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Guru Chandal Yog: नवरात्रि के बाद राहु की दशा मचाएगी तांडव, गुरु चंडाल योग से इन राशियों के बिगड़ेंगे समीकरण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि के बाद गुरु चंडाल योग बन रहा है जिससे कई राशियों पर इस योग का असर पड़ेगा. जानें राशियों पर गुरु चंडाल योग का क्या प्रभाव पड़ेगा.

Guru Chandal Yog
गुरु चांडाल योग
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Published : Mar 19, 2023, 9:37 PM IST

Guru Chandal Yog: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी नक्षत्रों के बदलाव से गुरु चंडाल योग बनता है तब राशि जातकों की कुंडली में गुरु यानी बृहस्पति कमजोर स्थिति में आजाता है. जिसके प्रभाव से जीवन में नकारात्मकता हावी होने लगती है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि के बाद यही अशुभ योग मेष राशि में बनने जा रहा है. जिसका प्रभाव राशि चक्र की तीन राशियों पर पड़ेगा या कहें, इन राशियों के बुरा दौरा देखने को मिलेगा.

मेष राशि में बनेगा योग: जब भी राशि में ग्रहों का गोचर या मिलन होता है तब इसका असर राशि चक्र के सभी जातकों को किसी ना किसी रूप में प्रभावित करता है. नवरात्र के एक माह बाद 22 अप्रैल को भी मेष राशि में एक योग का निर्माण होगा लेकिन अशुभ योग का जो इस राशि में पहले से मौजूद राहु और उस दिन राशि में प्रवेश करने जा रहे बृहस्पति ग्रह के एक साथ आने से बनेगा. ज्योतिष शास्त्र में इसे गुरु चंडाल योग के नाम से जाना जाता है.

कुंडली में गुरु का प्रभाव कम करता है गुरु चांडाल योग: बात अगर गुरु चंडाल योग के प्रभाव की करें तो, गुरु चंडाल योग का निर्माण राहु और बृहस्पति ग्रहों के किसी राशि में एक साथ मौजूद रहने पर पड़ता है. तब राहु बृहस्पति के प्रभाव को कम करने का काम करता है. जिसके प्रभाव से राशि जातक का जीवन नकारात्मकता से भर जाता है, वह पुण्य और धर्म की राह से भटकने लगता है और पाखंड कुकर्म और छल जैसे कार्यों की ओर बढ़ जाता है.

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इन राशियों पर पड़ेगा दुष्प्रभाव: आगामी 22 अप्रैल को मेष राशि में गुरु चंडाल योग का निर्माण होगा जिसकी वजह से तीन प्रमुख राशियां मेष, मिथुन और धनु पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा. ऐसे में इन राशि जातकों को बेहद सावधानी बरतनी होगी.

मेष: आने वाली 22 अप्रैल से अगले छह महीने तक इस राशि के जातकों के लिए बहुत ही भारी रहने वाले हैं. स्वास्थ्य प्रभावित होगा साथ ही आर्थिक रूप से भी नुकसान और संकट की स्थिति बन सकती है. कार्यक्षेत्र में भी बनते काम में रुकावट आ सकती है. साथ ही बड़ी डीलिंग में निराशा मिलने की सम्भावना है. इसका बड़ा कारण है की इसी राशि में गुरु चांडाल योग लग्न भाव में बनेगा, जिसका बुरा प्रभाव इस राशि के जातकों के जीवन में नकारात्मकता भरा समय दिखाएगा.

मिथुन: इस राशि के जातकों के लिए भी छह महीने अशुभ प्रभाव से घिरे रहेंगे. कुंडली में गुरु चंडाल योग के दुष्प्रभाव से जीवन का यह दौर परेशानियों में गुजरेगा. जल्दबाज़ी में लिए फैसले आपको आर्थिक नुकसान की और ले जाएंगे, कार्यक्षेत्र में संभलकर रहे परेशानियां बढ़ेंगी. स्वास्थ्य के लिए भी समय प्रतिकूल रहेगा.

धनु: इस गुरु चांडाल योग से प्रभावित होने वाली तीसरी राशि है धनु जिसके जातकों पर परेशानियों का पहाड़ टूट सकता है. आर्थिक खर्चों वृद्धि हो सकती है. व्यापार में नुकसान की सम्भावना है. करियर या जॉब में भी समय टेंशन भरा गुजरेगा. वाहन चलाते समय सावधान रहें रोड एक्सीडेंट का योग बन रहा है.

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शनि की नजर और बिगाड़ेगी स्थिति: आपको बता दें कि मेष राशि में गुरु चांडाल योग बनने के साथ ही पिता पुत्र यानी सूर्य और शनि का भी प्रभाव रहेगा क्यूंकि इस योग पर शनि की दृष्टि भी पड़ने वाली है. जिसके फलस्वरूप शनि का प्रकोप भी कुंडली पर पड़ सकता है. हालांकि यह प्रभाव सिर्फ सूर्य की मौजूदगी तक ही सीमित है. जब सूर्य मेश राशि से आगे बढ़ जाएंगे तब परिस्थियां में सुधार देखने को मिल सकता है.

