उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को अब मंदिर परिसर में स्थापित अन्य 60 स्थलों के पौराणिक इतिहास से रूबरू कराया जाएगा. इसकी तैयारी शासन ने पूरी कर ली है, जो आने वाले 1 महीने में शुरू हो जाएगा.
दरअसल, हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते है. इसी के मद्देनजर शासन ने तय किया है कि महाकालेश्वर मंदिर और परिसर में स्थापित अन्य मंदिरों के इतिहास से सभी को रूबरू कराया जाएगा, जिसके लिए मंदिर परिसर में गाइड तैनात किए जाएंगे. इनकी नियुक्ति एग्जाम क्लियर करने के बाद होगी, जिन्हें हर भाषा का ज्ञान होगा.
प्रशासन ने इसके लिए प्रभारी के तौर पर पूर्व प्रशासक सुजान सिंह रावत को काम पूरा करने के आदेश जारी किए हैं. कलेक्टर आशीष सिंह की मानें, तो उज्जैन को ब्रांडिंग के तौर पर लाना है. महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को यहां के इतिहास के बारे में भी पता होना चाहिए, जो बाहर जाकर इसके महत्व और आगे बढ़ाएंगे, जिससे रोजगार भी बढ़ेगा.
बता दें कि, तांत्रिक परंपरा में प्रसिद्ध दक्षिण मुखी पूजा का महत्व 12 ज्योतिर्लिंग में से एक उज्जैन के ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल को ही प्राप्त है. मंदिर के जीर्णोद्धार की बात करें, तो हर युग में मंदिर का निर्माण हुआ है. शुंग, कुषाण, सात वाहन, गुप्त, परिहार, परमार और मराठा काल के बाद वर्तमान में मंदिर का पुनर्निर्माण राणोजी सिंधिया के काल में किया गया.
अब लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार मंदिर का विस्तारीकरण भारतीय जनता पार्टी की सरकार में किया जा रहा है. वहीं मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान 1000 वर्ष पुराना मंदिर भी मिला, जिसको लेकर लगातार टीम जांच जुटी हुई है.
मंदिर के पास अन्य धार्मिक स्थल स्थापित
सिद्धवट मंदिर, शिप्रा नदी रामघाट और त्रिवेणी संगम, काल भैरव मंदिर, हरसिद्धि माता मंदिर, चिंतामन गणेश मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, गढ़कालिका मंदिर, बड़े गणेश मंदिर, सांदीपनि आश्रम, गोपाल मंदिर, शनि मंदिर शामलि है.