उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है. यहां श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह तक जाकर शिवलिंग को छूकर दर्शन कर भगवान से आशीर्वाद लेते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि अब आम श्रद्धालु पंचामृत अभिषेक नहीं कर पाएंगे. श्रद्धालु केवल दूध और जल ही चढ़ा पाएंगे. कोर्ट ने आम श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन के दौरान शिवलिंग को रगड़ने और घिसने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
कई बार श्रद्धालु दर्शन के दौरान दूध और जल चढ़ाते समय शिवलिंग को हाथ लगाकर घिसते हैं. साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि महाकाल मंदिर के पुजारी भी इस बात का ख्याल रखें कि आने वाले श्रद्धालु जिनकी पूजा करवा रहे हैं, वे जजमान महाकाल मंदिर के शिवलिंग को नुकसान नहीं पहुंचाए और पंचामृत अभिषेक पूजन भी नहीं करें.
इस बात को लेकर उज्जैन के महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने कोर्ट के फैसले का सम्मान किया है और उन्होंने कहा कि शिवलिंग क्षरण को रोकने की हम सबकी जिम्मेदारी है और सबसे पहली जिम्मेदारी पंडे पुजारियों की ही है कि वहां कुछ भी करके क्षरण को रोकने के लिए पंडे पुजारी अपने श्रद्धालुओं को इस बात के लिए समय-समय पर सचेत करते रहें.
श्रद्धालुओं ने भी कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए यह जरूरी कदम था और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए. कोर्ट के निर्देश के बाद नए नियमों का पालन अब मंदिर समिति को कराना है, जिससे शिवलिंग क्षरण होने से रोका जा सके.