इन उपाय से कम होगा दुष्प्रभाव: गुरु चांडाल योग के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय भी ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं. माना जाता है कि जब यह अशुभ योग कुंडली में हो तब धर्म का दामन पकड़ लेना चाहिए. नियमित रूप से मां सरस्वती और भगवान गजानन की पूजा और भोलेनाथ पर दूध चढ़ाना चाहिए. प्रतिदिन हल्दी की माला से गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. साथ ही सुबह नहाने के बाद पूजन करें और साथ में जाओगी केसर का तिलक मस्तक पर लगाना चाहिए क्यूंकि इससे कुंडली में गुरु मजबूत होते हैं और जब राहु की दशा में भी गुरु मजबूत स्थिति में होंगे तब गुरु चंडाल योग का दुष्प्रभाव भी कम हो जाएगा.

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है. ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

Guru Chandal Yog: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी नक्षत्रों के बदलाव से गुरु चंडाल योग बनता है तब राशि जातकों की कुंडली में गुरु यानी बृहस्पति कमजोर स्थिति में आजाता है. जिसके प्रभाव से जीवन में नकारात्मकता हावी होने लगती है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि के बाद यही अशुभ योग मेष राशि में बनने जा रहा है. जिसका प्रभाव राशि चक्र की तीन राशियों पर पड़ेगा या कहें, इन राशियों के बुरा दौरा देखने को मिलेगा.

मेष राशि में बनेगा योग: जब भी राशि में ग्रहों का गोचर या मिलन होता है तब इसका असर राशि चक्र के सभी जातकों को किसी ना किसी रूप में प्रभावित करता है. नवरात्र के एक माह बाद 22 अप्रैल को भी मेष राशि में एक योग का निर्माण होगा लेकिन अशुभ योग का जो इस राशि में पहले से मौजूद राहु और उस दिन राशि में प्रवेश करने जा रहे बृहस्पति ग्रह के एक साथ आने से बनेगा. ज्योतिष शास्त्र में इसे गुरु चंडाल योग के नाम से जाना जाता है.

कुंडली में गुरु का प्रभाव कम करता है गुरु चांडाल योग: बात अगर गुरु चंडाल योग के प्रभाव की करें तो, गुरु चंडाल योग का निर्माण राहु और बृहस्पति ग्रहों के किसी राशि में एक साथ मौजूद रहने पर पड़ता है. तब राहु बृहस्पति के प्रभाव को कम करने का काम करता है. जिसके प्रभाव से राशि जातक का जीवन नकारात्मकता से भर जाता है, वह पुण्य और धर्म की राह से भटकने लगता है और पाखंड कुकर्म और छल जैसे कार्यों की ओर बढ़ जाता है.

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मेष: आने वाली 22 अप्रैल से अगले छह महीने तक इस राशि के जातकों के लिए बहुत ही भारी रहने वाले हैं. स्वास्थ्य प्रभावित होगा साथ ही आर्थिक रूप से भी नुकसान और संकट की स्थिति बन सकती है. कार्यक्षेत्र में भी बनते काम में रुकावट आ सकती है. साथ ही बड़ी डीलिंग में निराशा मिलने की सम्भावना है. इसका बड़ा कारण है की इसी राशि में गुरु चांडाल योग लग्न भाव में बनेगा, जिसका बुरा प्रभाव इस राशि के जातकों के जीवन में नकारात्मकता भरा समय दिखाएगा.

मिथुन: इस राशि के जातकों के लिए भी छह महीने अशुभ प्रभाव से घिरे रहेंगे. कुंडली में गुरु चंडाल योग के दुष्प्रभाव से जीवन का यह दौर परेशानियों में गुजरेगा. जल्दबाज़ी में लिए फैसले आपको आर्थिक नुकसान की और ले जाएंगे, कार्यक्षेत्र में संभलकर रहे परेशानियां बढ़ेंगी. स्वास्थ्य के लिए भी समय प्रतिकूल रहेगा.

धनु: इस गुरु चांडाल योग से प्रभावित होने वाली तीसरी राशि है धनु जिसके जातकों पर परेशानियों का पहाड़ टूट सकता है. आर्थिक खर्चों वृद्धि हो सकती है. व्यापार में नुकसान की सम्भावना है. करियर या जॉब में भी समय टेंशन भरा गुजरेगा. वाहन चलाते समय सावधान रहें रोड एक्सीडेंट का योग बन रहा है.

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शनि की नजर और बिगाड़ेगी स्थिति: आपको बता दें कि मेष राशि में गुरु चांडाल योग बनने के साथ ही पिता पुत्र यानी सूर्य और शनि का भी प्रभाव रहेगा क्यूंकि इस योग पर शनि की दृष्टि भी पड़ने वाली है. जिसके फलस्वरूप शनि का प्रकोप भी कुंडली पर पड़ सकता है. हालांकि यह प्रभाव सिर्फ सूर्य की मौजूदगी तक ही सीमित है. जब सूर्य मेश राशि से आगे बढ़ जाएंगे तब परिस्थियां में सुधार देखने को मिल सकता है.

इन उपाय से कम होगा दुष्प्रभाव: गुरु चांडाल योग के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय भी ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं. माना जाता है कि जब यह अशुभ योग कुंडली में हो तब धर्म का दामन पकड़ लेना चाहिए. नियमित रूप से मां सरस्वती और भगवान गजानन की पूजा और भोलेनाथ पर दूध चढ़ाना चाहिए. प्रतिदिन हल्दी की माला से गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. साथ ही सुबह नहाने के बाद पूजन करें और साथ में जाओगी केसर का तिलक मस्तक पर लगाना चाहिए क्यूंकि इससे कुंडली में गुरु मजबूत होते हैं और जब राहु की दशा में भी गुरु मजबूत स्थिति में होंगे तब गुरु चंडाल योग का दुष्प्रभाव भी कम हो जाएगा.

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है. ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

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