उज्जैन। बाबा महाकाल (Baba Mahakal) की शाही सवारी (Shahi Sawari) धूमधाम से निकली. शाम 4 बजे बाबा महाकाल चांदी की पालकी पर सवार होकर मंदिर से बाहर निकले तो पुलिस के जवानों ने राजाधिराज को गार्ड ऑफ ऑनर (Guard of Honour) दिया. शाही सवारी में महाकाल के कई रूपों के दर्शन हुए. चंद्रमौलिश्वर चांदी की पालकी पर निकले, तो मनमहेश हाथी पर सवार होकर निकले. इसके अलावा शिव-तांडव, उमा-महेश, घटाटोप, सप्तधान , होल्कर स्टेट के मुखारविन्द ने रथ पर विराजित होकर भक्तों को दर्शन दिए.
छोटे मार्ग से निकली शाही सवारी
कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) के तहत शाही सवारी (Shahi Sawari) भी छोटे मार्ग से निकाली गई. इस दौरान पूरे सवारी मार्ग को भव्य तरीके से सजाया गया था. पूरे सवारी मार्ग पर रेड कार्पेट बिछाई (Red Carpet) गई थी. इसके अलावा आतिशबाजी और लाइट एंड साउंड शो का आयोजन भी किया गया था. श्रद्धालुओं को सवारी मार्ग पर आने की अनुमति नहीं थी. शाही सवारी में पारंपरिक उद्घोषक, तोपची, सलामी गार्ड, घुड़सवार दल, संगीतमय धुन बजाता पुलिस बैंड आकर्षण का केन्द्र रहा.
रामघाट पर हुआ बाबा महाकाल का जलाभिषेक
सवारी बड़ा गणेश मंदिर से होती हुई हरसिद्धि मंदिर के पास से होकर नृसिंह घाट रोड होते हुए सिद्धाश्रम से रामघाट पहुंची. रामघाट पर बाबा महाकाल का पारंपरिक पूजन किया गया. परंपरा के अनुसार सिंधिया राजपरिवार की तरफ से रामघाट पर बाबा महाकाल का पूजन किया गया. केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रामघाट पर बाबा महाकाल का पूजन किया.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया बाबा महाकाल का पूजन
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रामघाट पर बाबा महाकाल का पूजन किया. इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए सिंधिया ने कहा कि उज्जैन की हवाई पट्टी का विस्तारीकरण करने की योजना बनाई जा रही है. सिंधिया ने उज्जैन में एयरपोर्ट बनाने पर विचार करने की भी बात कही.
शिव-पार्वती स्वरूप के पास पूरे समय बैठा रहा कबूतर
बाबा महाकाल की सवारी में इस बार एक और अनोखा नजारा देखने को मिला. महाकाल के शिव-पार्वती स्वरूप के सामने एक कबूतर पूरी सवारी के दौरान बैठा रहा. सवारी में मौजूद लोगों ने दावा किया कि सवारी के मंदिर से बाहर निकलने के बाद यह कबूतर मंदिर से ही आकर शिव-पार्वती के स्वरूप के सामने बैठा था और सवारी के मंदिर पहुंचने के बाद कबूतर फिर से मंदिर में उड़कर चला गया.