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सरकारी जमीन नामांतरण के आरोपों को तहसीलदार ने किया खारिज, दी ये दलील

सरकारी जमीनों के नामांतरण के आरोपों को खारिज करते हुए तहसीलदार ने दलील दी है कि उन्हीं जमीनों का नामांतरण किया जा रहा है जो भू- स्वामित्व की हैं.

रिकॉर्ड के आधार पर करते हैं नामांतरण-तहसीलदार
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Published : Oct 31, 2019, 7:44 PM IST

टीकमगढ़। शहर की जमीन के नामांतरण को लेकर टीकमगढ़ तहसीलदार ने सफाई देते हुए कहा कि शहर और उसके आसपास ग्राम पंचायतों में जिन जमीनों के नामांतरण किये गए हैं. वो सारी जमीनें भू- स्वामित्व की हैं. उन जमीनों से सरकार का कोई लेना- देना नहीं है. जिन खसरों की जमीनों के नामान्तरण किये गए हैं, वो लोगों के स्वामित्व की हैं.

सरकारी जमीन नामांतरण के आरोपों को तहसीलदार ने किया खारिज

तहसीलदार अनिल तलैया ने बताया कि रिकॉर्ड के आधार पर जमीन सरकारी नहीं है. बल्कि भू-स्वामित्वों की जमीन है. तहसीलदार ने कहा कि जमीनों का नामांतरण कराना हमारा काम ही हैं. साथ ही तहसीलदार ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें ये कहा गया है कि कुछ अधिकारी सांठगांठ कर सरकारी जमीनों का नामांतरण कर रहे हैं.

क्या है मामला

कुछ स्थानीय समाचार पत्रों ने नामांतरण को लेकर खबर छापी थी कि भू-स्वामित्वों की जमीनों की जगह सरकारी जमीन का अवैध तरीके से नामांतरण किया जा रहा है. इसके अलावा अधिकारियों की भी मिली भगत से तहसीलदार, सरकारी भूमि का नामांतरण कर रहे हैं. इन खबरों को तहसीलदार ने निराधार बताते हुए कहा कि, कहीं भी कोई जमीन खाली नहीं पड़ी है, सभी पर लोगों का स्वामित्व है.

टीकमगढ़। शहर की जमीन के नामांतरण को लेकर टीकमगढ़ तहसीलदार ने सफाई देते हुए कहा कि शहर और उसके आसपास ग्राम पंचायतों में जिन जमीनों के नामांतरण किये गए हैं. वो सारी जमीनें भू- स्वामित्व की हैं. उन जमीनों से सरकार का कोई लेना- देना नहीं है. जिन खसरों की जमीनों के नामान्तरण किये गए हैं, वो लोगों के स्वामित्व की हैं.

सरकारी जमीन नामांतरण के आरोपों को तहसीलदार ने किया खारिज

तहसीलदार अनिल तलैया ने बताया कि रिकॉर्ड के आधार पर जमीन सरकारी नहीं है. बल्कि भू-स्वामित्वों की जमीन है. तहसीलदार ने कहा कि जमीनों का नामांतरण कराना हमारा काम ही हैं. साथ ही तहसीलदार ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें ये कहा गया है कि कुछ अधिकारी सांठगांठ कर सरकारी जमीनों का नामांतरण कर रहे हैं.

क्या है मामला

कुछ स्थानीय समाचार पत्रों ने नामांतरण को लेकर खबर छापी थी कि भू-स्वामित्वों की जमीनों की जगह सरकारी जमीन का अवैध तरीके से नामांतरण किया जा रहा है. इसके अलावा अधिकारियों की भी मिली भगत से तहसीलदार, सरकारी भूमि का नामांतरण कर रहे हैं. इन खबरों को तहसीलदार ने निराधार बताते हुए कहा कि, कहीं भी कोई जमीन खाली नहीं पड़ी है, सभी पर लोगों का स्वामित्व है.

