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ऑपरेशन कराने को जमीन पर लेटी रहीं महिलाएं, खामियां छिपाने को प्रबंधन दे रहा सफाई

टीकमगढ़ जिला अस्पताल में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नशबंदी ऑपरेशन कराने आईं महिलाएं ऑपरेशन थियेटर के बाहर जमीन पर लेटी रहीं. जिसके बाद अपनी खामियों को छिपाने के लिए अस्पताल प्रबंधन सफाई देता नजर आया.

टीकमगढ़ जिला अस्पताल
टीकमगढ़ जिला अस्पताल
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Published : Dec 5, 2019, 12:08 AM IST

टीकमगढ़। जमीन पर लेटी ये महिलाएं शासन-प्रशासन की अव्यव्स्थाओं को उजागर कर रहीं हैं. शासन को आइना दिखाती यह तरवीरें जिला अस्पताल टीकमगढ़ की हैं. यहां परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत 30 महिलाओं के नशबंदी ऑपरेशन किए गए. जिसमें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई. नशबंदी ऑपरेशन कराने आई ये महिलाएं कोई व्यवस्थित जगह नहीं होने के कारण ऑपरेशन थिएटर के बाहर जमीन पर ही लेट गईं.

टीकमगढ़ जिला अस्पताल में जमीन पर लेटी रहीं महिलाएं

विरोध किया तो डॉक्टर नहीं करते ऑपरेशन

ईटीवी भारत की टीम जब जिला अस्पताल पहुंची तो पाया कि जहां लोगों के जूते चप्पलें पड़ी हुई हैं वहीं महिलाएं भी लेटी थी. ऐसे में महिलाओं में किसी प्रकार का संक्रमण भी फैल सकता है. जब हमने इस बारे में महिलाओं से बात की, तो इनका दबी जुवान में कहना था कि यदि हम मीडिया को बताएंगे तो डॉक्टर हमारा ऑपरेशन नही करेंगी.

खामियां छिपाने को दी ये सफाई

जब मामले को लेकर ऑपरेशन प्रभारी सिस्टर से बात की गई तो वह अपनी कमियां ढकती नजर आई और बोलीं कि अभी इनको बेहोसी का इंजेक्शन दिया है. इसलिए जमीन पर लिटाया है. पलंग से इनके नीचे गिरने का डर रहता.

अधिकारी टाल गए सवाल

जिला चिकित्सा अधिकारी से जब हमने इस बारे में बात करनी चाही तो सवाल को टालते हुए बोले कि हमें 12000 का लक्ष्य मिला है, लेकिन अभी तक 2300 महिलाओं के ऑपरेशन हो सके और टारगेट जल्द ही पूरा किया जावेगा.

ऐसे पूरा करेगें परिवार नियोजन का टारगेट

लेकिन क्या यह महिलाएं सिर्फ परिवार नियोजन का टारगेट पूरा करने का एक जरीया हैं, अगर अस्पताल आकर तंत्र की लापरवाही से ये बीमार हो जाएंगी तो और कहां इलाज को जाएंगी. यहां अस्पताल प्रबंधन के इस लापरवाह रवैये ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर शासन के कामों का पोल खोल कर रख दी.

टीकमगढ़। जमीन पर लेटी ये महिलाएं शासन-प्रशासन की अव्यव्स्थाओं को उजागर कर रहीं हैं. शासन को आइना दिखाती यह तरवीरें जिला अस्पताल टीकमगढ़ की हैं. यहां परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत 30 महिलाओं के नशबंदी ऑपरेशन किए गए. जिसमें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई. नशबंदी ऑपरेशन कराने आई ये महिलाएं कोई व्यवस्थित जगह नहीं होने के कारण ऑपरेशन थिएटर के बाहर जमीन पर ही लेट गईं.

टीकमगढ़ जिला अस्पताल में जमीन पर लेटी रहीं महिलाएं

विरोध किया तो डॉक्टर नहीं करते ऑपरेशन

ईटीवी भारत की टीम जब जिला अस्पताल पहुंची तो पाया कि जहां लोगों के जूते चप्पलें पड़ी हुई हैं वहीं महिलाएं भी लेटी थी. ऐसे में महिलाओं में किसी प्रकार का संक्रमण भी फैल सकता है. जब हमने इस बारे में महिलाओं से बात की, तो इनका दबी जुवान में कहना था कि यदि हम मीडिया को बताएंगे तो डॉक्टर हमारा ऑपरेशन नही करेंगी.

खामियां छिपाने को दी ये सफाई

जब मामले को लेकर ऑपरेशन प्रभारी सिस्टर से बात की गई तो वह अपनी कमियां ढकती नजर आई और बोलीं कि अभी इनको बेहोसी का इंजेक्शन दिया है. इसलिए जमीन पर लिटाया है. पलंग से इनके नीचे गिरने का डर रहता.

