छतरपुर। जिले के नौगांव के रहने वाले 12वीं क्लास के स्टूडेंट ने मिसाइल इनोवेशन किया है. स्टूडेंक का नाम प्रखर विश्वकर्मा हैं. इस मिसाइल में खास है, कि ये दुश्मन पर हमला करने के बाद लांच पैड पर वापस लौट आने में सक्षम है. बता दें, प्रखर अपने रिटायर्ड बैंककर्मी नाना सीताराम विश्वकर्मा के साथ रहते हैं.
वैसे प्रखर मूल रुप से जिला टीकमगढ़ के लारौन गांव के रहने वाले हैं. उम्र में 16 साल के प्रखर आम बच्चों और छात्रों जैसे बिल्कुल नहीं है. उन्हें बेवजह की एक्टिवटी में समय खराब करना पसंद नहीं है. वे मोबाइल गेम से भी दूरी बनाकर रखते हैं. पलेरा के मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले प्रखर की बचपन से ही अंतरिक्ष में रुचि रही है. इसी के चलते उन्होंने कम उम्र में इस तरह के बड़े मिसाइल का इनवोशन में सफलता पाई है. मिसाइल कबाड़ और जुगाड़ के सामान से तैयार की गई है.
मिसाइल इनोवेशन पर क्या बोले प्रखर: मिसाइल का 70% काम पूरा हो चुका है. मिसाइल में दो इंजन लगाए जा रहे हैं. इसमें पहला इंजन मिसाइल लॉन्च करने और दूसरा इंजन हमला करने के बाद वापिस मिसाइल को रिटर्न लॉन्च पैड लाने में सक्षम होगा. इस मिशन को राम (रियुजेबल ऑटोमैटिक मिसाइल) नाम दिया है. इसकी मारक क्षमता 5 से 6 किमी तक है. स्पीड भी 400 मीटर प्रति सेकंड है. जो हमला करने के बाद 5 से 6 किमी से वापस आ सकेगी. मिसाइल को लॉन्च में लगने वाले फ्यूल को कैरोसिन, पोटेशियम नाइट्रेट, सोडियम क्लोरेट से मिलाकर तैयार किया है.
ये भी पढ़ें... |
मिसाइल कंट्रोलर और लांच पैड का काम बाकी: प्रखर ने बताया- "मिसाइल को हमला करने के बाद वापस बुलाने के लिए मिसाइल कंट्रोलर पर काम हो रहा है, यह कार्य भी लगभग पूरा हो गया है. इसके अलावा मिसाइल के लांच पैड के निर्माण के साथ इसके परीक्षण करने की अनुमति मिलना शेष है."
चंद्रयान 3 और आदित्य एल1 की लांचिग में लिया था हिस्सा: प्रखर ने अभी बीते दिनों इसरो के महत्त्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान 3 और आदित्य एल1 के लॉन्च का हिस्से रहे, उनका सिलेक्शन युवा इसरो की तरफ से किया गया था.
इसके अलावा प्रखर विश्वकर्मा ने बताया कि उसने MSMI में अपनी कंपनी रजिस्टर्ड की है. ये वैज्ञानिक पद्धति से ईजाद होने वाली चीजों पर रिसर्च, डेवलपमेंट आदि पर काम करती है. इसी कंपनी के तहत मिशन राम पर कार्य हो रहा है.
स्पेस क्विज में बने थे विनर: इसरो और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग की तरफ से आयोजित स्पेस क्विज में प्रखर विनर रह चुके हैं. उन्हें इसरो नासा और कई संस्थानों ने सम्मानित किया है. प्रखर विश्वकर्मा बतातें है कि वह शुरू से ही अंतरिक्ष प्रेमी हैं. इसरो के हर मिशन को उन्होंने मोबाइल टीवी पर लाइव देखा है.वो भी आगे चलकर खगोल वैज्ञानिक बनना चाहता हैं. इसके क्षेत्र में देश की सेवा करना चाहता है. प्रखर विश्वकर्मा के पिता रघुनंदन विश्वकर्मा है और माता का नाम अरुण कुमारी है.