Intro:एंकर इन्ट्रो / टीकमगढ़ शहर में पड़ी बेस कीमती जमीन के नामान्तरण मामले में तहसीलदार ने कहा कि किसी भी सरकारी जमीन का नही किया गया नामान्तरण बदनाम करने की साजिश


Body:वाइट् /01 अनिल तलैया तहसीलदार टीकमगढ़ तहसील


वाइस ओबर / टीकमगढ़ शहर में पड़ी बेशकीमती जमीन मामले को लेकर आज टीकमगढ़ तहसीदार अनिल तलैया का कहना रहा कि टीकमगढ़ शहर और उसके आसपास पंचायतों में जो जमीनों के नामान्तरण किये गए है !वह सारी जमीनें भू स्वामित्व की है !और उनके ही नामान्तरण किये गए किसी भी सरकारी जमीन और सरकारी मद में पड़ी हुई जमीन का कोई नामान्तरण नही किया गया और जिन ख़्सरो की जमीनों के नामान्तरण किये गए वह लोगो के स्वामित्व की है !सरकार के आदेश है !,की एक माह के पहिले जमीनों के नामान्तरण किये जावे ओर कोई भी नामान्तरण ज्यादा दिनों तक लंबित न हो यदि बरसो से परेसान लोगो के नामान्तरण करना गलत है !क्या हमारे द्वारा किसी भी गौचर जमीन और न ही किसी सरकारी जमीन का कोई नामान्तरण नही किया मुझे कुछ दलाल किस्म के लोग परेसान कर हमारी छवि खराब करने का प्रयास कर रहे जिनकी तहसील में उन्होंने दलाली प्रथा बन्द कर दी है !और उनका रहा कि 2002 से इस जमीन पर लगातार नामान्तरण किये गए और लगभग 60 प्लॉट के नामान्तरण किये गए पहिले तहसीलदारों ने यह जमीन कही से भी सरकारी रिकार्ड में दर्ज नही है !


Conclusion:टीकमगढ़ शहर की जमीन के नामान्तरण को लेकर टीकमगढ़ तहसीलदार पर सरकारी जमीन का नामान्तरण करने का आरोप लगा था और कुछ स्थानीय समाचार पत्रों में छापा भी था कि अफसरों की मिली भगत से तहसीलदार ने सरकारी और गोचर भूमि का किया नामान्तरण ओर समाचार पत्र ने छापा था कि 1958 में अनंतपुरा गांव का खसरा नम्बर 569/1गोचर भूमि में दर्ज था लेकिन उस जमीन का नामान्तरण 1976_77 में राजाराम कड़ा के नाम दर्ज कर दिया और फिर रामकृष्ण रावत के नाम रजिस्ट्री कर दी गई फिर 2005_से 19 तक सरकारी जमीन के विवादित होने पर इस जमीन के प्लाट पर रोक लगा दी गई थी लेकिन अब उनके नामान्तरण कर दिए गए इसी प्रकार कुआरपुरा की जमीन खसरा नम्बर 117 में से ऋषि पिता रामदीन साहू के नाम परिवर्तन कर दिए गए इस तरह से समाचार पत्र में छपी खबर को तहसीलदार ने निराधार बताया और कहा कही भी कोई जमीन खाली नही पड़ी सभी पर लोगो का कब्जा ओर स्वामित्व है !और लोगो के मकान पहिले से बने हुए है !और यह जमीन रिकार्ड में भी सरकारी नही है !और उन्होंने कहा कि वह हर प्रकार की जांच को तैयार है !और उन्होंने कहा नामान्तरण निरस्त भी तो हो जाता है !वही इस मामले को कलेक्टर ने भी जांच में लिया है !लेकिन कैमरे के सामने कोई भी व्यक्ति सामने नही आया कि जो यह कह सके कि कोन सी खसरे की जमीन सरकारी थी और न ही किसी ने लिखित में कोई शिकायत की लेकिन इस मामले ने जिले में भूचाल ल दिया है!
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