उज्जैन। बजरंग गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित उज्जैन के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और संचालकों के खिलाफ ईओडब्ल्यू (EOW) ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है. संस्था के अध्यक्ष, संचालकों और संबंधित कृषकों के द्वारा गृह निर्माण सहकारी संस्था की नानाखेड़ा क्षेत्र में खरीदी गई जमीन पर भूखंड विकसित नहीं किए और जमीन को दूसरी संस्था को बेच दिए जाने का आरोप है.
2011 में ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी
संस्था द्वारा 1987 से 1996 के दौरान संस्था के 121 सदस्यों को प्लाट पदाधिकारी व कार्यकारणी सदस्यों ने नहीं दिए. साथ ही 12 लाख 9421 रुपए हड़प लिए. यही नहीं उक्त भूमि 18 लाख रुपए में बेंचकर कूट रचित दस्तावेजों से अनुबंधित अन्य कृषि भूमि को भी बेचकर शासन एवं सदस्यों से धोखाधड़ी की. इस मामले को लेकर संस्थापक रहे अशोक शर्मा ने वर्ष 2011 में ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी.
2015 में प्राथमिकी दर्ज कर की गई जांच
मामले में ईओडब्ल्यू ने 27 मई 2015 को प्राथमिकी दर्ज कर जांच की. मामले की जांच के बाद तात्कालीन अध्यक्ष अशोक कुमार जैन, अशोक कुमार रमानी, शंकरलाल आंजना, भगवानसिंह आंजना और प्रबंध कारिणी समिति समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 406, 201, 467, 468, 34 भादवि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है.
जमीन घोटाला 1994-95 के दौरान हुआ
बता दें कि उज्जैन जमीन घोटाला 1994-95 के दौरान हुआ था. मामले में शिकायत होने पर 27 दिसंबर 1995 को तात्कालीन सहकारिता मंत्री सुभाष यादव ने मामले की एक माह में जांच कर रिपोर्ट मांगी थी. शर्मा ने बताया कि जमीन की वर्तमान कीमत करीब 500 करोड़ रुपए है. संस्था की इसी जमीन पर अर्पित नगर, स्वाति विहार, अभिषेक नगर, शिवम परिसर अर्पिता एनक्लेव बना है.