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सांकेतिक रूप से मनाया जा रहा है कालिदास समारोह, मंत्री उषा ठाकुर होंगी शामिल

उज्जै में अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अवसर पर शिप्रा नदी घाट पर कलश पूजन किया गया. कलश पूजन प्रतीकात्मक रूप में किया गया.

Kalidas ceremony
कालीदास समारोह
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Published : Nov 25, 2020, 3:30 AM IST

उज्जैन। अखिल भारतीय कालिदास समारोह हर साल 7 दिवसीय मनाया जाता है. जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से कलाकार अपने राज्य की संस्कृति को संस्कृत नाटक, कत्थक के माध्यम से दर्शाते हैं. जिसे देखने संस्कर्ति से जुड़े विद्वान, युवा वर्ग व बच्चे भी शामिल होते हैं, लेकिन इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए कार्यक्रम को सीमित कर 3 दिवसीय किया गया है. अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अवसर पर शिप्रा नदी घाट पर कलश पूजन किया गया. कलश पूजन प्रतीकात्मक रूप में किया गया. साथ ही हर साल कलश यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग झूमते नाचते दिखाई देते थे लेकिन इस वर्ष कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए कलश यात्रा कोरोना गाइडलाइन के हिसाब से निकाली गई है. शिप्रा नदी के राम घाट पर पूजन के बाद मंगल कलश लेकर भगवान महाकाल को प्रणाम करते हुए यात्रा कालिदास अकादमी में समारोह स्थल पर पहुंची जहां पर कलश की स्थापना की गई.

नांदी का आयोजन

उज्जैन के प्रसिद्ध कलाकार नरेंद्र कुशवाह ने नगाड़ा मंगल ध्वनि वादन किया जाएगा. वहीं दूसरी प्रस्तुति प्रसिद्ध लोक गायक सुंदर लाल मालवीय द्वारा निर्गुणी भजनों की रहेगी. कालिदास समारोह के विधिवत उद्घाटन में प्रथम दिन कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर व मोहन यादव शाम 4 बजे विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे.

उप निदेशक कालिदास अकादमी

कालीदास अकादमी की उप निदेशिका योगेश्वरी फिरोजिया ने बताया की कालीदास समारोह इस बार सांकेतिक रूप से मनाया जा रहा है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण, सांकेतिक रूप से कलश यात्रा के बाद कलश स्थापना की गई. मंत्री उषा ठाकुर के द्वारा राष्ट्रीय चित्रकला व मूर्तिकला का शुभराम्भ किया जाएगा. इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी है और आज भी नांदी कार्यक्रम का आयोजन है.

उज्जैन। अखिल भारतीय कालिदास समारोह हर साल 7 दिवसीय मनाया जाता है. जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से कलाकार अपने राज्य की संस्कृति को संस्कृत नाटक, कत्थक के माध्यम से दर्शाते हैं. जिसे देखने संस्कर्ति से जुड़े विद्वान, युवा वर्ग व बच्चे भी शामिल होते हैं, लेकिन इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए कार्यक्रम को सीमित कर 3 दिवसीय किया गया है. अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अवसर पर शिप्रा नदी घाट पर कलश पूजन किया गया. कलश पूजन प्रतीकात्मक रूप में किया गया. साथ ही हर साल कलश यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग झूमते नाचते दिखाई देते थे लेकिन इस वर्ष कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए कलश यात्रा कोरोना गाइडलाइन के हिसाब से निकाली गई है. शिप्रा नदी के राम घाट पर पूजन के बाद मंगल कलश लेकर भगवान महाकाल को प्रणाम करते हुए यात्रा कालिदास अकादमी में समारोह स्थल पर पहुंची जहां पर कलश की स्थापना की गई.

नांदी का आयोजन

उज्जैन के प्रसिद्ध कलाकार नरेंद्र कुशवाह ने नगाड़ा मंगल ध्वनि वादन किया जाएगा. वहीं दूसरी प्रस्तुति प्रसिद्ध लोक गायक सुंदर लाल मालवीय द्वारा निर्गुणी भजनों की रहेगी. कालिदास समारोह के विधिवत उद्घाटन में प्रथम दिन कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर व मोहन यादव शाम 4 बजे विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे.

उप निदेशक कालिदास अकादमी

कालीदास अकादमी की उप निदेशिका योगेश्वरी फिरोजिया ने बताया की कालीदास समारोह इस बार सांकेतिक रूप से मनाया जा रहा है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण, सांकेतिक रूप से कलश यात्रा के बाद कलश स्थापना की गई. मंत्री उषा ठाकुर के द्वारा राष्ट्रीय चित्रकला व मूर्तिकला का शुभराम्भ किया जाएगा. इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी है और आज भी नांदी कार्यक्रम का आयोजन है.

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