उज्जैन। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पूरे दुनिया में फेमस है. यहां देश ही नहीं विदेशी सैलानी भी काफी तादात में आकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन करते हैं. मंदिर के आस-पास करीब 500 से ज्यादा छोटे-बड़े होटल हैं, जिनसे यहां के लोगों का घर चलता है. करीब 5 हजार लोगों का परिवार इन होटलों के जरिए चलता है. बड़ी तादात में श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर दर्शन करने आते हैं. इन्हीं होटल में यहां पर अपनी रात गुजारते हैं, लेकिन आज होटल व्यवसाई ने महंगी बिजली के विरोध में अपने होटल बंद कर दिए हैं.
होटल संचालकों का कहना है कि बिजली विभाग ने लॉकडाउन के दौरान तक का 25 हजार से लेकर लाखों रुपए तक के बिल होटल मालिकों को थमा दिए हैं. साथ ही नगर निगम ने संपत्ति कर भी दिए जा रहे हैं. होटल संचालकों ने बताया कि प्रशासन का निर्देश है कि यदि होटल में रुकने वाला गेस्ट कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो होटल को कंटेंनमेंट जोन में बदल दिया जाएगा. प्रशासन के नियमों को लेकर आज सभी होटल मालिक सड़क पर उतर गए हैं.
होटल मालिकों का कहना है कि पिछले 3 महीने से बंद होटलों के फिक्स्ड बिजली का बिल आना और 25 हजार से लेकर लाखों रुपए तक के बिल देना उनकी परेशानियों को बढ़ा देना है. उन्होंने कहा कि तीन महीने से बंद होटलों के संपत्ति कर माफ होना चाहिए. होटलों में रुकने वाले गेस्ट के कोरोना वायरस निकलने के बाद होटल को कंटेनमेंट क्षेत्र में नहीं बदलना चाहिए. इससे सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना उन श्रद्धालुओं को करना पड़ेगा, जो सावन के महीने में उज्जैन पहुंच कर यहां रुकना चाहते हैं.