उज्जैन। सावन के तीसरे सोमवार को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शाम 4 बजे के बाद बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार करके महाकाल की सवारी निकली गई, जहां से महाकाल की सवारी शिप्रा नदी के रामघाट के लिए रवाना हुई. शिप्रा नदी के राम घाट पर पहुंचे भगवान महाकाल ने अपने भक्तों को चंद्रमौलेश्वर और महेश के रूप में दर्शन दिए. हालांकि कोरोना के चलते सवारी में सोशल डिस्टेंसिंग बनाएं रखने के लिए ज्यादा भक्तों को शामिल नहीं किया गया है. भक्तों को महाकाल के दर्शन के लिए लाइव प्रसारण का इंतजाम कराया गया है.
बता दें कि सावन के हर सोमवार को निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी का एक अलग महत्व है. सावन के तीसरे सोमवार को निकली महाकाल की सवारी की ऐसी मान्यता है कि महाकाल अपने भक्तों का हाल जानने के लिए शहर भ्रमण पर निकलते हैं. बाबा महाकाल की सवारी में महाकाल पालकी में बैठकर नगर भ्रमण पर निकले. इस साल कोरोना वायरस के कारण भीड़ वाले मार्ग से सवारी न निकालते हुए दूसरे मार्ग से महाकाल की सवारी निकाली गई,
वहीं महाकाल की सवारी देखने के लिए महाकालेश्वर मंदिर की वेबसाइट, फेसबुक, टि्वटर और यूट्यूब के माध्यम से घर बैठे श्रद्धालुओं ने महाकाल की सवारी का लाइव टेलीकास्ट देखा गया. गौरतलब है कि हर साल सावन माह की भस्म आरती में 2 हजार से अधिक भक्त शामिल होते हैं. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालुओं के शामिल होने पर पूरी तरह प्रतिबंध है. आम श्रद्धालु केवल बाबा महाकाल के दूर से ही दर्शन कर सकेंगे.