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कोरोना काल में घर-घर जाकर पढ़ाई करा रहा ये शिक्षक, खुद के खर्चे पर गरीब बच्चों को दिए रेडियो

लॉकडाउन के बाद से ही मध्यप्रदेश में स्कूल-कॉलेज बंद हैं. ऐसे में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए डिजिटल शिक्षा के तहत ऑनलाइन क्लासेस शुरू की गई हैं, लेकिन आलम यह है कि. इससे वो बच्चे नहीं जुड़ पाए, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और उनके पास मोबाइल नहीं हैं. ऐसे में टीकमगढ़ से ऐसी तस्वीर सामने आई है, जहां एक शिक्षक की मेहनत से बच्चे रेडियो के जरिए शिक्षा ले रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर.

radio education system tikamgarh
रेडियो से पढाई
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Published : Aug 6, 2020, 6:10 PM IST

टीकमगढ़। टीकमगढ़ जिले के डूंडा गांव में शिक्षक संजय जैन कोरोना काल में भी अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे हैं और बच्चों में शिक्षा की नींव मजबूत कर रहे हैं. इनके हौसले को कोरोना संकट भी कम नहीं कर पाया, तभी तो संजय जैन रोज अपनी बाइक से सुबह 10 बजे डूंडा गांव पहुंचते हैं और फिर शुरु होती है रेडियो वाली क्लास. शासकीय प्राथमिक शाला डूंडा में पदस्थ्य संजय जैन का अंदाज भी सबसे जुदा है, इसलिए पूरा गांव उनका मुरीद है.

कोरोना काल में घर-घर जाकर पढ़ाई करा रहा ये शिक्षक

संजय जैन का अंदाज सबसे जुदा

कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के बच्चे पढ़ाई से पूरी तरह दूर न हो जाएं, इसके लिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने रेडियो से पढ़ाई की शुरुआत की थी, हालांकि जिन बच्चों के पास रेडियो नहीं हैं उनकी चिंता करते हुए संजय जैन घर-घर जाकर छात्रों की सभी समस्याएं दूर करते हैं उन्हें पढ़ाते हैं और नोटबुक भी कंप्लीट कराते हैं. उनके साथ रेडियो भी रहता, ताकि राज्य शिक्षा केन्द्र की ओर से ऑडियो प्रोग्राम वो बच्चों को सुना सकें. पिछले दो महीने से संजय अपना काम इसी तरह कर रहे हैं और घर-घर जाकर बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं.

new education system tikamgarh
खुद के खर्चे पर गरीब बच्चों को दिए हैं रेडियो

खुद के खर्चे पर बच्चों को दिए रेडियो

'हमारा घर हमारा विद्यालय' योजना के तहत राज्य शिक्षा केन्द्र की ओर से ऑडियो प्रोग्राम में प्रतिदिन रेडियो से विषयवार प्रसारण होता है. आकाशवाणी से एक घंटे के प्रसारण के दौरान हर दिन 15-15 मिनट में चार विषयों का ऐसा ज्ञान दिया जा रहा है, जो प्राथमिक से लेकर माध्यमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए समान रूप से उपयोगी है, लेकिन सरकार द्वारा शुरू की गई डिजीटल शिक्षा से वो छात्र पिछड़ रहे हैं, जिनके पास संसाधन नहीं हैं. ऐसे में जिन बच्चों के पास रेडियो नहीं हैं, उन्हें संजय जैन ने खुद के खर्चे पर रेडियो भी खरीदकर दिए हैं. संजय जैन का मानना है कि, कोरोना काल में जिनके पास मोबाइल नहीं हैं, उनके लिए रेडियो शिक्षा का बड़ा साधन है.

new education system tikamgarh
बच्चों को रेडियो के जरिए दी जा रही शिक्षा

शिक्षा का अहम साधन बना रेडियो

कभी मनोरंजन का साधन रहा रेडियो कोरोना काल में बच्चों के लिए आज शिक्षा का अहम साधन बन गया. कोरोना काल में आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों के लिए संजय जैन किसी उम्मीद से कम नही हैं. संजय जैन के काम को लेकर राजीव गांधी शिक्षा मिशन के टीकमगढ़ समन्वयक हरिश्चंद्र द्विवेदी ने तारीफ की और उन्हें सच्चा कोरोना योद्दा बताया.

