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उज्जैन कलेक्टर ने किया मनरेगा के तहत जारी काम का निरीक्षण, मजदूरों से भी बात

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Published : Jun 7, 2020, 9:41 PM IST

मनरेगा के तहत उज्जैन में 25 हजार 795 मजदूरों को रोजगार मिला है. इसी कड़ी में उज्जैन कलेक्टर ने मनरेगा के तहत जारी काम का निरीक्षण किया और मजदूरों को भुगतान की जानकारी भी ली.

Ujjain Collector
उज्जैन कलेक्टर

उज्जैन। जिले में मनरेगा के तहत मजदूरों को दिए जा रहे रोजगार के काम का कलेक्टर ने निरीक्षण किया, साथ ही मौके पर पहुंचकर मजदूरों से चर्चा भी की. इसके साथ ही उन्होंने भुगतान के बारे में भी जानकारी ली.

कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत हो रहे विभिन्न संरचनाओं का रखरखाव आगे भी किया जाए. कलेक्टर आशीष सिंह ने जल संरक्षण के लिए तैयार की गई विभिन्न रचनाओं के आसपास पौधारोपण करने और डेम के किनारे ऐसे पौधे लगाने के लिए कहा जिससे मिट्टी का कटाव कम हो सके.

लॉकडाउन के दौरान वापस लौटे मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया गया है, वहीं उज्जैन में 25 हजार 795 मजदूरों को काम पर लगाया गया है और उन्हें रोजगार दिया गया है. वहीं इस निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के साथ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंकित अस्थाना भी मौजूद रहे.

उज्जैन कलेक्टर ने जनपद के ग्राम बकानिया में जाकर वहां चल रहे नाले के गहरीकरण और डेम निर्माण का भी निरीक्षण किया. कलेक्टर ने कहा कि मनरेगा के तहत होने वाले निर्माण में 60 प्रतिशत राशि मजदूरों पर खर्च हो इसे सनिश्चित किया जाए.

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को बताया गया कि ग्राम बकानिया में 9 लाख 16 हजार रुपए की लागत से चेकडैम और नाले के गहरीकरण का काम किया जा रहा है, जो कि बारिश के पहले पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही उन्हें बताया गया कि मजदूरों को 190 रुपए प्रति दिन के हिसाब से दिए जा रहे हैं, वहीं ग्राम बकानिया में कुए का निर्माण काम भी किया जा रहा है. इस गांव में 124 मजदूर काम कर रहे हैं.

मास्क लगाकर काम कर रहे मजदूर

कोरोना संक्रमण को देखते हुए मजदूर मास्क लगाकर काम कर रहे हैं, ग्राम बकनिया में राजस्थान से लौटकर आए मजदूरों ने कलेक्टर से चर्चा की. मजदूरों ने कलेक्टर को बताया की उन्हें यहां काम का 190 रुपए दिया जा रहा है वहीं राजस्थान में इससे ज्यादा राशि मिलती थी. मजदूरों का कहना है कि अगर यह काम जारी रहा तो वह वापस राजस्थान नहीं जाना चाहते हैं, इसके साथ ही उन्होंने कलेक्टर से कहा कि वह राजस्थान के जैसलमेर में खेत की कटाई का काम करते थे जो लॉकडाउन के दौरान वापस घर लौट आए.

बीड़ी का व्यसन छोड़ें

कलेक्टर को कुछ मजदूरों ने बताया कि वे लोग बीड़ी पीने में ही 60 रुपए प्रतिदिन का खर्च कर देते हैं. जिस पर कलेक्टर ने मजदूरों से कहा कि यदि वह बीड़ी छोड़ देते हैं, तो उनकी आमदनी होगी और पैसे बचेंगे, जिससे घर खर्च भी चल सकेगा.

कलेक्टर ने ग्राम बकानिया के सरपंच महेंद्र सिंह से चर्चा की और निर्देश दिए कि वह चेक डैम के आसपास पड़ी हुई शासकीय भूमि पर फलोद्यान की योजना बनाकर लागू करें. ताकी आसपास के किसानों को इस फलोद्यान के फलों का मालिकी का हक दिया जा सकता है, बशर्ते वे इस फलोद्यान की देखभाल करते हुए इसका संरक्षण करें.

शत-प्रतिशत राशि श्रमिकों पर व्यय कर बना तालाब

कलेक्टर आशीष सिंह इसके बाद घटिया जनपद के ग्राम बोरखेड़ी में पहुंचे. वहां जाकर उन्होंने मनरेगा के तहत बन रहे तालाब का निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने मजदूरों से चर्चा की और बताया गया कि 4 लाख 90 हजार रुपए की लागत से सौ प्रतिशत मजदूरों के श्रम पर आधारित तालाब का निर्माण किया जा रहा है. जिससे यहां इकठ्ठा होने वाले आसपास के कुंए और ट्यूबवेल का जलस्तर बढ़ा जाएगा, इस साइट में 41 हजार मजदूर काम कर रहे हैं जो जैसलमेर से लौटकर आए थे.

