निवाड़ी। कोरोना के चलते शासन के सख्त निर्देश हैं कि कोई भी घर से बाहर ना निकले. इस दौरान लोगों के घरों में रहने का सहारा मोबाइल, टीवी, और कूलर है. लेकिन निवाड़ी जिले में दो दिनों से बिजली सप्लाई बंद है. तेज तूफान के कारण चार सौ खंभे और 10 बड़े मेन लाइन सप्लाई के खंभे गिरकर घने जंगल में समा गए. सूचना के बाद विद्युत मंडल के अधिकारी आरएन दुबे और देवेश शर्मा अपनी टीम के साथ पहुंचे, जहां उन्होंने 7 से 10 दिनों के काम को केवल 36 घंटे में पूरा कर बिजली सप्लाई बहाल की.
टीकमगढ़ और निवाड़ी जिला में इन दिनों लोग कोरोना के साथ- साथ मौसम की भी मार झेल रहे हैं. कई बार 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलती हैं. निवाड़ी घने वन क्षेत्र का जिला है. जिसमें ओरछा से पृथ्वीपुर लगभग 30 किलोमीटर की एक रेंज है. जहां लंबे-लंबे पेड़ हैं. इन्हीं के बीच से ही विद्युत मंडल की हाईटेंशन लाइनें भी निकली हुई हैं.
चक्रवात से विद्युत व्यवस्था ठप
बता दें, प्रतापपुरा इंडस्ट्रियल एरिया भी इन्हीं विद्युत लाइनों से जुड़ा हुआ है. 3 मई की रात को एक घना चक्रवात आया, जिसमें लगभग 5 सौ से 6 सौ पेड़ गिर गए. साथ ही पूरी जिले की विद्युत व्यवस्था ठप हो गई.
विद्युत कर्मचारियों ने दिखाई सूझबूझ
विद्युत कर्मचारियों ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए घने जंगल में वन विभाग की परमिशन लेकर तत्काल अपनी जेसीबी मशीनों के साथ लाइन चालू करने का काम शुरू किया. अधिकारियों की ने 7 से 10 दिनों के काम को अपनी सूझबूझ से महज 36 घंटे में ही पूरा कर लिया. बिजली आने के बाद लोगों के चेहरे पर खुशी नजर आई.
विद्युत मंडल को एक करोड़ रुपए का हुआ नुकसान
विद्युत मंडल के अधीक्षण अभियंता एमके सोनी ने बताया कि, इस चक्रवात में विद्युत मंडल को एक करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि, विद्युत का समुचित उपयोग करें. समय पर बिल जमा करें और विद्युत विभाग का सहयोग करें. इस पूरी कार्रवाई में एसएन चतुर्वेदी कार्यपालन अभियंता, आरएन दुबे कनिष्ठ अभियंता और देवेश शर्मा लाइनमैन का विशेष योगदान रहा.