उज्जैन। बंगाल में आए यास तूफान के बाद उज्जैन में भी इसका असर देखने को मिला था और शहर में पहली बार बारिश के साथ 50 किलोमीटर से अधिक तेज रफ्तार का तूफान का भी सामना शहर वासियों ने किया था. जिसके कारण शहर में 300 से अधिक पेड़ धराशायी हो गए थे. बड़े-बड़े बिजली के पोल ट्रांसफार्मर तक गिर गए थे. शहर में पेड़ों के कारण गुल हुई बिजली करीब 24 घंटे बाद शहर के इलाकों में पहुंची थी. आज करीब 12 दिन बीत जाने के बाद भी शहर में टूटे हुए पेड़ सड़क पर गिरी टहनियां और पेड़ों की डालियां दिखाई दे रही है. वहीं नगर निगम कमिश्नर ने कहा कि जल्दी ही नगर निगम के कर्मचारी सभी टूटे हुए पेड़ों को हटा देंगे.
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तूफान के बाद के भी निशान
उज्जैन 25 मई को यास तूफान के बंगाल के तटीय इलाकों में टकराने के बाद अगले दिन 26 मई को उज्जैन में भी यास तूफान का असर देखने को मिला था. शहर में जमकर बारिश के साथ-साथ तेज तूफानी हवाएं भी चली थी. जिसके कारण शहर के बड़े छोटे पेड़ धराशाई हो गए थे. जिस पर से अब उज्जैन नगर निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने कहा कि हमारी प्राथमिकता सबसे पहले मुख्य सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने की थी, जिसका काम करीब 2 दिन से चल रहा है. निगम की टीम लगातार काम कर रही है और मानसून के मौसम के चलते हैं पहले गिरे हुए पेड़ों की टहनियां, झाइयां हटाने का काम कर रही है ताकि बारिश के कारण लटक रही है. छोटी झाड़िया सड़क पर किसी राहगीर पर नहीं गिर जाए. इसके बाद शहर के हिस्से में गिरे हुए किनारे पर रखे पेड़ों को हटाने का काम शुरू किया जाएगा.
कई कॉलोनियों में गिरे हैं पड़े
शहर के कई बड़े छोटे इलाकों में आज भी ऐसा दिखाई दे रहा है कि मानो आज ही तूफान शहर को छूकर गया हो. जिसमें कालिदास एकेडमी, देवास रोड, कोठी पैलेस रोड, मक्सी रोड ब्रिज के पास इंदौर रोड और देवास रोड की कॉलोनियों में पेड़ गिरे हुए दिखाई दे रहे हैं. हालांकि नगर निगम कमिश्नर दावा कर रहे हैं कि जल्दी ही शहर से इनकी सफाई कर दी जाएगी.