अधिकारी टाल गए सवाल

जिला चिकित्सा अधिकारी से जब हमने इस बारे में बात करनी चाही तो सवाल को टालते हुए बोले कि हमें 12000 का लक्ष्य मिला है, लेकिन अभी तक 2300 महिलाओं के ऑपरेशन हो सके और टारगेट जल्द ही पूरा किया जावेगा.

ऐसे पूरा करेगें परिवार नियोजन का टारगेट

लेकिन क्या यह महिलाएं सिर्फ परिवार नियोजन का टारगेट पूरा करने का एक जरीया हैं, अगर अस्पताल आकर तंत्र की लापरवाही से ये बीमार हो जाएंगी तो और कहां इलाज को जाएंगी. यहां अस्पताल प्रबंधन के इस लापरवाह रवैये ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर शासन के कामों का पोल खोल कर रख दी.

Intro:एंकर इंट्रो / टीकमगढ़ जिले में महिला नसवंदी के दौरान महिलाओ के साथ जानवरो जैसा सलूक महिलाये जमीन पर लौटती रही प्रबंधन ने बनाया महिलाओ का मजाक


Body:वाईट /01 मंजू प्रजापति ओप्रेसन प्रभारी सिस्टर जिला अस्पताल टीकमगढ

वाईट /02 डॉक्टर ओ पी अनुरागी जिलाचिकित्सा अधिकारी टीकमगढ़

वाइस ओबर / टीकमगढ़ जिला अस्पताल में आज परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत महिला नशबंदी ओप्रेसन किये गए और यह लगभग 30 ऑपरेशन किये गए आज ओप्रेसन के पहिले महिलाओ के साथ जानवरो की तरह सलूक किया गया और इन महिलाओ को किसी व्यबस्थित जगह पर नही लिटाया गया और यह बेचारी ऑपरेशन थिएटर के बाहर जमीन पर जानवरो की तरह लोटती पर पीटती रही ऑज असप्ताल प्रबंधन और ऑपरेशन प्रभारी द्वारा महिलाओ का जान बूझकर मजाक बनाया गया यह किसी से छिपा नही जिसे etv भारत ने उजागर किया है !ऑज दोफहर के वाद 30 महिलाओ के ऑपरेशन किये गए लेकिन उससे पहिले सभी महिलाओ को जमीन पर बगैर बिस्तर के लिटाया गया जहाँ न पलंग ओर न बिस्तर बिचारे गांव से आई महिलाये भेड़ बकरियों की तरह बेहोसी में जमीन पर लोटती रही जो एक गलत है !इस तरह से आज महिलाओ का जानबूझकर मजाक बनाया गया


Conclusion:टीकमगढ़ दूर दराज से आई महिलाओ ने दबी जुवान में कहा कि यदि हम मीडिया को बताएंगे तो डॉक्टर हमारा ओप्रेसन नही करेंगी जिससे सभी महिलाये डरती रही और बगैर कैमरे के सब बताती रही देखिए अभी ओर इनकी लापरवाही जिसमे सभी महिलाओं को जानवरों की तरह नम्बरो की चिट चिपकाई गई और जमीन पर छोड़ दिया गया जहां पर यह महिलाये जमीन पर बेसहारा की तरह लेटी है !वहाँ पर लोगो के जूते चप्पलें पड़ी हुई है!जिससे कभी भी इन महिलाओ में किसी भी प्रकार का संक्रमण फेल सकता है !लेकिन इसकी भी कोई परवाह नही यहां के डॉक्टर और सिविलसर्जन को जब इस सम्बंध में ओप्रेसन प्रभारी सिस्टर से पूंछा गया तो वह अपनी कमियां ढकती नजर आई और बोली कि अभी इनको बेहोसी का इंजेक्शन दिया है इसलिए जमीन पर लिटाया पलंग से इनके गिरने का डर रहता और ऑपरेशन के वाद सभी को पलंग दिए जावेंगे वही जिला चिकित्सा अधिकारी इस बात को काटते हुए बोले कि हमे 12000 का लक्ष्य मिला है लेकिन अभी तक 2300 महिलाओ के ओपरेशन हो सके और टारगेट जल्द ही पूरा किया जावेगा ओर मुख्य सवाल से हट गए देखा आप लोगो ने etv भारत ने किस प्रकार परिवार नियोजन की हक्कीत को उजागर किया जिंन महिलाओ की दम पर यह लोग परिवार नियोजन का टारगेट पूरा करते है !और उन्हीं महिलाओ के साथ जानवरो जैसा सलूक
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