उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर का गर्भ गृह शनिवार से आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. श्रद्धालु को मास्क और कोरोना गाइड लाइन का पालन करने के बाद ही प्रवेश दिया गया. 36 दिनों से बाद महाकाल के भक्तों की मुरादे पूरी हुई. (mahakal temple ujjain)
कोरोना को देखते हुए लगाया था प्रतिबंध
कोरोना के खतरे और नववर्ष पर उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति ने 30 दिसंबर से 3 जनवरी तक गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी. इसके बाद सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन और बढ़ते संक्रमण को देखते हुए गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध बढ़ाकर 10 जनवरी किया गया. फिर प्रवेश पर प्रतिबंध को अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया था. (devotee in mahakal temple ujjain)
बसंत पंचमी पर पूरी हुई भक्तों की मुराद
मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की बसंत पंचमी पर मुराद पूरी हो गयी. बीते करीब 36 दिनों से बंद महाकाल मंदिर का गर्भगृह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. शनिवार को दोपहर में जैसे ही श्रद्धालुओं की लाइन को गर्भ गृह में जाने दिए वैसे ही महाकाल मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा. (reverence for baba mahakal on basant panchami)
रसीद कटवाने वालों ने किये दर्शन
महाकाल मंदिर समिति ने कोरोना का संक्रमण और भक्तों की भीड़ कम होने के कारण मंदिर में 1500 रुपए की रसीद कटवाकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी थी. शनिवार को अचानक मंदिर समिति ने निर्णय लेकर गर्भ गृह से दर्शन शुरू कर दिए.
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महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि राज्य सरकार की नई गाइड लाइन के अनुसार शादी में अनलिमिटेड महमानों को बुलाने की परमिशन के बाद मंदिर समिति ने भी फैसला लिया की जब ज्यादा भीड़ नहीं होगी, उस समय श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश मिलेगा. भीड़ होने पर 1500 रुपए देकर गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे श्रद्धालु.