उज्जैन। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने और यहां अलसुबह होने वाली भस्मारती देखने और उसमें सम्मिलित होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं। नॉर्मल तरीके से भी महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालु आते हैं और वीआईपी प्रोटोकॉल के माध्यम से महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन का लाभ लेते हैं पर आचार संहिता के चलते अभी फिलहाल रोक लगा दी गई है.
मंदिर समिति देती थी प्रोटोकॉल : नेताओं को चुनाव के दौरान महाकाल के दर्शन करना है तो उन्हें आचार संहिता खत्म होने का इंतजार करना होगा. आचार संहिता का पालन महाकाल मंदिर की ओर से किया जा रहा है. बता दें कि दर्शन और भस्मआरती के लिए मंदिर समिति प्रोटोकॉल की सुविधा देती है. इसमें शासकीय विभाग, न्यायिक विभाग, प्रेस, राजनीतिक दल व जनप्रतिनिधियों के लिए कोटा निर्धारित है.
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आचार संहिता का पालन: पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू होने से मंदिर प्रशासन ने राजनीतिक दल व जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्रोटोकॉल के लिए आने वाले अतिथियों के नाम लेना बंद कर दिए है. यदि यह सुविधा जारी रखते है तो आचार संहिता उल्लंघन की श्रेणी में आता है. इसलिए गुरुवार से ही मंदिर समिति ने यह व्यवस्था बंद कर दी है. (Break on protocol in Mahakaleshwar temple)
(code of conduct in Mahakaleshwar temple)