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रेडिया बना शिक्षा का साधन

हमारा घर हमारा विद्यालय योजना के तहत पढ़ाई

कोरोना संकट काल में विद्यार्थियों की शिक्षा निरंतरता बनाए रखने के लिए राज्य शिक्ष केन्द्र और स्कूल शिक्षा विभाग ने 'हमारा घर हमारा विद्यालय' योजना तैयार की है, जिसके तहत कोरोना काल में घर-घर जाकर बच्चों को रेडियो के प्रति जागरुक कर संजय जैन ने छात्रों में शिक्षा के प्रति नई आस जगाकर एक तरह से कमाल किया है.

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कोरोना काल में घर-घर जाकर पढ़ाई करा रहा ये शिक्षक

टीकमगढ़। टीकमगढ़ जिले के डूंडा गांव में शिक्षक संजय जैन कोरोना काल में भी अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे हैं और बच्चों में शिक्षा की नींव मजबूत कर रहे हैं. इनके हौसले को कोरोना संकट भी कम नहीं कर पाया, तभी तो संजय जैन रोज अपनी बाइक से सुबह 10 बजे डूंडा गांव पहुंचते हैं और फिर शुरु होती है रेडियो वाली क्लास. शासकीय प्राथमिक शाला डूंडा में पदस्थ्य संजय जैन का अंदाज भी सबसे जुदा है, इसलिए पूरा गांव उनका मुरीद है.

कोरोना काल में घर-घर जाकर पढ़ाई करा रहा ये शिक्षक

संजय जैन का अंदाज सबसे जुदा

कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के बच्चे पढ़ाई से पूरी तरह दूर न हो जाएं, इसके लिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने रेडियो से पढ़ाई की शुरुआत की थी, हालांकि जिन बच्चों के पास रेडियो नहीं हैं उनकी चिंता करते हुए संजय जैन घर-घर जाकर छात्रों की सभी समस्याएं दूर करते हैं उन्हें पढ़ाते हैं और नोटबुक भी कंप्लीट कराते हैं. उनके साथ रेडियो भी रहता, ताकि राज्य शिक्षा केन्द्र की ओर से ऑडियो प्रोग्राम वो बच्चों को सुना सकें. पिछले दो महीने से संजय अपना काम इसी तरह कर रहे हैं और घर-घर जाकर बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं.

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खुद के खर्चे पर गरीब बच्चों को दिए हैं रेडियो

खुद के खर्चे पर बच्चों को दिए रेडियो

'हमारा घर हमारा विद्यालय' योजना के तहत राज्य शिक्षा केन्द्र की ओर से ऑडियो प्रोग्राम में प्रतिदिन रेडियो से विषयवार प्रसारण होता है. आकाशवाणी से एक घंटे के प्रसारण के दौरान हर दिन 15-15 मिनट में चार विषयों का ऐसा ज्ञान दिया जा रहा है, जो प्राथमिक से लेकर माध्यमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए समान रूप से उपयोगी है, लेकिन सरकार द्वारा शुरू की गई डिजीटल शिक्षा से वो छात्र पिछड़ रहे हैं, जिनके पास संसाधन नहीं हैं. ऐसे में जिन बच्चों के पास रेडियो नहीं हैं, उन्हें संजय जैन ने खुद के खर्चे पर रेडियो भी खरीदकर दिए हैं. संजय जैन का मानना है कि, कोरोना काल में जिनके पास मोबाइल नहीं हैं, उनके लिए रेडियो शिक्षा का बड़ा साधन है.

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बच्चों को रेडियो के जरिए दी जा रही शिक्षा

शिक्षा का अहम साधन बना रेडियो

कभी मनोरंजन का साधन रहा रेडियो कोरोना काल में बच्चों के लिए आज शिक्षा का अहम साधन बन गया. कोरोना काल में आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों के लिए संजय जैन किसी उम्मीद से कम नही हैं. संजय जैन के काम को लेकर राजीव गांधी शिक्षा मिशन के टीकमगढ़ समन्वयक हरिश्चंद्र द्विवेदी ने तारीफ की और उन्हें सच्चा कोरोना योद्दा बताया.

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रेडिया बना शिक्षा का साधन

हमारा घर हमारा विद्यालय योजना के तहत पढ़ाई

कोरोना संकट काल में विद्यार्थियों की शिक्षा निरंतरता बनाए रखने के लिए राज्य शिक्ष केन्द्र और स्कूल शिक्षा विभाग ने 'हमारा घर हमारा विद्यालय' योजना तैयार की है, जिसके तहत कोरोना काल में घर-घर जाकर बच्चों को रेडियो के प्रति जागरुक कर संजय जैन ने छात्रों में शिक्षा के प्रति नई आस जगाकर एक तरह से कमाल किया है.

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कोरोना काल में घर-घर जाकर पढ़ाई करा रहा ये शिक्षक
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