांगी. उन्होंने कहा, 'मैंने अपने कार्यालय में काम करने वाले व्यक्ति को लेकर वह बयान दिया था. मेरा उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था. मैं इसके लिए माफी चाहता हूं.'
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सनातनियों की लड़ाई को कमजोर मत करिए : कुमार विश्वास ने कहा, 'आप किसी व्यक्ति से नाराज हो सकते हैं. किसी व्यक्ति को आगे बढ़ता या पीछे हटता देख कुछ कह सकते हैं. लेकिन सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे षड्यंत्रों के खिलाफ खड़े हो रहे युवाओं की लड़ाई को मेरे तर्क लेकर कमजोर मत करिए. राजनीति अपनी जगह है. मैंने भी की थी. दो बार की. दोनों बार मैं चुनाव कैंपेन कमेटी का चेयरमैन रहा. हारे-जीते. मैं अपने नाराज मित्रों से कहना चाहता हूं कि राजनीति में था तो कुछ भी बोल देते थे. मेरा हृदय नहीं दुखता था. लेकिन आज राम नीति में हूं. कुछ बोलते हो तो मेरा मन दुखता है.'
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कार्यक्रम रद्द होने का पत्र वायरल : इससे पहले कुमार विश्वास के इस कार्यक्रम 'अपने-अपने राम' के रद्द होने की भी सूचना आई. इससे संबंधित एक पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. इस बारे में पूछे जाने पर आयोजनकर्ता महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने कहा, 'यह पत्र फर्जी है. इस तरीके का कोई भी लेटर हमारी तरफ से जारी नहीं किया गया है. इतना बड़ा आयोजन किया जा रहा है. इसे बीच में छोड़ना गलत होगा. कुमार विश्वास ने अपनी बात को लेकर माफी मांगी है. जिसने भी यह फर्जी लेटर वायरल किया है, उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी.
राजाभाऊ महाकाल की प्रस्तुति : श्री राम कथा के साथ ही बुधवार रात विक्रम कीर्ति मंदिर सभागार में नाट्य रंग के तीसरे और अंतिम दिन राजाभाऊ महाकाल की प्रस्तुति हुई. सतीश दवे निर्देशित यह नाट्यकथा गोवा के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजाभाऊ महाकाल पर आधारित है. इसे देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.