टीकमगढ़। रहीश खान नाम के युवक पर कबूतर पालने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उसने धीरे- धीरे कुल 12 रंगों के तीन सौ कबूतर एकत्र कर लिए. खास बात ये है कि ये सभी कबूतर एक आवाज में रहीश के पास एकत्र हो जाते हैं.
रहीश खान का कबूतर पालने का सिलसिला तकरीबन आठ साल से चल रहा है. इनके पास बड़े ही सुंदर और आकर्षक कबूतर हैं. रहीश बताते है कि, वो कबूतर आगरा और लखनऊ से लाए थे और आज यह सैकड़ों कबूतर टीकमगढ़ की शान बन चुके हैं. कबूतरों को दाने में गेंहू, चावल,राई, बाजरा दिया जाता है. दाना खाने के बाद ये आसमान में अपनी उड़ान भरते हैं और शाम को घूम फिर के वापस घर आ जाते हैं. इन कबूतरों को देखने के लिए दूर- दूर से लोग रहीश के घर पहुंचते हैं.
रहीश जितना प्रेम इन कबूतरों से करते हैं उतना ही प्यार ये कबूतर भी जुनून उनसे करते हैं, तभी तो उनकी एक आवाज पर उड़ कर उनके पास आ जाते हैं. रहीश ने इन कबूतरों के लिए छत पर दो कमरे बनवाए हैं और उन कमरों में बकायदा रूम हीटर लगवाया है. जिससे ठंडी के मौसम में इन कबूतरों को बचाया जा सके और गर्मी में इन कमरों में कबूतरों के लिए कूलर लगाते हैं.