उज्जैन। कोरोना संक्रमण के दौर में ऐसे कई लोग हैं जो आपदा में अवसर तलाश रहे हैं. लेकिन इसके ठीक विपरीत बड़नगर (उज्जैन) के एसडीएम डॉक्टर योगेश भरसट पिछले कई महिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए देवदूत बनकर अपनी सेवा दे रहे हैं. बडनगर एसडीएम डॉक्टर योगेश के पास 15 वर्ष का डॉक्टरी का अनुभव है वह एसडीएम बनने से पहले एमडी रह चुके हैं. एसडीएम पद पर तैनात डॉक्टर योगेश अपनी ड्यूटी के अलावा रोजाना दिन में 2 बार सरकारी अस्पताल जाते हैं और मरीजों को देखते हैं. डॉक्टर योगेश रोजाना 60 से अधिक मरीजों का इलाज करते हैं.
- कोरोना काल में दोहरी भूमिका
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर योगेश प्रदेश के पहले ऐसे आईएएस अधिकारी हैं, जो कोरोना काल में दोहरी भूमिका निभा रहे है. उन्होंने शहर के निजी अस्पतालों के साथ बातचीत कर गरीबों के लिए ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराए हैं. जन सहयोग से बड़नगर को कोविड-19 से निपटने के लिए आत्मनिर्भर बनाने के मद्देनजर उन्होंने शासकीय अस्पताल के बदहाल भवन की जगह पंडित दीनदयाल उपाध्याय बस स्टैंड का चयन किया और वहां 65 बेड का एक सुविधा युक्त कोविड सेंटर खड़ा किया है.
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- गांव-गांव कोरोना
उज्जैन जिला मुख्यालय के साथ उज्जैन से 50 किलोमीटर दूर बड़नगर तहसील में वैश्विक महामारी कोविड-19 की दूसरी लहर में संक्रमण ने ग्रामीण इलाकों में दस्तक दे दी है. यहां अब कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन गांवों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं न होने के कारण यहां मरीजों का जीवन संकट में हैं.
- बड़नगर में 8 डॉक्टरों की टीम
उज्जैन कोविड सेंटर को संक्रमित मरीजों के लिए 150 रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले थे. जो मरीजों को मुफ्त लगाए गए हैं. कोविड सेंटर में 8 डॉक्टरों की टीम के साथ 8 नर्सिंग स्टाफ और 3 वार्ड बॉय मौजूद रहते हैं. मरीजों को चाय, नाश्ता, खाना फ्री देने के साथ ही एपीएल मरीजों को शासन द्वारा निर्धारित 30% इलाज में छूट दी जा रही है. वहीं, इस अस्पताल में बीपीएल परिवारों के लोगों को मुफ्त इलाज हो रहा है.