उज्जैन। 1008 अवधूत नर्मदानंद बाप जी के सानिध्य में सितंबर माह में गंगोत्री से शुरू हुई यात्रा 12 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा कर उज्जैन पहुंची. यह यात्रा 27 जनवरी को ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुंचेगी और वही यात्रा का समापन किया जाएगा. यात्रा का मुख्य उद्देश्य गौ माता की रक्षा और पर्यावरण संरक्षण को लेकर है. 1008 अवधूत नर्मदानंद महाराज ने धार्मिक रैलियों पर की जा रही पत्थरबाजी को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देवताओं और असुरों में तो सालों से युद्ध चला आ रहा है. देवत्व वाले देव का काम करें और असुर अपना कर रहे हैं.
27 जनवरी को होगा यात्रा का समापन
19 सितंबर 2019 से शुरू हुई राष्ट्रीय धर्म संस्कृतिक एवं पर्यावरण संरक्षण के पावन उद्देश्य के लिए विजय पथ यात्रा 10 ज्योतिर्लिंग का पूजन अभिषेक करते हुए 12 हजार किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हुए उज्जैन पहुंची है. यात्रा में शामिल श्रद्धालु और 1008 अवधूत श्री नर्मदा नंद जी के सानिध्य में बड़नगर रोड सतीथ सेवा आश्रम में रुकी. यहां मीडिया से चर्चा कर यात्रा झालरिया मठ की ओर रवाना हुई. यात्रा रात्रि विश्राम करके सुबह महाकालेश्वर मंदिर ध्वज चढ़ाने पहुंचेगी. वहां से त्रिवेणी के आस पास पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधे लगाएगी. यात्रा 27 जनवरी को ओमकारेश्वर स्थित 12वें और आखरी ज्योतिर्लिंग पहुंचेगी. यहां यात्रा का समापन किया जाएगा.
राम मंदिर निर्माण के सहयोग में सब करें मदद
1008 अवधूत श्री नर्मदानंद बाप जी ने कहा कि जल, जंगल और जीवन की रक्षा के लिए विजय पथ यात्रा निकाली है. यात्रा का जल संरक्षण पर्यावरण शुद्धि और गौ रक्षा को लेकर है. राम मंदिर धन संग्रह को लेकर कहा की परमात्मा ने 500 वर्षों बाद सहयोग का मौका दिया है. वहीं बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए. तन- मन- धन से मंदिर की प्रतिष्ठा हो हम सब जल्द दर्शन करें यही कामना सबके मन में होना चाहिए.