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आर्मी भर्ती के बीच आया 'कोरोना', अभ्यर्थियों ने किया हंगामा

आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने कोविड सेंटर का घेराव कर धरना प्रदर्शन कर दिया. दरअसल सरकार की गाइडलाइन के अनुसार भर्ती में आए अभ्यर्थियों को कोरोना की नेगेटीव रिपोर्ट दिखाना आवश्यक है. लेकिन अधिकारियों ने पैसे लेकर भी बच्चों का कोरोना टेस्ट नहीं किया.

'Corona' came amidst army recruitment
आर्मी भर्ती के बीच आया 'कोरोना'
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Published : Mar 19, 2021, 8:23 PM IST

उज्जैन। जिले भर में आर्मी भर्ती को लेकर तैयारी कर रहे युवा आक्रोशित हो उठे और कोविड सेंटर पर पहुंच कर धरना शुरू कर दिया. जिनके संसर्थन में तराना विधायक महेश परमार भी पहुंच गए. अधिकारियों को बच्चों की बात नहीं सुनने पर चक्काजाम की चेतावनी देने लगे. युवाओ ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमें बेवकूफ बनाया जा रहा है. पैसा लेने के बावजूद कहा गया किट खत्म हो गई है. हमें भर्ती के समय रिपोर्ट दिखाना है. ऐसे में हम कहां जाए.

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ये जोश हाई है: युवतियों पर सवार आर्मी में भर्ती होने का जुनून

  • पैसे लेकर भी नहीं किया टेस्ट

तराना विधायक महेश परमार ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि जिले के लगभज 20 से 25 हजार युवा पिछले 3 साल से मेहनत कर आर्मी भर्ती का इंतजार कर रहे है. सरकार की गाइडलाइन अनुसार बच्चों को भर्ती से पहले नेगेटिव कोविड रिपोर्ट दिखाना जरूरी है. उसी के टेस्ट के लिए बच्चे यहां पहुंचे है. जिसको लेकर यहां बच्चों से पैसा लेकर भी जांच नहीं की जा रही है. मैंने और मेरे साथियों ने मौके पर पहुंचकर अधिकिरियों को चक्का जाम की चेतावनी दी है. जिसके बाद यहां लाइन में लगवाकर व्यवस्थित कोरोना टेस्ट किए जा रहे है.

उज्जैन। जिले भर में आर्मी भर्ती को लेकर तैयारी कर रहे युवा आक्रोशित हो उठे और कोविड सेंटर पर पहुंच कर धरना शुरू कर दिया. जिनके संसर्थन में तराना विधायक महेश परमार भी पहुंच गए. अधिकारियों को बच्चों की बात नहीं सुनने पर चक्काजाम की चेतावनी देने लगे. युवाओ ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमें बेवकूफ बनाया जा रहा है. पैसा लेने के बावजूद कहा गया किट खत्म हो गई है. हमें भर्ती के समय रिपोर्ट दिखाना है. ऐसे में हम कहां जाए.

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  • पैसे लेकर भी नहीं किया टेस्ट

तराना विधायक महेश परमार ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि जिले के लगभज 20 से 25 हजार युवा पिछले 3 साल से मेहनत कर आर्मी भर्ती का इंतजार कर रहे है. सरकार की गाइडलाइन अनुसार बच्चों को भर्ती से पहले नेगेटिव कोविड रिपोर्ट दिखाना जरूरी है. उसी के टेस्ट के लिए बच्चे यहां पहुंचे है. जिसको लेकर यहां बच्चों से पैसा लेकर भी जांच नहीं की जा रही है. मैंने और मेरे साथियों ने मौके पर पहुंचकर अधिकिरियों को चक्का जाम की चेतावनी दी है. जिसके बाद यहां लाइन में लगवाकर व्यवस्थित कोरोना टेस्ट किए जा रहे है.

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