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तीन बार से सांसद वीरेंद्र खटीक को मोदी के मंत्री मंड़ल में नहीं मिली जगह, प्रमोशन की थी उम्मीद

डॉक्टर वीरेंद्र खटिक को तीसरी बार सांसद बनने के बावजूद मंत्री मंडल में जगह नहीं मिली है.

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Published : May 31, 2019, 7:20 PM IST

चुनाव प्रचार के दौरान वीरेंद्र खटीक

टीकमगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली है. लोकसभा आरक्षित 06 सीट से ऐतिहासिक मतों से जीत दर्ज करने वाले सांसद डॉ वीरेंद्र खटीक को पीएम मोदी के मंत्री मंडल में जगह नहीं मिली है. बता दे, तीसरी बार सांसद बने वीरेंद्र खटीक को मंत्री मंडल में अपने प्रमोशन की उम्मीद थी.

चुनाव प्रचार के दौरान वीरेंद्र खटीक

डॉक्टर वीरेंद्र खटिक सरल और सहज जरूर है. वे पिछली लोकसभा में राज्यमंत्री भी रहे लेकिन वे जनता ने अपनी कोई पकड़ नहीं बना सके. टीकमगढ़ लोकसभा सीट के 8 विधानसभा सीटों की जनता इनसे नाराज थी और इन पर लगातार सांसद बनने के बाद भी विकास नहीं करवाया गया. जिससे जनता काफी नाराज रहीं है. कई बार तो जनता ने चुनावी प्रचार के दौरान उनको भगाया भी था. इसके पहले उन्होंने छतरपुर के नौगांव में विवादित बयान देते हुए हिन्दुयों को रोहंगिया करार दिया था.

मोदी ने बुन्देलखण्ड से दमोह सासंद प्रह्लाद पटेल को राज्य बनाकर मंत्री मंत्री मंडल को मजबूत किया है जबकि पहली बार दलित वोट को साधने के लिए वीरेंद्र खटिक को मंत्री मंडल में शामिल किया गया था. वहीं इस बार वीरेंद्र खटीक को डिमोशन की मार झेलनी पड़ी है.

टीकमगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली है. लोकसभा आरक्षित 06 सीट से ऐतिहासिक मतों से जीत दर्ज करने वाले सांसद डॉ वीरेंद्र खटीक को पीएम मोदी के मंत्री मंडल में जगह नहीं मिली है. बता दे, तीसरी बार सांसद बने वीरेंद्र खटीक को मंत्री मंडल में अपने प्रमोशन की उम्मीद थी.

चुनाव प्रचार के दौरान वीरेंद्र खटीक

डॉक्टर वीरेंद्र खटिक सरल और सहज जरूर है. वे पिछली लोकसभा में राज्यमंत्री भी रहे लेकिन वे जनता ने अपनी कोई पकड़ नहीं बना सके. टीकमगढ़ लोकसभा सीट के 8 विधानसभा सीटों की जनता इनसे नाराज थी और इन पर लगातार सांसद बनने के बाद भी विकास नहीं करवाया गया. जिससे जनता काफी नाराज रहीं है. कई बार तो जनता ने चुनावी प्रचार के दौरान उनको भगाया भी था. इसके पहले उन्होंने छतरपुर के नौगांव में विवादित बयान देते हुए हिन्दुयों को रोहंगिया करार दिया था.

मोदी ने बुन्देलखण्ड से दमोह सासंद प्रह्लाद पटेल को राज्य बनाकर मंत्री मंत्री मंडल को मजबूत किया है जबकि पहली बार दलित वोट को साधने के लिए वीरेंद्र खटिक को मंत्री मंडल में शामिल किया गया था. वहीं इस बार वीरेंद्र खटीक को डिमोशन की मार झेलनी पड़ी है.

