टीकमगढ़। जमीन पर लेटी ये महिलाएं शासन-प्रशासन की अव्यव्स्थाओं को उजागर कर रहीं हैं. शासन को आइना दिखाती यह तरवीरें जिला अस्पताल टीकमगढ़ की हैं. यहां परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत 30 महिलाओं के नशबंदी ऑपरेशन किए गए. जिसमें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई. नशबंदी ऑपरेशन कराने आई ये महिलाएं कोई व्यवस्थित जगह नहीं होने के कारण ऑपरेशन थिएटर के बाहर जमीन पर ही लेट गईं.
विरोध किया तो डॉक्टर नहीं करते ऑपरेशन
ईटीवी भारत की टीम जब जिला अस्पताल पहुंची तो पाया कि जहां लोगों के जूते चप्पलें पड़ी हुई हैं वहीं महिलाएं भी लेटी थी. ऐसे में महिलाओं में किसी प्रकार का संक्रमण भी फैल सकता है. जब हमने इस बारे में महिलाओं से बात की, तो इनका दबी जुवान में कहना था कि यदि हम मीडिया को बताएंगे तो डॉक्टर हमारा ऑपरेशन नही करेंगी.
खामियां छिपाने को दी ये सफाई
जब मामले को लेकर ऑपरेशन प्रभारी सिस्टर से बात की गई तो वह अपनी कमियां ढकती नजर आई और बोलीं कि अभी इनको बेहोसी का इंजेक्शन दिया है. इसलिए जमीन पर लिटाया है. पलंग से इनके नीचे गिरने का डर रहता.
अधिकारी टाल गए सवाल
जिला चिकित्सा अधिकारी से जब हमने इस बारे में बात करनी चाही तो सवाल को टालते हुए बोले कि हमें 12000 का लक्ष्य मिला है, लेकिन अभी तक 2300 महिलाओं के ऑपरेशन हो सके और टारगेट जल्द ही पूरा किया जावेगा.
ऐसे पूरा करेगें परिवार नियोजन का टारगेट
लेकिन क्या यह महिलाएं सिर्फ परिवार नियोजन का टारगेट पूरा करने का एक जरीया हैं, अगर अस्पताल आकर तंत्र की लापरवाही से ये बीमार हो जाएंगी तो और कहां इलाज को जाएंगी. यहां अस्पताल प्रबंधन के इस लापरवाह रवैये ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर शासन के कामों का पोल खोल कर रख दी.