दमोह। अनलॉक होने के बाद दमोह में जिस कदर लोगों की भीड़ बाजारों में उमड़ रही है, उससे समय के पहले ही कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना प्रबल हो गई है. दरअसल अनलॉक के बाद दमोह में लोग सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग करना मानो भूल ही गए हैं. हर जगह बेतहाशा भीड़ लापरवाही से उमड़ रही है. हाल ही में दिल्ली के एक गैर-सरकारी संस्थान ने मध्यप्रदेश में किए गए सर्वे में दमोह सहित कुछ जिलों को लेकर गंभीर चेतावनी दी है. इसके बाद भी लोग बेपरवाह नजर आ रहे हैं.
डेंजर जोन में दमोह
दिल्ली के एक स्वास्थ्य संगठन, इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एवाल्यूशन ने हाल ही में किए गए सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दमोह, भिंड, आगर, शाजापुर बुरहानपुर और सिवनी जिला रेड जोन में है. इन जिलों में आवाजाही बहुत है. लोग मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. इसलिए यहां नियंत्रण की जरूरत है. स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी इस रिपोर्ट को सही मानते हैं.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता त्रिवेदी कहती हैं कि दमोह में लोग यह मानकर चल रहे हैं कि यहां पर कोरोना आएगा ही नहीं. लेकिन जिस तरीके से लोग लापरवाही बरत रहे हैं उसे देखकर कहा जा सकता है कि यहां पर बहुत जल्द केस बढ़ने की संभावना है.
क्या है मौजूदा स्थिति
दमोह में लगातार भीड़ बढ़ रही है. बाजारों के अलावा जिला अस्पताल में ही सुबह 8 बजे से भीड़ जुटना शुरू हो जाती है. यहां पर ओपीडी पर्ची और भर्ती होने वाले मरीज और उनके साथ परिजनों की भारी भीड़ इकट्ठी हो जाती है. लेकिन ताज्जुब है कि अधिकांश लोग न तो मुंह पर मास्क लगाते हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाता है. ऐसा ही हाल व्यस्ततम बाजार क्षेत्र घंटाघर, टोपी लाइन, सराफा बाजार, बस स्टैंड, तीन गुल्ली क्षेत्र, सब्जी बाजार और स्टेशन क्षेत्र का है. इसी लापरवाही का परिणाम है कि पिछले 15 दिन के बाद 14 जुलाई को 2 केस सामने आए हैं.
क्या है प्रशासन की तैयारी ?
स्वास्थ्य विभाग की अपनी सीमाएं और संसाधन हैं. दूसरी लहर के बाद जिला अस्पताल में फिलहाल 300 मरीजों के लिए ऑनलाइन ऑक्सीजन की व्यवस्था है. लेकिन प्लांट न लगने के कारण अभी भी दूसरे प्लांट्स से जंबो सिलेंडर के द्वारा ऑक्सीजन बुलाना पड़ रही है. इसके अलावा करीब 30 बेड पर हटा में ऑनलाइन ऑक्सीजन की व्यवस्था है. स्टाफ और डॉक्टर सीमित है. जिसके कारण यदि तीसरी लहर आती है या की बढ़ते हैं तो इस बार स्थिति संभालना और भी मुश्किल हो जाएगा.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संगीता त्रिवेदी कहती हैं कि यह बात सही है कि दिल्ली की संस्था ने दमोह को लेकर चेतावनी दी है. दरअसल दमोह में जिस तरह से भीड़ बढ़ रही है और लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. उससे यही लगता है कि उन्हें कोरोना का कोई डर नहीं है. वह इस बात से भी बेफिक्र हैं कि दमोह में कोरोना आएगा ही नहीं. हाल के 10-12 दिन से अभी एक भी केस नहीं निकले हैं. लेकिन यदि यही हाल रहा तो संभव है कि समय से पहले ही फिर से केस बढ़ना शुरू हो जाए. क्योंकि कई राज्यों में तीसरी लहर आ चुकी है.