उज्जैन। यूं तो महाकाल की नगरी में हर महाशिवरात्रि भव्य ही होती है. इस पावन पर्व को यहां इतने भक्ति-भाव से मनाया जाता है कि भक्त और भगवान एक हो जाते हैं. लेकिन इस बार महाशिवरात्रि (Mahashiratri 2023) हर मायने में अनूठी रही. महाकाल के भक्तों ने इस महाशिवरात्रि पर शिव ज्योति अर्पणम् कार्यक्रम के तहत 18 लाख से ज्यादा दीपक जलाकर भोले को समर्पित किए. इनसे क्षिप्रा के घाटों को जगमग कर उज्जैन ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स भी अपने नाम कर लिया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पत्नी साधना सिंह के साथ शामिल हुए. गिनीज बुक की टीम ने उनको रिकॉर्ड की कॉपी सौंपी.
मुख्यमंत्री ने पत्नी समेत जलाए दीपक : महाशिवरात्रि पर देश-विदेश से उज्जैन आए करीब 8 लाख श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन कर आराधना की. दिन भर पूरा शहर बम-बम भोले, जय महाकाल के जयकारों से गूंजता रहा. रात में घर-घर दीए जलाए गए. शिव ज्योति अर्पणम् कार्यक्रम के लिए क्षिप्रा घाटों को विशेष तौर पर तैयार किया गया था. यहां कुल 21 लाख दीपक जलाने की तैयारी थी. हालांकि, 18 लाख 82 हजार 229 दीप प्रज्ज्वलित किए गए. सबसे पहले सीएम शिवराज ने पत्नी साधना के साथ दीपक जलाए. इसके बाद 22 हजार वॉलेंटियर्स ने एक साथ दीप जलाकर घाटों को रोशन किया. ऐसा लगा, जैसे सूरज धरती पर उतर आया हो. जैसे ही वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने का अनाउंसमेंट हुआ, लेजर शो शुरू हो गया. आतिशबाजी होने लगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से हर हर महादेव, जय श्री महाकाल के जयकारे लगाकर आयोजन में लगी पूरी टीम को धन्यवाद दिया. महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था बेहतर होने पर जिला प्रशासन की तारीफ भी की.
शिवराज बोले- आज सब कुछ अलौकिक : सीएम शिवराज ने कहा, 'मैं उज्जैनवासियों को बधाई देता हूं. 18,82,229 दीपक जलाकर आपने नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है. महाकाल बाबा की नगरी में आज सब कुछ अलौकिक है. आज से उज्जैन में विक्रम महोत्सव भी प्रारंभ हो रहा है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आनंद की वर्षा हो रही है. शिव और शक्ति के दर्शन हो रहे हैं. शक्ति के बिना काम नहीं चलता है. मैं अपनी मां, बहन और बेटियों में देवी मैया को देखता हूं. हम निम्न मध्यमवर्गीय और गरीब बहनों के सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना शुरू कर रहे हैं. इससे उनके खाते में 1,000 रुपए प्रतिमाह आएंगे.'
जीरो वेस्ट तकनीक : शिव ज्योति अर्पणम् कार्यक्रम जीरो वेस्ट आधारित रहा. ऐसा इसलिए क्योंकि आयोजन में लगी सामग्री को 3R तकनीक से रिसाइकिल किया जाएगा- रिड्यूस, रीसाइकल और रियूज. इसके तहत रात 10 बजे बाद से ही उज्जैन नगर निगम द्वारा खाली तेल की बोतलों को रिसाइकिलिंग के लिए शहर के बाग-बगीचों में कुर्सी, बेंच और गमले आदि बनाए जाने के लिए एकत्रित कर लिया गया. मोमबत्तियों को जलाने के लिए पेपर मैच बॉक्स का उपयोग किया गया था. बची हुई रूई की बत्तियों का भी रजाई, गद्दे और तकिया बनाने में दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा.