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टीकमगढ़ जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल, मरीजों के नहीं मिल पा रहा है बेड

टीकमगढ़ जिला अस्पताल में बेड की कमी की वजह से मरीजों को जमीन पर लेटकर अपना इलाज करवाना पड़ रहा है. वहीं अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर का कहना है कि शासन को सौ बेड बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है.

टीकमगढ़ जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल
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Published : Sep 19, 2019, 6:28 PM IST

टीकमगढ़। जिला अस्पताल में सुविधाएं नहीं होने से मरीजों की समस्याएं दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. अस्पताल में बेड नहीं होने के चलते मरीजों को जमीन पर लेटकर अपना इलाज करवाना पड़ता है. कई बार तो एक ही पलंग पर दो मरीजों का उपचार करना पड़ रहा है.
वहीं अस्पताल स्टाफ का व्यवहार भी मरीजों के प्रति सही नहीं है. बारिश के मौसम में वॉयरल के करीब 1500 से 1800 मरीज आते हैं, लेकिन डॉक्टर और सुविधाओं की कमी के चलते मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है.

टीकमगढ़ जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल
जिला अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन एके नायक का कहना है कि इस मौसम में छोटे छोटे बच्चों को सर्दी-जुकाम और उल्टी-दस्त और बड़े लोगों में वायलर फीवर फैलने से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिस कारण सभी को पलंग उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. जिला अस्पताल में 200 पलंग है और मरीज ज्यादा होने पर उनको जमीन पर लिटाकर इलाज करना पड़ रहा है. वहीं अस्पताल में 53 डॉक्टर के पद हैं, लेकिन यहां पर मात्र 23 डॉक्टर ही पदस्थ हैं. डॉक्टर एके नायक ने बताया कि शासन को अस्पताल में 100 बेड बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है.

टीकमगढ़। जिला अस्पताल में सुविधाएं नहीं होने से मरीजों की समस्याएं दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. अस्पताल में बेड नहीं होने के चलते मरीजों को जमीन पर लेटकर अपना इलाज करवाना पड़ता है. कई बार तो एक ही पलंग पर दो मरीजों का उपचार करना पड़ रहा है.
वहीं अस्पताल स्टाफ का व्यवहार भी मरीजों के प्रति सही नहीं है. बारिश के मौसम में वॉयरल के करीब 1500 से 1800 मरीज आते हैं, लेकिन डॉक्टर और सुविधाओं की कमी के चलते मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है.

टीकमगढ़ जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल
जिला अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन एके नायक का कहना है कि इस मौसम में छोटे छोटे बच्चों को सर्दी-जुकाम और उल्टी-दस्त और बड़े लोगों में वायलर फीवर फैलने से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिस कारण सभी को पलंग उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. जिला अस्पताल में 200 पलंग है और मरीज ज्यादा होने पर उनको जमीन पर लिटाकर इलाज करना पड़ रहा है. वहीं अस्पताल में 53 डॉक्टर के पद हैं, लेकिन यहां पर मात्र 23 डॉक्टर ही पदस्थ हैं. डॉक्टर एके नायक ने बताया कि शासन को अस्पताल में 100 बेड बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है.
Intro:एंकर इंट्रो / टीकमगढ़ जिला अस्पताल में मरीजो की समस्याये दिनों दिन बढ़ती जा रही अभी बीमारी के मौषम में मरीजो को अस्पताल में पलंग नशीब नही होने से जमीन पर लेटकर करवाना पड़रहा है सड़को मरीजो को इलाज


Body:वाइट् /01 स्वामी यादव मरीज परिजन भदौरा गांव

वाइट् /02 डॉक्टर ए के नायक प्रभारी सिविल सर्जन जिला अस्पताल टीकमगढ़

वाइस ओबर / टीकमगढ़ जिला अस्पताल में इस बीमारियों के मौषम में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है और मरीजो को समय से सही उपचार नही मिल पा रहा है जिससे सेकड़ो मरीज परेसान है !और जिला अस्पताल में अभी सबसे बड़ी समस्या पलँगो की है !क्योंकि उनको पलंग नही मिलने से मरीजो को जमीन पर ओर पट्टियों पर लिटाकर उपचार दिया जा रहा है जिससे मरीजो को काफी परेसानी हो रही है !,तो वही एक पलंग पर दो दो मरीजो को लिटाकर उपचार किया जा रहा है जिससे मरीजो में संक्रमण फैलने का डर रहता है लेकिन यहां पर तो स्टाफ नर्स तो मरीजो को बलाय समझकर उल्टा सीधा इलाज करती है और मरीजो के साथ बोलने का तरीका भी ठीक नही टीकमगढ़ जिला अस्पताल में अभी मोशमी बॉयलर फैलने से प्रतिदिन 1500 से लेकर 1800 मरीजो की ओपीडी होती है लेकिन डॉक्टर न होने और पलंग न होने से मरीजो को जमीन पर लिटाकर ईलाज किया जाता है !जिससे मरीजो को काफी परेसानी का सामना करना पड़ता है !मरीजो के परिजनों ने अपनी समस्या बताई ओर कहा पलंग नही होने से हम लोगो को जमीन पर लिटाया जा रहा है तो वही जिला अस्पताल के प्रभारी सिविलसर्जन का कहना रहा कि इस मौषम में सबसे ज्यादा छोटे छोटे बच्चों को सर्दी जुकाम ओर दस्त उल्टी की बीमारी फेल रही है तो वही बड़े लोगो मे इस समय वायलर फीवर फैलने से मरीजो की संख्या बढ़ रही है जिस कारण सभो को पलंग उपलब्ध नही हो पारहे है क्योकि जिला अस्पताल में मात्र 200 पलंग है और मरीज ज्यादा होने पर उनको मजबूरी में जमीन पर लिटाकर इलाज करना पड़ रहा है !अभी मध्यप्रदेश शासन को 100 ओर बेड बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है


Conclusion:टीकमगढ़ जिला अस्पताल में पलंग कम और मरीज ज्यादा होने के कारण मरीजो को जमीन पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है जैसे ही इस अस्पताल में पलंग बड़जाते है तो सभी मरीजो को पलंग उपलब्ध होसकेंगे यह कहना रहा प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर ए के नायक का तो वही जिला अस्पताल में बेसे भी डॉक्टरों की कमी है जिससे मरीजो को समय से इलाज नही मिल पाता है !इस अस्पताल में 53 डॉक्टर के पद है लेकिन यहां पर मात्र 23 डॉक्टर ही पदस्थ है जिससे मरीजो को समस्या होती है !इस समय बॉयलर फीवर के कारण अस्पताल मरीजो से खचा खच भरा रहता है और डॉक्टर भी ज्यादा भीड़ होने पर ढंग से मरीजो को नही देख पाते है ऐसे में मरीजो को बड़ी दिक्कत होती है
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