उज्जैन। विक्रम यूनिवर्सिटी में शनिवार को 24 वां दीक्षांत समारोह बड़े धूमधाम के साथ आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में 239 छात्रों को PhD, 69 को स्नातकोत्तर और 34 को स्नातक की उपाधि से नवाजा गया. इस दीक्षांत समारोह की सबसे खास बात यह रही कि शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 80 साल की शशिकला रावल को PhD से सम्मानित किया, जो कि टॉपर हैं.
पारंपरिक तरीके से हुआ आयोजन
भारतीय संस्कृति की झलक को पेश करते हुए दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, UGC चेयरमैन डीपी सिंह और कुलपति अखिलेश कुमार पांडे की मौजूदगी में कार्यक्रम की शुरुआत की गई. राजा विक्रमाजीत की मूर्ति पर माल्यार्पण कर पुरोहितों के मंत्रोच्चारण के दौरान ध्वजारोहण किया गया. इसके राजा विक्रमादित्य को फूल चढ़ा कर और दिप प्रज्ववलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई.
342 छात्रों ने कराया था रजिस्ट्रेशन
दीक्षांत समारोह में करीब 342 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें से 239 को PhD, 69 को स्नातकोत्तर और 34 को स्नातक की उपाधि से नवाजा गया है. दीक्षांत समारोह में मानद उपाधि किसी को नहीं दी गई लेकिन इस बार 80 साल की बुजुर्ग महिला शशिकला रावल का नाम टॉप पर रहा. उन्हें राज्यपाल ने जब PhD की डिग्री से नवाजा तो शशिकला भावुक हो गईं. उनके पढ़ाई के इस जुनून को राज्यपाल ने सलाम करते हुए कहा कि अन्य छात्रों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए.
2018-2019 की डिग्री धारकों को मिली उपाधि
जो छात्र 24वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए वे 2018-2019 के PhD उपाधि धारक हैं, जिसमें से स्नातक और स्नातकोत्तर को सिर्फ गोल्ड मेडल दिए गए. सभी छात्रों का यूनिवर्सिटी की ओर से ड्रेस कोट भी तय किया गया था, जिसमें से लड़कियों को ऑफ वाइट कलर का सलवार सूट या साड़ी और लड़कों को कुर्ता पजामा के साथ सिर पर पगड़ी पहनना अनिवार्य था.
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नई शिक्षा निती गौरव का विषय
यही ड्रेस मंत्री गण और सभी स्टाफ भी पहने नजर आए. मंत्री मोहन यादव ने संबोधन के दौरान कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपालन में विक्रम विश्वविद्यालय की भूमिका हम सब के लिए संतोष और गर्व का विषय है. मध्य प्रदेश इस वर्ष से नई शिक्षा नीति को भी लागू करने जा रहा है, जो हमारे लिए गौरव का विषय है. वहीं मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में छात्रों को कहा कि आप सब को और आपके माता-पिता और गुरुजनों को बधाई देती हूं.
माता-पिता का करें आदर-सम्मान
अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल आनंदीबने ने कहा कि आप सबको अपने माता-पिता का आदर करना चाहिएय वही हैं जिन्होंने आज आपको यहां तक पहुंचाया है. वहीं हैं जिन्होंने 9 महीने पेट में रखा और बड़ा किया. किसी भी पद पर, किसी भी डिग्री को हासिल कर लें लेकिन माता-पिता को सम्मान देना न भूलें.
भारत के पास विज्ञान, औद्योगिक में एक समृद्ध विरासत है. देश एक बार फिर जागरूक बनने की दिशा में अग्रसर है. विक्रम विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान-विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना और आगामी सत्र से विभिन्न अध्ययन शालाओं इलेक्ट्रॉनिक, फॉरेंसिक, फूड टेक्नोलॉजी, आर्टिकल्चर, और मत्स्य पालन आदि 100 से ज्यादा पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं. ये नवीन प्रयास राज्य और राष्ट्र के विकास में सहयोग कर विश्वविद्यालय के इतिहास में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करेंगे.