उज्जैन में 22 अप्रैल से मनरेगा का काम शुरु किया गया है. जिसमें जिले के लगभग 25795 मजदूरों को इस योजना के तहत काम मिला है. वहीं वर्तमान में 1405 काम चल रहे हैं, जिले में 4 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को इस योजना से जोड़कर काम दिया गया है.

उज्जैन। जिले में मनरेगा के तहत मजदूरों को दिए जा रहे रोजगार के काम का कलेक्टर ने निरीक्षण किया, साथ ही मौके पर पहुंचकर मजदूरों से चर्चा भी की. इसके साथ ही उन्होंने भुगतान के बारे में भी जानकारी ली.

कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत हो रहे विभिन्न संरचनाओं का रखरखाव आगे भी किया जाए. कलेक्टर आशीष सिंह ने जल संरक्षण के लिए तैयार की गई विभिन्न रचनाओं के आसपास पौधारोपण करने और डेम के किनारे ऐसे पौधे लगाने के लिए कहा जिससे मिट्टी का कटाव कम हो सके.

लॉकडाउन के दौरान वापस लौटे मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया गया है, वहीं उज्जैन में 25 हजार 795 मजदूरों को काम पर लगाया गया है और उन्हें रोजगार दिया गया है. वहीं इस निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के साथ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंकित अस्थाना भी मौजूद रहे.

उज्जैन कलेक्टर ने जनपद के ग्राम बकानिया में जाकर वहां चल रहे नाले के गहरीकरण और डेम निर्माण का भी निरीक्षण किया. कलेक्टर ने कहा कि मनरेगा के तहत होने वाले निर्माण में 60 प्रतिशत राशि मजदूरों पर खर्च हो इसे सनिश्चित किया जाए.

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को बताया गया कि ग्राम बकानिया में 9 लाख 16 हजार रुपए की लागत से चेकडैम और नाले के गहरीकरण का काम किया जा रहा है, जो कि बारिश के पहले पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही उन्हें बताया गया कि मजदूरों को 190 रुपए प्रति दिन के हिसाब से दिए जा रहे हैं, वहीं ग्राम बकानिया में कुए का निर्माण काम भी किया जा रहा है. इस गांव में 124 मजदूर काम कर रहे हैं.

मास्क लगाकर काम कर रहे मजदूर

कोरोना संक्रमण को देखते हुए मजदूर मास्क लगाकर काम कर रहे हैं, ग्राम बकनिया में राजस्थान से लौटकर आए मजदूरों ने कलेक्टर से चर्चा की. मजदूरों ने कलेक्टर को बताया की उन्हें यहां काम का 190 रुपए दिया जा रहा है वहीं राजस्थान में इससे ज्यादा राशि मिलती थी. मजदूरों का कहना है कि अगर यह काम जारी रहा तो वह वापस राजस्थान नहीं जाना चाहते हैं, इसके साथ ही उन्होंने कलेक्टर से कहा कि वह राजस्थान के जैसलमेर में खेत की कटाई का काम करते थे जो लॉकडाउन के दौरान वापस घर लौट आए.

बीड़ी का व्यसन छोड़ें

कलेक्टर को कुछ मजदूरों ने बताया कि वे लोग बीड़ी पीने में ही 60 रुपए प्रतिदिन का खर्च कर देते हैं. जिस पर कलेक्टर ने मजदूरों से कहा कि यदि वह बीड़ी छोड़ देते हैं, तो उनकी आमदनी होगी और पैसे बचेंगे, जिससे घर खर्च भी चल सकेगा.

कलेक्टर ने ग्राम बकानिया के सरपंच महेंद्र सिंह से चर्चा की और निर्देश दिए कि वह चेक डैम के आसपास पड़ी हुई शासकीय भूमि पर फलोद्यान की योजना बनाकर लागू करें. ताकी आसपास के किसानों को इस फलोद्यान के फलों का मालिकी का हक दिया जा सकता है, बशर्ते वे इस फलोद्यान की देखभाल करते हुए इसका संरक्षण करें.

शत-प्रतिशत राशि श्रमिकों पर व्यय कर बना तालाब

कलेक्टर आशीष सिंह इसके बाद घटिया जनपद के ग्राम बोरखेड़ी में पहुंचे. वहां जाकर उन्होंने मनरेगा के तहत बन रहे तालाब का निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने मजदूरों से चर्चा की और बताया गया कि 4 लाख 90 हजार रुपए की लागत से सौ प्रतिशत मजदूरों के श्रम पर आधारित तालाब का निर्माण किया जा रहा है. जिससे यहां इकठ्ठा होने वाले आसपास के कुंए और ट्यूबवेल का जलस्तर बढ़ा जाएगा, इस साइट में 41 हजार मजदूर काम कर रहे हैं जो जैसलमेर से लौटकर आए थे.

उज्जैन में 22 अप्रैल से मनरेगा का काम शुरु किया गया है. जिसमें जिले के लगभग 25795 मजदूरों को इस योजना के तहत काम मिला है. वहीं वर्तमान में 1405 काम चल रहे हैं, जिले में 4 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को इस योजना से जोड़कर काम दिया गया है.

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