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महाकाल मंदिर में ASI, GSI की टीम: शिवलिंग की जांच की और चढ़ने वाले दूध और पानी के सैंपल लिए

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Published : Sep 29, 2021, 5:41 PM IST

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की टीम ने उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचकर शिवलिंग क्षरण के मामले में जांच की. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद दोनों विभाग की टीमें हर साल उज्जैन आकर शिवलिंग और मंदिर के स्ट्रक्चर की जांच करती है.

महाकाल मंदिर में ASI, GSI की टीम
महाकाल मंदिर में ASI, GSI की टीम

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) के शिवलिंग क्षरण के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने हर साल जांच के आदेश दिए थे. जिसके चलते आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की टीम उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंची. आठ सदस्यीय दल ने मंदिर पहुंचकर शिवलिंग की स्थिति का आंकलन किया. जांच दल के सदस्यों ने शिवलिंग की गोलाई, ऊंचाई नापने के साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाई जा रही सामग्री और जल का सैंपल भी लिया.

महाकाल मंदिर में ASI, GSI की टीम

गर्भगृह में जाकर शिवलिंग की जांच की

ASI और GSI की टीम ने महाकालेश्वर के अलावा मंदिर परिसर में स्थित ओंकारेश्वर और नागचंद्रेश्वर मंदिर की स्थिति का भी आंकलन किया. दोनों विभागों की टीम यह जांच रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करेगी. महाकाल मंदिर पहुंची टीम ने महाकाल धर्मशाला में मंदिर सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, पूर्णिमा सिंघी, आरके तिवारी से चर्चा भी की. इसके बाद टीम के सदस्यों ने मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर आधे घंटे तक शिवलिंग की जांच की. टीम मंदिर की जलाधारी से जल के सैंपल भी अपने साथ लेकर गई है.

ओंकारेश्वर, नागचंद्रेश्वर मंदिर की भी जांच

गर्भगृह में जांच के दौरान टीम ने शिवलिंग का गहन परीक्षण किया. सदस्यों ने शिवलिंग की उंचाई, गोलाई का नाप लेकर रिकार्ड में दर्ज किया. शिवलिंग के छिद्र में लगी दूध, दही व पूजन सामग्री निकालकर सैंपल लिया गया. इसके बाद टीम गर्भगृह के ऊपर पहुंचकर ओंकारेश्वर मंदिर के काले पत्थरों की स्थिति को जांचा. साथ ही ओंकारेश्वर मंदिर के ऊपर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर का भी जायजा लिया. दल में शामिल विशेषज्ञों ने मंदिर के पुराने स्ट्रक्चर का आंकलन किया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के डायरेक्टर प्रवीण कुमार ने बताया कि "हमारी टीम में डायरेक्ट साइंस राम निगम, जीएसआई के डायरेक्टर तपन पाल, जीएसआई के वीपी गौर सहित अन्य लोग शामिल थे."

800 करोड़ की लागत से होगा 'महाकाल के दरबार' का विस्तार, 2023 में होगा तैयार, 70 प्रतिशत काम पूरा

भस्म आरती के दौरान लिए जाएंगे भस्म के सैंपल

ASI और GSI की टीम पिछले साल अक्टूबर में भी दौरे पर आई थी. सुप्रीम कोर्ट ने ASI और GSI को हर साल महाकाल मंदिर का दौरा कर रिपोर्ट बनाने और उसे कोर्ट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. इसलिए दोनों विभागों की टीम हर साल महाकाल मंदिर का दौरा कर रही है. फिलहाल यह टीम उज्जैन में ही रुकी हुई है. टीम गुरुवार सुबह होने वाली भस्मारती में भी शामिल होगी और महाकाल को चढ़ाई जाने वाली भस्म के सैंपल लेगी.

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) के शिवलिंग क्षरण के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने हर साल जांच के आदेश दिए थे. जिसके चलते आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की टीम उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंची. आठ सदस्यीय दल ने मंदिर पहुंचकर शिवलिंग की स्थिति का आंकलन किया. जांच दल के सदस्यों ने शिवलिंग की गोलाई, ऊंचाई नापने के साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाई जा रही सामग्री और जल का सैंपल भी लिया.

महाकाल मंदिर में ASI, GSI की टीम

गर्भगृह में जाकर शिवलिंग की जांच की

ASI और GSI की टीम ने महाकालेश्वर के अलावा मंदिर परिसर में स्थित ओंकारेश्वर और नागचंद्रेश्वर मंदिर की स्थिति का भी आंकलन किया. दोनों विभागों की टीम यह जांच रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करेगी. महाकाल मंदिर पहुंची टीम ने महाकाल धर्मशाला में मंदिर सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, पूर्णिमा सिंघी, आरके तिवारी से चर्चा भी की. इसके बाद टीम के सदस्यों ने मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर आधे घंटे तक शिवलिंग की जांच की. टीम मंदिर की जलाधारी से जल के सैंपल भी अपने साथ लेकर गई है.

ओंकारेश्वर, नागचंद्रेश्वर मंदिर की भी जांच

गर्भगृह में जांच के दौरान टीम ने शिवलिंग का गहन परीक्षण किया. सदस्यों ने शिवलिंग की उंचाई, गोलाई का नाप लेकर रिकार्ड में दर्ज किया. शिवलिंग के छिद्र में लगी दूध, दही व पूजन सामग्री निकालकर सैंपल लिया गया. इसके बाद टीम गर्भगृह के ऊपर पहुंचकर ओंकारेश्वर मंदिर के काले पत्थरों की स्थिति को जांचा. साथ ही ओंकारेश्वर मंदिर के ऊपर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर का भी जायजा लिया. दल में शामिल विशेषज्ञों ने मंदिर के पुराने स्ट्रक्चर का आंकलन किया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के डायरेक्टर प्रवीण कुमार ने बताया कि "हमारी टीम में डायरेक्ट साइंस राम निगम, जीएसआई के डायरेक्टर तपन पाल, जीएसआई के वीपी गौर सहित अन्य लोग शामिल थे."

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भस्म आरती के दौरान लिए जाएंगे भस्म के सैंपल

ASI और GSI की टीम पिछले साल अक्टूबर में भी दौरे पर आई थी. सुप्रीम कोर्ट ने ASI और GSI को हर साल महाकाल मंदिर का दौरा कर रिपोर्ट बनाने और उसे कोर्ट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. इसलिए दोनों विभागों की टीम हर साल महाकाल मंदिर का दौरा कर रही है. फिलहाल यह टीम उज्जैन में ही रुकी हुई है. टीम गुरुवार सुबह होने वाली भस्मारती में भी शामिल होगी और महाकाल को चढ़ाई जाने वाली भस्म के सैंपल लेगी.

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