Intro:एंकर इंट्रो / मोदी सरकार में इस बार टीकमगढ़ लोकसभा आरक्षित सीट से लगातार 3 बार सांसद रहे बीरेंद्र खटिक को मोदी मंत्री मंडल में नही मिली जगह


Body:वाइस ओबर / टीकमगढ़ लोकसभा आरक्षित 06 सीट से ऐतिहासिक मतों से जीत दर्ज करने बाले सांसद डॉक्टर वीरेंद्र खटिक को इस बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको अपने मंत्रिमंडल में स्थान नही दिया गया जबकि डॉक्टर वीरेंद्र खटिक टीकमगढ़ लोकसभा सीट से तीसरी बार सांसद चुने गए और इस बार वह 3 ,48,000 हजार मतों से जीते थे और उन्होंने कोंग्रेस की किरण अहिरवार को करारी शिकस्त दी थी और उनको उम्मीद थी कि इस बार उनकी तरक्की होगी और मोदी सरकार में उनको कैविनेट मंत्री बनाया जावेगा लेकिन इस वार वीरेंद्र खटिक जी के मंसूबो पर पानी फिर गया डॉक्टर वीरेंद्र खटिक पहिले सागर लोकसभा सीट से 5 बार सांसद बने और अभी कुल मिलाकर देखा जावे तो यह लगातार 8 वी वार जीतकर सांसद बनते चले आरहे है / डॉक्टर वीरेंद्र खटिक सरल और सहज जरूर है लेकिन यह जनता में अपनी पकड़ बनाने ने कमजोर सावित हुए है और यह पिछली लोकसभा में राज्यमंत्री भी रहे लेकिन यह जनता ने अपनी कोई पकड़ नही बना सके टीकमगढ़ लोकसभा सीट के 8 विधानसभा सीटों की जनता इनसे नाराज थी और इन पर लगातार सांसद बनने के वाद भी विकास नही करवाया गया जिससे जनता काफी नाराज रही रहा सवाल चुनाव जीतने का तो वह चुनाव मोदी की लहर के कारण जीते है जनता इनको पसन्द नही करती थी और कई बार तो जनता ने चुनावी प्रचार के दौरान उनको भगाया भी गया था इसके पहिले यह छतरपुर जिले के नोगाव में विवादित हुए थे जब इन्होंने हिन्दुयों को रोहंगिया करार दिया था यह हमेसा इस बार विवादित रहे और इनको लोग चोपाली बाबा कहकर पुकारते थे क्योंकि यह हमेसा चौपाल लगाकर जनता की समस्याएं सुनते थे लेकिन निराकरण किसी का भी नही होता था जिससे लोग इनसे असन्तुष्ट होने लगे थे और अधिकारी भी उनको कोई तवज्जो नही देते थे टीकमगढ़ लोकसभा सीट 2009 से अस्तित्व में आई और तभी से अभी तक यह यहां से लगातार सांसद बनते चले आरहे है सिर्फ मोदी के नाम पर जनता में इनका परफेन्स ठीक नही होने के चलते इस बसर सायद इनको मंत्री नही बनाया गया है जिससे इनके समर्थक काफी दुखी है इसबार मोदी ने बुन्देलखण्ड से दमोह सासंद प्रह्लाद पटेल को राज्य मंत्री बनाकर मजबूत किया है जबकि पहलीवार दलित वोट को साधने के लिए बीरेंद्र खटिक को मंत्री मंडल में शामिल किया गया था


Conclusion:टीकमगढ़ लेकिन इस बार मोदी ने दलित वोट पर ज्यादा ध्यान न देकर बुन्देलखण्ड में लोधी ओर पिछड़ा वोट को साधने के लिए प्रह्लाद पटेल को मंत्री बनाया गया है वैसे इस बार टीकमगढ़ ओर छतरपुर ओर निवाडी जिले के लोगो को उम्मीद थी कि इसबार वीरेंद्र खटिक ने जीत की हैट्रिक लगाई है जिसके चलते उनको कैविनेट मंत्री बनाया जा सकता है लेकिन मोदी जी ने टीकमगढ़ लोकसभा सीट की लाखों लोगों के सपनो पर पानी फेरा है लोगो को इस बार उम्मीद थी कि वीरेंद्र जी इस बार यदि मंत्री बनते है तो निश्चिततौर पर विकास होगा ओर इस बार वीरेंद्र खटिक ने भी विकास करने का वादा किया था लेकिन अब सब सपना ही नजर आरहा है
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