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उज्जैनः घट्टिया सरकारी हॉस्पिटल का हाल हुआ बेहाल, इलाज के लिए भटक रहे मरीज - उज्जैन न्यूज

उज्जैन जिले के घट्टिया सरकारी हॉस्पिटल में अव्यवस्था फैली है. हॉस्पिटल की लैब में ताला लगने से प्रतिदिन गर्भवती महिलाएं और तमाम अन्य मरीज इलाज के लिए परेशान होते नजर आ रहे हैं.

Ghattia Government Hospital
घट्टिया सरकारी हॉस्पिटल
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Published : Jun 5, 2020, 5:04 PM IST

उज्जैन। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में जहां एक तरफ प्रदेश सरकार किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने की बात कह रही है, तो वहीं दूसरी तरफ उज्जैन जिले के घट्टिया तहसील में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल हो चुका है. यहां मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. आलम ये है कि, अस्पताल की लैब में ताला लगा हुआ है. किसी भी तरह की जांच के लिए प्राइवेट पैथ लैब में जाकर मरीजों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है. तमाम सुविधाएं या तो बंद हैं या फिर उनकी हालत खस्ता हो चुकी है. अस्पताल प्रबंधन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. ये हालात उस वक्त है, जब कोरोना के संकट काल में लोग इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल चक्कर लगा रहे हैं.

ऐसे में लोग जाएं तो जाएं कहां, तहसील मुख्यालय पर जो सुविधाएं थीं, अब वहां भी ताला लगा है. गर्भवती महिलाएं और मरीज अपनी जांच को लेकर रोज परेशानियों का सामना कर रहे हैं. यहां पर जो लैब टेक्नीशियन और सोनोग्राफी करने वाले कर्मचारी थे, उन्हें जिला अस्पताल में अटैच कर दिया गया है. तहसील के अस्पताल को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया. जब इस बारे ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि, मेरे द्वारा एसडीएम और विभागीय अधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से अवगत करा दिया गया है.

उज्जैन। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में जहां एक तरफ प्रदेश सरकार किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने की बात कह रही है, तो वहीं दूसरी तरफ उज्जैन जिले के घट्टिया तहसील में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल हो चुका है. यहां मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. आलम ये है कि, अस्पताल की लैब में ताला लगा हुआ है. किसी भी तरह की जांच के लिए प्राइवेट पैथ लैब में जाकर मरीजों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है. तमाम सुविधाएं या तो बंद हैं या फिर उनकी हालत खस्ता हो चुकी है. अस्पताल प्रबंधन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. ये हालात उस वक्त है, जब कोरोना के संकट काल में लोग इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल चक्कर लगा रहे हैं.

ऐसे में लोग जाएं तो जाएं कहां, तहसील मुख्यालय पर जो सुविधाएं थीं, अब वहां भी ताला लगा है. गर्भवती महिलाएं और मरीज अपनी जांच को लेकर रोज परेशानियों का सामना कर रहे हैं. यहां पर जो लैब टेक्नीशियन और सोनोग्राफी करने वाले कर्मचारी थे, उन्हें जिला अस्पताल में अटैच कर दिया गया है. तहसील के अस्पताल को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया. जब इस बारे ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि, मेरे द्वारा एसडीएम और विभागीय अधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से अवगत करा दिया गया है.

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