उज्जैन। दस दिवसीय भगवान गणेश के महोत्सव की शुरूआत हो गई है, लेकिन इस पर भी कोरोना का प्रकोप देखने को मिला है. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने सार्वजनिक स्थलों पर पांडाल बनाने सहित प्रतिमाओं को विराजित करने पर रोक लगा दी है. इसीलिए सभी अपने-अपने घरों मे प्रभु गणेश की प्रतिमा की स्थापना कर रहे हैं.
पर्यावरण जागरूकता के चलते ग्राहकों ने मिट्टी की मूर्तियों की विशेष मांग रखी. 21 अगस्त यानी शुक्रवार को बाजार में भगवान गणेश की प्रतिमाओं को लेने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान पूजन सामग्री सहित अन्य साज-सजावट के सामानों की खरीददारी की गई.
इस वर्ष घरों में ही रहकर मिट्टी की गणेश मूर्तियां बनाने का खासा उत्साह देखा गया. अपने हाथों से बनाई प्रतिमाओं के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किए गए. कलाकार नरेन्द्र डोहरिया द्वारा मिट्टी के गणेश की आकर्षक मूर्ति तैयार की गई.
रामसहाय मार्ग निवासी वंशिता तंवर ने भी 15 मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाकर परिचितों को भेंट की. इसी प्रकार गृहणी सुरभी शर्मा और श्रद्धा मोर्य ने गणेश की प्रतिमा घर में ही तैयार कर विधि विधान से स्थापना कर पूजा-अर्चना की.
नागदा शहर में लगातार हो रही बारिश के बावजूद भी लोगों में गणेश उत्सव को लेकर उत्साह बना हुआ है. बड़ी मूर्तियां नहीं लगाने और चौराहों पर कार्यक्रम नहीं होने की वजह से लोग मायूस जरूर हुए, मगर त्योहार को लेकर उमंग देखने को मिली.