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उज्जैन: सब्जी मंडी के कचरे से बनाई बिजली, स्मार्ट सिटी कंपनी को मिला ग्रीन एनर्जी अवॉर्ड - नगर निगम

उज्जैन स्मार्ट सिटी के तहत करीब दो साल पहले मक्सी रोड़ सब्जी मंडी क्षेत्र में मिथेनेशन प्लांट बनाया गया था जिसमें मंडी की ओर से वेस्टेज सब्जियों को वाहनों के जरिए बायोगैस प्लांट तक लाया जाता है. जिससे रोजाना करीब तीन सौ किलो वाट बिजली बनाई जाती है.

बायो मिथेनेशन प्लांट, उज्जैन स्मार्ट सिटी
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Published : May 27, 2019, 8:58 PM IST

उज्जैन। स्मार्ट सिटी कंपनी के बायो मिथेनेशन प्लांट को ग्रीन एनर्जी अवार्ड दिया गया है. स्मार्ट सिटी कंपनी और नगर निगम ने 2017 में मक्सी रोड़ स्थित सब्जी मंडी क्षेत्र में मिथेनेशन प्लांट लगाया था. इसमें मक्सी रोड़, जामा मस्जिद फ्रीगंज और दौलतगंज सब्जी मंडी का कचरा एकत्रित किया जाता है. जिससे रोजाना करीब तीन सौ किलो वाट बिजली बनाई जाती है.

सब्जी मंडी के कचरे से बनाई बिजली

उज्जैन स्मार्ट सिटी के तहत करीब दो साल पहले मक्सी रोड़ सब्जी मंडी क्षेत्र में मिथेनेशन प्लांट बनाया गया था जिसमें मंडी की ओर से वेस्टेज सब्जियों को वाहनों के जरिए बायोगैस प्लांट तक लाया जाता है. इसे छोटे-छोटे हिस्सों में बांटने के बाद मिथीनेशन प्लांट में डाला जाता है. जिसमें प्रोसेस के बाद कचरा, बिजली और खाद में तब्दील हो जाता है. दावा किया जा रहा है कि इससे तीन सौ किलो वाट यूनिट बिजली का उत्पादन रोज होता है. जिसका उपयोग मक्सी रोड़ सब्जी मंडी के स्ट्रीट लाइट के लिए किया जा रहा है.
स्मार्ट सिटी के सीईओ अवधेश शर्मा ने बताया कि उज्जैन स्मार्ट सिटी को राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न स्मार्ट सिटी के तहत ग्रीन एनर्जी केटेगरी में शहर को बायो मिथेनेशन प्लांट के लिए अवार्ड मिला है. बड़े होटलों से निकलने वाले कचरे से निपटने के लिए होटल संचालकों को भी अपने यहां प्लांट लगाने के लिए कहा है. होटलों में बची खाद्य सामग्री आदि से खाद बनाए जा सकते हैं.

उज्जैन। स्मार्ट सिटी कंपनी के बायो मिथेनेशन प्लांट को ग्रीन एनर्जी अवार्ड दिया गया है. स्मार्ट सिटी कंपनी और नगर निगम ने 2017 में मक्सी रोड़ स्थित सब्जी मंडी क्षेत्र में मिथेनेशन प्लांट लगाया था. इसमें मक्सी रोड़, जामा मस्जिद फ्रीगंज और दौलतगंज सब्जी मंडी का कचरा एकत्रित किया जाता है. जिससे रोजाना करीब तीन सौ किलो वाट बिजली बनाई जाती है.

सब्जी मंडी के कचरे से बनाई बिजली

उज्जैन स्मार्ट सिटी के तहत करीब दो साल पहले मक्सी रोड़ सब्जी मंडी क्षेत्र में मिथेनेशन प्लांट बनाया गया था जिसमें मंडी की ओर से वेस्टेज सब्जियों को वाहनों के जरिए बायोगैस प्लांट तक लाया जाता है. इसे छोटे-छोटे हिस्सों में बांटने के बाद मिथीनेशन प्लांट में डाला जाता है. जिसमें प्रोसेस के बाद कचरा, बिजली और खाद में तब्दील हो जाता है. दावा किया जा रहा है कि इससे तीन सौ किलो वाट यूनिट बिजली का उत्पादन रोज होता है. जिसका उपयोग मक्सी रोड़ सब्जी मंडी के स्ट्रीट लाइट के लिए किया जा रहा है.
स्मार्ट सिटी के सीईओ अवधेश शर्मा ने बताया कि उज्जैन स्मार्ट सिटी को राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न स्मार्ट सिटी के तहत ग्रीन एनर्जी केटेगरी में शहर को बायो मिथेनेशन प्लांट के लिए अवार्ड मिला है. बड़े होटलों से निकलने वाले कचरे से निपटने के लिए होटल संचालकों को भी अपने यहां प्लांट लगाने के लिए कहा है. होटलों में बची खाद्य सामग्री आदि से खाद बनाए जा सकते हैं.

Intro:उज्जैन सब्जी मंडी के कचरे से बनाई बिजली स्मार्ट सिटी कंपनी को ग्रीन एनर्जी अवॉर्ड


Body:उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी के बायो मिथेनेशन प्लांट को ग्रीन एनर्जी अवार्ड दिया गया है स्मार्ट सिटी कंपनी और नगर निगम ने 2017 में मक्सी रोड स्थित सब्जी मंडी क्षेत्र में मिथेनेशन प्लांट लगाया था इसमें मक्सी रोड जामा मस्जिद फ्रीगंज और दौलतगंज सब्जी मंडी का कचरा एकत्रित किया जाता है परियोजना 5000 किलो तक के कचरे के ट्रीटमेंट के लिए तैयार की गई है जिससे रोजाना करीब 300 किलो वाट बिजली बनाई जाती है


Conclusion:उज्जैन स्मार्ट सिटी के तहत करीब 2 साल पहले मक्सी रोड सब्जी मंडी क्षेत्र में मिथेनेशन प्लांट बनाया गया था जिसमें मंडी की ओर से सब्जियों को वाहनों के जरिए बायोगैस प्लांट तक लाया जाता है इससे छोटे-छोटे हिस्सों में बांटने के बाद बाहों में मिथीनेशन प्लांट में डाला जाता है जिसमें प्रोफेस के बाद यहां तक कचरा बिजली और खाद में तब्दील हो जाता है दावा किया जा रहा है कि इससे 300 किलो वाट यूनिट बिजली का उत्पादन रोज होता है जिसका उपयोग मक्सी रोड सब्जी मंडी स्ट्रीट लाइट के लिए किया जा रहा है स्मार्ट सिटी के सीईओ अवधेश शर्मा के अनुसार उज्जैन स्मार्ट सिटी को अवार्ड मिला है राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न स्मार्ट सिटी के तहत ग्रीन एनर्जी केटेगरी में शहर को वायो मिथेनेशन प्लांट के लिए अवार्ड मिला है बड़े होटलों से निकलने वाले कचरे से निपटने के लिए होटल संचालकों को भी अपने यहां प्लांट लगाने के लिए कहा है होटलों में बची खाद्य सामग्री आदि से खाद बनाए जा सकता है।



बाइट---अवधेश शर्मा (सी ई ओ स्मार्ट सिटी उज्जैन)
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