उज्जैन। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंजाब सरकार ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का फैसला लिया है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार इस मामले पर अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाई है. इस संबंध में कांग्रेस विधायक ने जिला कलेक्टर को लेटर लिखा है. इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने कई जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है.
राज्य में बढ़ रहे कोरोना केस
मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच राज्य सरकार ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का फैसला अभी तक नहीं लिया है. मध्यप्रदेश में कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के सभी स्कूलों को 15 अप्रैल आगामी आदेश तक बंद कर दिया गया है. इन सब के बीच चिंता का विषय यह है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर बहुत छोटे नन्हे-मुन्ने बच्चे आते हैं. इस पर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है.
कांग्रेस विधायक ने कलेक्टर को लिखा लेटर
इसी विषय को लेकर कांग्रेस के तराना विधायक महेश परमार ने रविवार को लेटर जारी कर कलेक्टर को लिखा है कि मध्य प्रदेश सरकार ने एक से लेकर आठवीं तक के सभी स्कूलों को 15 अप्रैल तक बंद कर दिया है और नौवीं और 11वीं की परीक्षाएं ओपन बुक से लिए जाने का प्रस्ताव मंजूर किया है. उन्होंने कलेक्टर से अनुरोध किया है कि आंगनबाड़ी में सभी गर्भवती महिलाएं आती हैं. वहा 0 से छह वर्ष तक के बालक-बालिकाएं आती हैं. उनकी व्यवस्थाएं, उनकी सामग्री और उन्हें घर भेजने की सुविधा की जाए.
कोरोना अलर्ट: सात शहरों में 15 अप्रैल तक सभी स्कूल-काॅलेज बंद
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंजाब सरकार ने राज्य में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का निर्देश जारी किया है. पंजाब की महिला और बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी ने निर्देश दिया है कि अगले आदेश तक राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखा जाएगा.