टीकमगढ़। प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही बसों को लेकर बस यूनियन और प्रशासन के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. एसडीएम और तहसीलदार ने बस यूनियन के जिलाध्यक्ष पर झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया है. जिससे मामले ने और तूल पकड़ लिया है. टीकमगढ़ के सभी बस ऑनर्स ने कलेक्टर को शिकायत में कहा है कि यदि यह झूठा मामला वापस नहीं लिया गया तो महानगरों से आने वाले मजदूरों को वह लोग घर भेजने के लिए बसें नहीं भेजेंगे.
फंसे मजदूरों को स्पेशल ट्रेन द्वारा 13 मई को टीकमगढ़ लाया गया था. इस दौरान प्रशासन की मदद से सभी मजदूरों को उनके जिले छोड़ने के लिए 50 बसें लगाई गई थी. लेकिन उनमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना था और हर बस में 25 से लेकर 30 सवारियां से ज्यादा नहीं बिठानी थी. लेकिन बस मालिक का आरोप है कि तहसीलदार और एसडीएम ने बसों में 70 से लेकर 80 सवारियां बिठाना चालू कर दी जिसका बस स्टाफ ने विरोध किया तो दोनों अधिकारियों ने बस स्टाफ को धमकाया और कहा कि सभी बसें बंद कर देंगे.
वहीं बस मालिकों का कहना है कि एक तो हम जिला प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं. दूसरी तरफ तहसीलदार और एसडीएम द्वारा गुंडागर्दी जनता के काम में परेशानी खड़ी कर रहे हैं. इसलिए इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की है.