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शौक को बनाया जुनून, 12 रंगों के कुल तीन सौ कबूतर पाल कर बनाई पहचान

टीकमगढ़ जिले में रहने वाले रहीश खान पर कबूतर पालने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि, उन्होंने धीरे- धीरे 12 रंगों के कुल तीन सौ कबूतर एकत्र कर लिए.

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कबूतर पालने का शौकीन
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Published : Dec 30, 2019, 6:22 PM IST

Updated : Dec 31, 2019, 8:43 AM IST

टीकमगढ़। रहीश खान नाम के युवक पर कबूतर पालने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उसने धीरे- धीरे कुल 12 रंगों के तीन सौ कबूतर एकत्र कर लिए. खास बात ये है कि ये सभी कबूतर एक आवाज में रहीश के पास एकत्र हो जाते हैं.

कबूतर पालने का शौकीन

रहीश खान का कबूतर पालने का सिलसिला तकरीबन आठ साल से चल रहा है. इनके पास बड़े ही सुंदर और आकर्षक कबूतर हैं. रहीश बताते है कि, वो कबूतर आगरा और लखनऊ से लाए थे और आज यह सैकड़ों कबूतर टीकमगढ़ की शान बन चुके हैं. कबूतरों को दाने में गेंहू, चावल,राई, बाजरा दिया जाता है. दाना खाने के बाद ये आसमान में अपनी उड़ान भरते हैं और शाम को घूम फिर के वापस घर आ जाते हैं. इन कबूतरों को देखने के लिए दूर- दूर से लोग रहीश के घर पहुंचते हैं.

रहीश जितना प्रेम इन कबूतरों से करते हैं उतना ही प्यार ये कबूतर भी जुनून उनसे करते हैं, तभी तो उनकी एक आवाज पर उड़ कर उनके पास आ जाते हैं. रहीश ने इन कबूतरों के लिए छत पर दो कमरे बनवाए हैं और उन कमरों में बकायदा रूम हीटर लगवाया है. जिससे ठंडी के मौसम में इन कबूतरों को बचाया जा सके और गर्मी में इन कमरों में कबूतरों के लिए कूलर लगाते हैं.

टीकमगढ़। रहीश खान नाम के युवक पर कबूतर पालने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उसने धीरे- धीरे कुल 12 रंगों के तीन सौ कबूतर एकत्र कर लिए. खास बात ये है कि ये सभी कबूतर एक आवाज में रहीश के पास एकत्र हो जाते हैं.

कबूतर पालने का शौकीन

रहीश खान का कबूतर पालने का सिलसिला तकरीबन आठ साल से चल रहा है. इनके पास बड़े ही सुंदर और आकर्षक कबूतर हैं. रहीश बताते है कि, वो कबूतर आगरा और लखनऊ से लाए थे और आज यह सैकड़ों कबूतर टीकमगढ़ की शान बन चुके हैं. कबूतरों को दाने में गेंहू, चावल,राई, बाजरा दिया जाता है. दाना खाने के बाद ये आसमान में अपनी उड़ान भरते हैं और शाम को घूम फिर के वापस घर आ जाते हैं. इन कबूतरों को देखने के लिए दूर- दूर से लोग रहीश के घर पहुंचते हैं.

रहीश जितना प्रेम इन कबूतरों से करते हैं उतना ही प्यार ये कबूतर भी जुनून उनसे करते हैं, तभी तो उनकी एक आवाज पर उड़ कर उनके पास आ जाते हैं. रहीश ने इन कबूतरों के लिए छत पर दो कमरे बनवाए हैं और उन कमरों में बकायदा रूम हीटर लगवाया है. जिससे ठंडी के मौसम में इन कबूतरों को बचाया जा सके और गर्मी में इन कमरों में कबूतरों के लिए कूलर लगाते हैं.

Intro:एंकर इन्ट्रो / टीकमगढ़ जिले में एक युबक को कबूतर पालने का अजीव जूनून सवार है ! यह 300 कबूतर पाल रहा है तकरीबन 8 सालो से ओर उनकी करता है सेवा


Body:वाईट /01 रहीश खान कबूतर पालने बाला टीकमगढ़

वाईट /2,3 भगवानदास कुशवाहा ढोगा टीकमगढ़

वाइस ओबर / कहते है !कि इंसान की प्रेम की बोली में जानबर भी बस में हो जाते है !और एक आवाज पर जानवर ओर पक्षी दौड़े चले आते है !यह बात सो आने सत्य है !जिसे रहीस खान ने सिद्ध कर दिया है !इनकी एक आवाज पर सैकड़ों कबूतर दौड़े चले आते है !और यह नजारा देखने ही मुहहले के लोग दंग रह जाते है !दरअसल टीकमगढ़ शहर की ढोंगा बस्ती में रहने बाले रहीश खान पेशे से मोटरबाइडिंग का काम करते है !लेकिन वह तकरीबन 8 साल से कबूतर पालने का आजीव शौकीन है !यह अपने मकान के ऊपर तकरीबन 300 कबूतर पाले हुए है !और उनकी दिन रात सेवा करते है !उनको कबूतर पालने का अजीव शोक है !इनके पास 12 रंगो के बड़े ही सुंदर और आकर्षक कबूतर है !जिसमे नर और मादा दोनों ही प्रकार के कबूतरों के जोड़े है !यह कबूतर रहीश भाई आगराओर लखनऊ से लाये थे और आज यह सैकड़ों कबूतर टीकमगढ़ शहर की शान बने हुए है !यह कबूतर चाहे आसमान में कुलांचे मार रहै हो या फिर कही पर बैठे हो लेकिन जैसे ही रहीस भाई आवाज लगाते है !तो सारे कबूतर एक आवाज पर दौड़े चले आते है !और सभी इनको बेहद प्रेम करते है !


Conclusion:टीकमगढ़ शहर में पले यह कबूतर जब आसमान में उड़ते है तो सभी रंगों के साथ इंद्रधनुष की तरह सुंदर लगते है !और लोग उनको आसमान में उड़ना ज्यादा पसंद करते है !और फिर जब यह अपने घरौंदे पर आकर बैठते है !और अत्यधिक सुंदर लगते है !रहीश भाई को कबूतर अच्छे लगते थे सो उन्होंने 8 साल पहिले उनको पालने का शौक किया था जो आजतक चल रहा है!यह कबूतरों को बच्चो की तरह पालते है !और उनकी परवरिश करते है !इन्होंने मकान की छत पर कबूतरों के लिए अलग अलग 2 कमरे बनाये है !जिसमे ठंडी के मोशम में ठंड से बचाने के लिए कबूतरों के कमरों में हीटर बगैरा लगाए गए है !और गर्मियों के मोशम में इनके कमरों में कूलर बगैरा लगाए जाते है !जिससे इन कबूतरों को मोशम की मार से बचाया जा सके और उनको सुरक्षित किया जा सके यह कबूतरों को दाने में गेंहू, चावल,राई,बाजार दिया जाता जो इनको में 3 बार दिया जाता है !और फिर दिनभर यह सारे कबूतर आसमान में कुलांचे मारने ओर घूमने निकल जाते है !और शाम को फिर अपने घरोदो में बापिस आजाते है !यह कबूतर देखने दृर दृर से लोग रहीस भाई के घर जाते है
Last Updated : Dec 31, 2019, 8:43 AM IST
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