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हरसिद्धि मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध

चैत्र नवरात्री के मौके पर 51 शक्ति पीठों में से एक हरसिद्धि मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए भक्त घर बैठे ही पूजन-अर्चन कर रहे है.

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हरसिद्धि मंदिर
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Published : Apr 13, 2021, 1:09 PM IST

उज्जैन। चैत्र नवरात्रि आज से शुरू हो गई है. इसी के चलते महाकाल मंदिर के ठीक पीछे स्थित माता हरसिद्धि का मंदिर प्रमुख शक्ति पीठों में से एक है. यही वजह है कि नवरात्रि के मौके पर माता हरसिद्धि के दरबार में दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते है. इस वर्ष कोरोना गाइडलाइन के तहत माता के दर्शन पर प्रतिबंध लगा हुआ है. श्रद्धालु घर बैठे ही पूजन-अर्चन कर रहे है. इसके साथ ही श्रद्धालु गुप्त आराधना भी करते है.

नवरात्रि में घर पर ऐसे करें माता को खुश
इस बार प्रदेश के कई शहरों में कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है. उज्जैन की ही बात करें, तो यहां प्रसिद्ध हरसिद्धि माता मंदिर है, जहां प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता मंदिर के दर्शन के लिए आते है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के बेकाबू होने के चलते लोगों को घर में ही रहकर पूजा-अर्चना करना होगा.

हरसिद्धि माता मंदिर के पुजारी राजेश पुजारी ने बताया कि घर में रहकर ही श्रद्धालु शक्ति की आराधना करें या फिर ऑनलाइन माध्यम से माता के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाए.

हरसिद्धि मंदिर

कोरोना के बीच खत्म हुई चैत्र नवरात्रि, पुजारियों ने की माता की अराधना

हरसिद्धि मंदिर का महत्व
माता हरसिद्धि मंदिर देश के प्रमुख शक्ति पीठों में माना जाता है. शास्त्रों में प्रचलित कथा के अनुसार, उज्जैन के इस स्थान पर सती माता की कोहनी गिरी थी, जिसके चलते ये स्थान शक्ति की आराधना का बड़ा केंद्र बन गया. माता हरसिद्धि को राजा सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी भी माना जाता है. करीब चार हजार साल पुराने इस मंदिर का शास्त्रों में उल्लेख मिलता है. यही वजह है कि माता के दरबार में नवरात्रि पर भक्तों का मेला लगता है.

पुजारियों के मुताबिक, माता हरसिद्धि का मंदिर शक्ति पीठ होने से भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है. नवरात्रि के मौके पर माता हरसिद्धि के दरबार में नौ दिनों तक विशेष पूजा-पाठ चलता हैं. देश-विदेश से भक्त आते है. माता हरसिद्धि से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.

उज्जैन। चैत्र नवरात्रि आज से शुरू हो गई है. इसी के चलते महाकाल मंदिर के ठीक पीछे स्थित माता हरसिद्धि का मंदिर प्रमुख शक्ति पीठों में से एक है. यही वजह है कि नवरात्रि के मौके पर माता हरसिद्धि के दरबार में दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते है. इस वर्ष कोरोना गाइडलाइन के तहत माता के दर्शन पर प्रतिबंध लगा हुआ है. श्रद्धालु घर बैठे ही पूजन-अर्चन कर रहे है. इसके साथ ही श्रद्धालु गुप्त आराधना भी करते है.

नवरात्रि में घर पर ऐसे करें माता को खुश
इस बार प्रदेश के कई शहरों में कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है. उज्जैन की ही बात करें, तो यहां प्रसिद्ध हरसिद्धि माता मंदिर है, जहां प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता मंदिर के दर्शन के लिए आते है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के बेकाबू होने के चलते लोगों को घर में ही रहकर पूजा-अर्चना करना होगा.

हरसिद्धि माता मंदिर के पुजारी राजेश पुजारी ने बताया कि घर में रहकर ही श्रद्धालु शक्ति की आराधना करें या फिर ऑनलाइन माध्यम से माता के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाए.

हरसिद्धि मंदिर

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हरसिद्धि मंदिर का महत्व
माता हरसिद्धि मंदिर देश के प्रमुख शक्ति पीठों में माना जाता है. शास्त्रों में प्रचलित कथा के अनुसार, उज्जैन के इस स्थान पर सती माता की कोहनी गिरी थी, जिसके चलते ये स्थान शक्ति की आराधना का बड़ा केंद्र बन गया. माता हरसिद्धि को राजा सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी भी माना जाता है. करीब चार हजार साल पुराने इस मंदिर का शास्त्रों में उल्लेख मिलता है. यही वजह है कि माता के दरबार में नवरात्रि पर भक्तों का मेला लगता है.

पुजारियों के मुताबिक, माता हरसिद्धि का मंदिर शक्ति पीठ होने से भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है. नवरात्रि के मौके पर माता हरसिद्धि के दरबार में नौ दिनों तक विशेष पूजा-पाठ चलता हैं. देश-विदेश से भक्त आते है. माता हरसिद्धि से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.

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