उज्जैन। दो हफ्ते पहले महिदपुर से नागदा लौट रहे तीन युवकों से कथित तौर पर हुई साढे तीन लाख की लूट के मामले में खुलासा हुआ है. पुलिस के मुताबिक फरियादी सोहेब सहित उसके दो दोस्तों ने ही लूट की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी. काफी दिन तक यह पुलिस को गुमराह भी करते रहे. लेकिन सीन रीक्रिएशन के वक्त पुलिस को तीनों पर शक हुआ. जिसके बाद सख्ती से पूछताछ में उन्होंने सारी बात उगल दी.
3 लाख रुपए की फर्जी लूट का खुलासा
सीएसपी मनोज रत्नाकर ने बताया कि 31 मई को हुई इस घटना के बाद से ही पुलिस लगातार मामले की बारीकी से जांच कर रही थी. इस दौरान तीनों फरियादी युवकों को पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया गया. जिसके बाद पुलिस तीनों को घटनास्थल पर ले गई और पूरी कहानी का सीन रीक्रिएट किया. इस दौरान कई ऐसी बातें सामने आई, जिसपर पुलिस को शक हुआ. इसके बाद तीनों फरियादी से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की. जिसमें उन्होंने पुलिस को गुमराह करने की बात स्वीकारी और फर्जी लूट की घटना का खुलासा करते हुए पैसे भी जब्त करवा दिए.
योजनाबद्ध तरीके से की थी फर्जी लूट
दरअसल लॉकडाउन के चलते आरोपियों के पास कमाई का कोई जरिया नहीं था. जिसके बाद उन्होंने अपने फूफा भुरु खान के रूपए को हड़पने की योजना बनाई थी. घटना वाले दिन महिदपुर से साढे 3 लाख रुपए लेकर आरोपी सोहेब और उसके दोस्त राहिद, सावेज एक ही मोटर साइकिल से निकले थे. इस दौरान उन्होंने घटनास्थल से 200 मीटर पहले रोड किनारे पत्थरों के नीचे पैसों से भरा बैग छुपा दिया और निशानी के लिए पास ही में पानी की खाली बोतल रख दी.
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इसके बाद आरोपी सोहेब ने योजना के मुताबिक अपने पैर और हाथ में चाकू मारा. इसी प्रकार सावेज ने अपनी पीठ पर वार करवाया ओर फिर लूट होने की सूचना अपने फूफा भुरु खान को दी. इस दौरान आरोपियों ने रास्ते में नागदा से आते समय चाकू फेंक दिया. थोड़ी आगे ही आरोपियों ने बैग भी फेंक दिया ताकि किसी को शक न हो इसके बाद वह सीधे पुलिस के पास शिकायत करने पहुंच गए. जिसके बाद पूछताछ में पुलिस ने यह खुलासा किया.