उज्जैन। उज्जैन निवासी और कांग्रेस से 4 बार पार्षद रहे प्रेम कुमार यादव की 02 जुलाई 2013 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आरोपी अजित सिंह सेंगर ने भरे बाजार में उन्हें गोली मारी थी. इसके बाद उज्जैन शहर का माहौल बिगड़ गया था. शहर में दंगे की स्थिति निर्मित हो गई थी. इस मामले को दो साल बाद वर्ष 2015 में हाईकोर्ट इंदौर के आदेश पर नीमच न्यायालय में स्थानांरित कर दिया गया था.
9 साल बाद अब फैसले की घड़ी : इस मामले के सभी गवाहों के साथ वकीलों के तर्कों को नीमच की विशेष न्यायालय में सुना गया. अब घटना के 09 साल बाद 20 मई शुक्रवार को इस मामले का फैसला आने वाला है. सबूतों और गवाहों के आधार पर ज्ञात हुआ कि आरोपी अजित सेंगर आदतन अपराधी है, जो पूर्व में भी एक हत्या के आरोप में जेल में बंद था. वह 2 माह के पैरोल पर जेल से बाहर निकला था. तभी से आरोपी फरार हो गया था. फरारी के दौरान ही आरोपी ने पार्षद व बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रेम कुमार यादव की हत्या कर दी थी.
लोगों को कई सालों से इंतजार : उज्जैन में इस मामले को लेकर कई वर्षों से लोगों को फैसले का इंतजार है. 20 मई को नीमच की विशेष न्यायालय में इसका फैसला होगा. बता दें कि हत्या की इस वारदात के बाद उज्जैन में दंगे के हालात बन गए थे. उज्जैन अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम कुमार यादव की 2 जुलाई को हुई कथित हत्या के विरोध में मध्यप्रदेश राज्य बार काउंसिल ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था. उज्जैन के वकीलों द्वारा आरोपी पक्ष की पैरवी करने से इनकार कर दिया गया था. आरोपियों की अपील पर वर्ष 2015 में प्रकरण नीमच ट्रांसफर कर दिया गया.
(Decision on Prem Kumar Yadav murder case) (Neemuch special court hearing completed)