टीकमगढ़। समाज के प्रति दायित्व किस तरह से निभाया जाता है, यह टीकमगढ़ के रफीक खान से सीखना चाहिए. दरअसल शुक्रवार को ईद मनाई जानी है. कोरोना के साए में लोग इस बार ईद घरों में ही मनाएंगे. लेकिन समाज में कई ऐसे लोग हैं जो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, और ईद मनाने में सक्षम नहीं हैं. इन्हीं लोगों की मदद करने का जिम्मा रफीक ने उठाया है. रफीक खान ने अपने पास रखा सारा पैसा राशन बांटने में खर्च कर दिया. बाद में जब पैसे खत्म हो गए, तो उन्होंने लोगों की मदद करने के लिए अपनी मोटर साइकिल तक बेच दी.
रफीक ने पेश की मिसाल
मुश्किल की इस घड़ी में रफीक खान लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं. अपने पास से जितना हो सके वह गरीबों को राशन, सब्जी, तेज और बाकी चीजें देने की कोशिश कर रहे हैं. उनका मानना है कि इस दुनिया में सबसे बड़ा धर्म इंसानियत का है. रफीक ने बाताया कि उन्हें बचपन से ही लोगों की सेवा करना अच्छा लगता है. जब पिछले साल लॉकडाउन लगा तो उन्होंने कई गरीब लोगों को परेशान देखा था. अब एक बार फिर यह आपदा देश में आई है. जिसके बाद उन्होंने मदद का प्रण लिया. और लगातार इसमें लगे भी हुए हैं.
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रफीक खान ने कहा, 'कई ऐसे परिवार के लोग हैं जो भूखे सोने को मजबूर हैं. ऐसे में मेरा मन नहीं माना और पिछले पांच दिनों पहले मैंने यह सोचा कि पैसा तो फिर कमा लेंगे, लेकिन अभी अगर किसी का पेट भर दिया तो सबसे ज्यादा नेक काम होगा. मैंने पहले जितने पैसे मेरे पास रखे थे वह गरीबों के लिए खर्च किए. जब पैसों की कमी आई तो बाइक बेच दी.'