उज्जैन। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में रामबाण माने जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रही है. भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में उज्जैन का नाम भी जुड़ गया है. पुलिस ने इस मामले मे 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से आधे किसी न किसी हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ से जुड़े हुए हैं. रविवार को पुलिस ने रेमडेसिविर गिरोह का खुलासा किया.
- 3 रेमडिसिवर इंजेक्शन और 2 मेरेफिनम एंटीबायोटिक इंजेक्शन बरामद
पुलिस के मुताबिक कालाबाजारी में गिरफ्तार हुए लोग अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ के सदस्यों से मिलकर कालाबाजारी कर रहे थे. इनसे 3 रेमडिसिवर इंजेक्शन और 2 मेरेफिनम एंटीबायोटिक इंजेक्शन बरामद किए हैं. ये सभी देशमुख और आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग स्टाफ के सदस्य हैं, जो मरीजों को लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन में कटौती कर लेते थे. यानी मरीज को इंजेक्शन कम लगाते थे और बचे हुए इंजेक्शन अपने साथियों की मदद से ऊंची कीमत पर बाहर अन्य जरूरतमंद लोगों को बेच देते थे. बहरहाल पुलिस उनसे और पूछताछ कर रही है. कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक सभी के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जाएगी.
जीवनरक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते चार गिरफ्तार
- गुप्त सुचना पर धराए सभी आरोपी
उज्जैन में भी लगातार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की सुचना कई दिनों से मिल रही थी. इस पर उज्जैन पुलिस और जिला प्रशासन ने एक हेल्प लाइन नंबर जारी किया था, जिस पर किसी ने इस बात की शिकायत की थी की आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के पास कोई व्यक्ति है, जो ऊंचे दाम पर इंजेक्शन बेचने की बात कर रहे है. इस पर पुलिस ने जाल बिछाया तो कॉलेज के पास तीन लड़के भानु, लोकेश और प्रियेश मिले. इन तिनों की तलाशी ली गई तो इनके पास से रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले. तीनों लोगों से पूछताछ की गई तो पता चला कि वैभव पांचाल और हरिओम ने ये इंजेक्शन बेचने के लिए इन तीनों को दिए थे. इसके बाद इन दोनों ने भी सरफराज राजेश और कुलदीप का नाम लिया. इसके बाद पुलिस ने तीनों से पूछताछ की तो पता चला कि तीनों देशमुख अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में काम करते है, और ये तीनों ही मास्टर माइंड थे.
- 25 इंजेक्शन बेच चुके है आरोपी
इस पुरे गिरोह के ये लोग मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन को बचा लेते और बाहर लाकर बेच देते थे सभी के खिलाफ रासुका लगाने की कार्रवाई की बात उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने की है. फिलहाल इन सभी आठ आरोपियों के खिलाफ चिमन गंज थाने में 188, 420, 120बी, महामारी अधिनयम की धारा में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है. इन्होंने पूछताछ में बताया की अब तक 25 इंजेक्शन बेच चुके है. जीसके लिए इन्होंने 25 से 30 हजार रुपए वसूले है.
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- तीनों मेडिकल कॉलेज फाइनल ईयर के छात्र
एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने बताया कि पकड़ाए 8 आरोपियों में से तीन आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के फाइनल ईयर के छात्र है, जो की कोविड वार्ड में ही काम कर रहे थे. इसके आलावा दो आरडी गार्डी अस्पताल के कर्मचारी है और बाकी मुख्य सरगना तीन आरोपी देशमुख अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड के कर्मचारी है. आरोपियों के कब्जे से तीन रेमडेसिविर इंजेक्शन, दो एंटीबायोटिक इंजेक्शन और दो पहिया वाहन पुलिस ने बरामद किया है.
- आरोपी के नाम
पकड़े गए आरोपी लोकेश पिता निवासी ग्राम बटवडी, प्रियेश चौहान निवासी मीशन कंपाउण्ड, भानु प्रताप राजपूत निवासी ग्राम पांदा थाना टोंकखुर्द जिला देवास, सरफराज शाह निवासी टोककला जिला देवास, वैभव पांचाल निवासी महिदपुर रोड, हरीओम निवासी ग्राम पुलायखोर्द जिला शाजापुर, कुलदिप चौहान निवासी पिपलोदा, राजेश नरवरिया निवासी हामुखेड़ी है.