उज्जैन। उश्री कृष्ण की गुरुकुल को शिक्षा नगरी कहा जाता है. उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में ऐसा वाक्य हुआ है जो, गुरुकुल को शर्मसार करने वाला है. उच्च शिक्षा मंत्री के गृह नगर स्थित विक्रम विश्वविद्यालय के एमबीए डिपार्टमेंट के दो सीनियर प्रोफेसर आपस में भिड़ गए.
दोनों के बीच का विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट की नौबत आ गई. एक प्रोफेसर ने कपड़े फाड़े तो दूसरे ने चाबी से हमला कर प्रोफेसर के चेहरे और गले से खून निकाल दिया. हैरत की बात यह है कि घटना विक्रम विश्वविद्यालय में हुई है, यहां रजिस्ट्रार और कुलपति का ऑफिस है. इस मामले में बड़ी बात यह है कि हर बार छात्र संगठन के बीच विवादों को खत्म करने के लिए प्रोफेसर को बीच-बचाव करना पड़ता है, लेकिन यहां विवाद को खत्म करने के लिए छात्र नेता पहुंचे और कुलपति के रूप में दोनों प्रोफेसर को जमकर सुनाया.
कुलपति तक पहुंचा मामला
जब दोनों प्रोफेसर कुलपति से पूरे विवाद पर बात कर रहे थे. तब ही छात्र संगठन के नेता जितेंद्र परमार अपने समर्थकों के साथ कुलपति के रूम में घुस गए और जमकर चिल्लाने लगे. छात्र नेता ने दोनों प्रोफेसरों को यह तक कह डाला कि शर्म करो दोनों क्यों विश्वविद्यालय को बदनाम कर रहे हो. कुलपति चेंबर में हुई बहस के बाद कुलपति के तेवर भी गर्म हो गए. उन्होंने दोनों पर कार्रवाई करने की बात कह दी. कुलपति ने दोनों को आखिरी चेतावनी देते हुए माफीनामा लिखवाया. आगे से इस तरह की घटना से दूर रहने की हिदायत देते हुए सख्त कार्रवाई की बात भी कही है.
विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली घटना
उज्जैन शहर भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली भी रही है. यहां भगवान श्री कृष्ण ,सुदामा ,बलराम ,गुरु सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करते थे. लेकिन आज जिस तरह दो प्रोफेसर का विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत मारपीट तक आ गई. इससे पहले भी कई बार विक्रम विश्वविद्यालय में विवाद हुए हैं. जिसमें सबसे बहुचर्चित विवाद था, प्रोफेसर सभरवाल हत्याकांड जो कि प्रदेश देश में गुंजा था. जिसमें एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर प्रोफेसर की हत्या का आरोप लगा था. इसके अलावा एनएसयूआई ने एक बार विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ की थी. एबीवीपी के कार्यकर्ता और एनएसयूआई के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे.